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  • क्या दिवाली से पहले जारी होगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जान लें किस्त को लेकर लेटेस्ट अपडेट

    क्या दिवाली से पहले जारी होगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जान लें किस्त को लेकर लेटेस्ट अपडेट

    PM Kisan Yojana 21st Installment:  केंद्र सरकार देश के लोगों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाती है. इनमें अलग-अलग तबकों से आने वाले लोगों के लिए सरकार अलग-अलग योजना चलाती है . देश की अच्छी खासी आबादी किसानों की है. जिनमें से बहुत से किसान खेती के जरिए ज्यादा पैसे नहीं कमा पाते. इन किसानों को सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत साला 6000 रुपये दिए जाते हैं. 

    जो साल में तीन किस्तों में दिए जाते हैं. अब तक इसकी कुल 20 किस्तें भेजी जा चुकी है. अब किसानों को 21वीं किस्त का इंतजार है. कई लोग यह कयास लगा रहे हैं कि दिवाली के आसपास सरकार इस किस्त को जारी कर सकती है. चलिए आपको बताते हैं क्या है इसे लेकर लेटेस्ट अपडेट.  

    सरकार की ओर साल भर में चार महीनों के अंतराल पर तीन किस्तें दी जाती है. पिछली यानी 20वीं किस्त अगस्त के महीने में जारी की गई थी. इस हिसाब से देखा जाए तो 21वीं किस्त नवंबर के आसपास भेजी जा सकती है. क्योंकि अब दिवाली बेहद करीब है. तो ऐसे में किसान यह सोच रहे हैं शायद भारत सरकार किसानों को दिवाली का तोहफा देते हुए इस किस्त को दिवाली के आसपास जारी कर दे. आपको बता दें सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित राज्यों में 21वीं किस्त भेजी जा चुकी है.

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    लेकिन बाकी राज्यों के लिए 21वीं किस्त को लेकर फिलहाल सरकार की ओर से इसे लेकर कोई नई जानकारी जारी नहीं की गई है. आपको बता दें सामान्य तौर पर किस्त जारी होने से पहले ही उसके बारे में सूचना दे दी जाती हैं.  अभी की स्थिति देखें तो किस्त फिलहाल जारी होती हुई नजर नहीं आ रही है. किसानों को पीएम किसान योजना के अधिकारिक वेबसाइट पर किस्त की अपडेट चेक करने के लिए नजर बनाए रखनी जरूरी है. 

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    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभ लेने वाले सभी किसानों को पहले ही इस बारे में हिदायत दे दी गई है कि उन्हें कुछ काम पूरे करवाने होंगे जिनमें ई-केवाईसी, भू-सत्यापन जैसे काम बेहद जरूरी है, इसके अलावा किसानों को यह भी चेक करना होगा कि उनके योजना से जुड़े बैंक खाते में कोई जानकारी गलत दर्ज तो नहीं है. अगर ऐसा होता है तो किस्त रुक सकती है. इसलिए इन सभी कामों को भी जल्द से जल्द पूरा करवाना जरूरी है.  

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  • दाल को प्रोटीन का सोर्स समझते हैं तो गलत हैं आप, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताया सच

    दाल को प्रोटीन का सोर्स समझते हैं तो गलत हैं आप, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताया सच

    हेल्दी और फिट बॉडी के लिए बैलेंस डायट बेहद जरूरी होती है. इसमें प्रोटीन विटामिन, कार्ब्स, फैट्स और मिनरल्स सभी चीजें सही मात्रा में होनी चाहिए. ऐसे में शरीर में मौजूद सेल्स और टिशूज को रिपेयर करने में लिए प्रोटीन का रोल काफी इंपोर्टेंट होता है. इसी लिए लोग अपनी डायट में सबसे ज्यादा ध्यान प्रोटीन का रखते हैं. 

    ऐसे में आमतौर पर लोग प्रोटीन के लिए नॉन वेज खाना प्रेफर करते हैं पर जो नॉन वेज नहीं खाते उनमें से अधिकतर दाल को प्रोटीन का अच्छा सोर्स मानते हैं. लेकिन हाल ही में फोर्टिस की गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट ने बताया है कि दाल प्रोटीन का अच्छा सोर्स नहीं होती हैं और जो ऐसा समझकर इसे खाते हैं वह बिल्कुल गलत सोचते हैं. आइए जानते हैं कि क्या दाल सच में प्रोटीन का बेहतर सोर्स नहीं होती है ?

    दाल क्यों नहीं है प्रोटीन का अच्छा सोर्स?

    वसंत कुंज के फोर्टिस हॉस्पिटल की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट, डॉ. शुभम वत्स्य जो डाइट और फूड की एक्सपर्ट हैं, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि दाल प्रोटीन का अच्छा सोर्स नहीं है. वह कहती हैं कि “यदि आप दाल को प्रोटीन से भरपूर स्रोत मानते हैं, तो आप गलत हैं” क्योंकि दाल में जरूरी एमिनो एसिड्स नहीं होते हैं. इसलिए यह शरीर की प्रोटीन की जरूरत को पूरा नहीं कर पाती है. 

    दाल में कितना होता है प्रोटीन?

    डॉ. वत्स्य बताती हैं कि दाल में थोड़ा प्रोटीन होता है लेकिन वह शरीर के लिए पर्याप्त नहीं होता है. 100 ग्राम कच्ची दाल में 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, जो 100 ग्राम चिकन में पाए जाने वाले प्रोटीन से भी कम है. वहीं अगर बात करें पकी हुई दाल की तो एक कटोरी पकी हुई दाल में 5 ग्राम प्रोटीन होता है और 100 ग्राम कच्ची दाल से 4 से 5 कटोरी दाल बनती है. ऐसे में आपको 25 ग्राम प्रोटीन के लिए 5 कटोरी दाल खानी पड़ेगी, जो आमतौर पर नामुमकिन सी बात है. 

    दाल की जगह क्या है बेहतर ऑप्शन?

    शरीर में मौजूद सेल्स को रिपेयर होने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है. ऐसे में आप दाल के बजाय कई और प्रोटीन रिच चीजें खा सकते हैं. नॉन वेजिटेरियन लोग फिश , एग और चिकन खा सकते हैं जबकि वेजिटेरियन को प्रोटीन के लिए दूध, दही और पनीर जैसी चीजें ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए.

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    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • दिवाली 2025: ये टिप्स यूज कर लीं तो ले सकेंगे एकदम प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी फोटोज, इन बातों का रखें ध्यान

    दिवाली 2025: ये टिप्स यूज कर लीं तो ले सकेंगे एकदम प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी फोटोज, इन बातों का रखें ध्यान

    दिवाली में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और चारों और इसकी धूम दिखने लगी है. घरों-घरों के साथ बाजार भी सज चुके हैं. रोशनी और खुशियों से भरा इस त्योहार की लोग यादें समेटकर रखना चाहते हैं. इस त्योहार पर लोग नए कपड़े पहनकर तैयार होते हैं और रोशनी से सजे अपने घर में तस्वीरें लेते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप इस दिवाली प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी तस्वीरें ले पाएंगे. 

    सबसे पहले लेंस करें साफ

    दिवाली हो या कोई और मौका, हमेशा फोटो लेने से पहले कैमरा लेंस को साफ करना न भूलें. लेंस पर फिंगरप्रिंट या कई बार धूल के कारण अच्छी फोटो नहीं आ पाती. इसलिए चाहे आप कैमरे से फोटो ले रहे हैं या मोबाइल से, फोटोग्राफी शुरू करने से पहले लेंस को माइक्रोफाइबर कपड़े से साफ कर लें.

    लाइटिंग का रखें ध्यान

    फोटोग्राफी में लाइटिंग का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर सही लाइटिंग और एंगल से फोटो ली जाए तो शानदार तस्वीर निकलकर सामने आती है. दिवाली पर हर तरफ लाइटें लगी होती हैं. इसलिए फोटो लेते समय यह ध्यान रखें कि सब्जेक्ट पर पूरी लाइट हो, लेकिन सब्जेक्ट के बैकग्राउंड से ज्यादा लाइट कैमरा में न आ रही हो.

    सही फ्रेम का करें चुनाव

    फोटोग्राफी करते समय फ्रेम सेट करना भी जरूरी होता है. दिवाली पर रंग-बिरंगी लाइट्स और दीयों को अपने फ्रेम में लेकर अच्छी तस्वीरें क्लिक की जा सकती है. इसलिए फोटो लेने से पहले दिमाग में एक फ्रेम सेट कर लें और उसी हिसाब से सब्जेक्ट को प्लेस करें. 

    अलग-अलग मोड्स में लें तस्वीरें

    दिवाली के मौके पर कोई भी फोटो लेते समय अलग-अलग मोड्स का इस्तेमाल करें. मोड्स की मदद से आप कई शानदार तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं. रात में फोटोग्राफी के लिए नाइट मोड का इस्तेमाल बेहतर रहता है. प्रोफेशनल कैमरे जैसे इफेक्ट के लिए पोर्ट्रेट या प्रो मोड से तस्वीरें लें. 

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  • 2.88 करोड़ रुपये के मालिक और 8 FIR हैं दर्ज, लालू-राबड़ी के 'तेज' के हलफनामें में कई खुलासे

    2.88 करोड़ रुपये के मालिक और 8 FIR हैं दर्ज, लालू-राबड़ी के 'तेज' के हलफनामें में कई खुलासे

    बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निष्कासन के बाद अब उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है. इस दौरान दाखिल किए गए हलफनामे में तेज प्रताप ने अपनी संपत्ति और आपराधिक मामलों का खुलासा किया है.

    हलफनामे के अनुसार, तेज प्रताप यादव के पास कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इसमें 91.65 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2020 में उन्होंने 1.22 करोड़ रुपये की चल और 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की थी. यानी पिछले पांच साल में उनकी अचल संपत्ति में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन चल संपत्ति में कमी आई है.

    चुनावी हलफनामे में तेज प्रताप ने यह भी खुलासा किया कि उन पर 8 आपराधिक मामले लंबित हैं. इनमें आईपीसी धाराओं में 324,302,120B, 341 जैसे गंभीर श्रेणी के मामले हैं. वहीँ 498 दहेज़ उत्पीडन व एससी/एसटी एक्ट के साथ ही आर्म्स एक्ट के भी मामले हैं. इनमें से किसी भी मामले में उन्हें अब तक दोषी नहीं ठहराया गया है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय का विवरण हलफनामे में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि तलाक का मामला अभी पटना की पारिवारिक अदालत में विचाराधीन है.

    तेज प्रताप यादव को मई 2025 में उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. कारण बताया गया- ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’. निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई और अब वे उसी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने नामांकन के समय अपनी दिवंगत दादी की तस्वीर साथ रखकर भावनात्मक संदेश देने की कोशिश की.

    तेज प्रताप यादव की राजनीति हमेशा विवादों से घिरी रही है. कभी उनकी बयानबाजी, कभी निजी जीवन को लेकर विवाद, तो कभी पार्टी नेतृत्व से मतभेद, इन सबने उन्हें लगातार सुर्खियों में बनाए रखा. कुछ महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर यह दावा किया था कि वे एक महिला के साथ रिश्ते में हैं, जिसके बाद पार्टी ने कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया. बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था.

    तेज प्रताप यादव वर्ष 2020 में महुआ विधानसभा सीट से राजद विधायक चुने गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें हसनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था. राजनीति में अपने उतार-चढ़ाव भरे सफर के बावजूद तेज प्रताप अब भी बिहार के चर्चित चेहरों में से एक हैं.

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. राज्य में दो चरणों में मतदान होगा- पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को. मतगणना 14 नवंबर को होगी. ऐसे में महुआ सीट पर तेज प्रताप यादव की नई पारी और जनशक्ति जनता दल की परीक्षा दोनों का परिणाम भी उसी दिन सामने आएगा.

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  • कितने पढ़े-लिखे हैं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इस सब्जेक्ट में ली थी डिग्री

    कितने पढ़े-लिखे हैं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इस सब्जेक्ट में ली थी डिग्री

    बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जीवन संघर्ष, समर्पण और शिक्षा से प्रेरणा लेने का उदाहरण है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीतीश कुमार ने किस विषय में पढ़ाई की है और उन्होंने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की? आइए जानते हैं…

    नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था. उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम से गहराई से जुड़ा हुआ था. उनके पिता, कविराज राम लखन सिंह, एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे और आजादी की लड़ाई में भी सक्रिय रहे थे. नीतीश की मां, परमेश्वरी देवी, गृहिणी थीं. घर में शिक्षा और समाजसेवा का माहौल था, जिसने नीतीश के व्यक्तित्व को दिशा दी.

    बख्तियारपुर से शुरू हुआ शिक्षा का सफर

    नीतीश कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बख्तियारपुर के एक स्थानीय स्कूल से हुई. बचपन से ही वे पढ़ाई में काफी तेज थे. उनके शिक्षक उन्हें एक अनुशासित और होशियार छात्र के रूप में याद करते हैं. उन्होंने पढ़ाई में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया और विज्ञान व गणित जैसे विषयों में उनकी विशेष रुचि थी.

    श्री गणेश हाई स्कूल के होनहार छात्र

    अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के श्री गणेश हाई स्कूल से पढ़ाई की. यह स्कूल उस समय अपने उत्कृष्ट शिक्षा वातावरण के लिए जाना जाता था. यहां नीतीश न केवल पढ़ाई में बल्कि स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी आगे रहते थे. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें राज्य स्तर पर पहचान दिलाई.

    पटना साइंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई

    स्कूल के बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज में दाखिला लिया, जो बिहार के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है. यहां उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (PUC) किया और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की. इसी दौरान उनकी तार्किक सोच और समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित हुई, जो आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन में बेहद काम आई.

    इंजीनियरिंग की पढ़ाई NIT पटना से

    नीतीश कुमार ने उच्च शिक्षा के लिए बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना (जो अब NIT पटना कहलाता है) में दाखिला लिया. साल 1972 में उन्होंने यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की.

    कॉलेज के दिनों में वे एक सक्रिय छात्र रहे और विभिन्न तकनीकी क्लबों से जुड़े रहे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई ने उनके जीवन में अनुशासन, तकनीकी दृष्टिकोण और व्यावहारिक सोच को मजबूत किया. यही गुण बाद में उन्हें राजनीति में योजनाबद्ध और विकास-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने में मददगार साबित हुए.

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    रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.

    अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.

    रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.

    दोनों ही क्षेत्र समाज की बुनियादी जरूरतों से जुड़े हैं और रजनी इन्हें बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संभालती हैं. खाली समय में रजनी को संगीत सुनना और किताबें पढ़ना पसंद है. ये न केवल उन्हें मानसिक सुकून देते हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी ऊर्जा प्रदान करते हैं.

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  • Tax Free Gifts: रिश्तेदार ने विदेश से 4 लाख भेजे तो क्या देना होगा टैक्स? जानें आयकर विभाग के नियम कानून

    Tax Free Gifts: रिश्तेदार ने विदेश से 4 लाख भेजे तो क्या देना होगा टैक्स? जानें आयकर विभाग के नियम कानून

    Tax Free Gifts: अगर आपका कोई रिश्तेदार विदेश से आपको पैसे भेजता है तो क्या उन पैसों पर टैक्स लगेगा या नहीं? ऐसे सवाल अक्सर लोगों की चिंता की वजह बनते हैं. आज हम बात करेंगे कि यदि विदेश में रहने वाला कोई रिश्तेदार ₹4 लाख रुपए भेजता है तो क्या इस पर कोई टैक्स लगेगा या फिर नहीं. आइए जानते हैं आयकर नियमों के मुताबिक क्या है इसका जवाब.

    क्या विदेश से आए पैसों पर लगेगा टैक्स? 

    आयकर अधिनियम के अंतर्गत रिश्तेदारों से प्राप्त किया गया कोई भी धन, चाहे वह राशि कितनी भी बड़ी हो पूरी तरह से कर मुक्त है. इसका मतलब है कि विदेश में रहने वाला कोई भी दोस्त या परिवार का सदस्य चार लाख या फिर उससे भी ज्यादा धन भारत भेज सकता है और उस पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. यह छूट आयकर विभाग के उन प्रावधानों का हिस्सा है जिनमें वास्तविक पारिवारिक हस्तांतरण का समर्थन किया जाता है और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बनाई जाती है.

    कौन हो सकते हैं रिश्तेदार?

    रिश्तेदारों में आपके जीवन साथी, भाई-बहन और उनके जीवन साथी, आपके माता-पिता के भाई-बहन, बच्चों और नाती पोतों जैसे वंशज और यहां तक की आपके जीवनसाथी के पूर्वज भी शामिल हैं. इन नामों के अलावा किसी से भी प्राप्त धन पर टैक्स छूट नहीं मिल सकती. इसके अलावा गैर रिश्तेदारों से सिर्फ ₹50000 तक की राशि मंगाई जा सकती है, इससे ज्यादा की राशि को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है. यह इनकम स्लैब के अनुसार टैक्स योग्य है.

    विवाह या वसीयत से प्राप्त धन 

    इसी के साथ आपको बता दें कि विवाह के अवसर या फिर वसीयत के तहत प्राप्त धन, जिसमें भेजने वाले का आपसे कोई भी रिश्ता हो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. वैसे तो रिश्तेदारों से प्राप्त धन टैक्स फ्री होते हैं लेकिन उसके लिए भी उचित दस्तावेज रखना काफी ज्यादा जरूरी है. इसमें उपहार विलेख, बैंक स्टेटमेंट और पत्राचार शामिल हैं, जो यह साबित करते हैं की राशि उपहार के रूप में ही प्राप्त हुई थी. 

    इसी के साथ आपको बता दें कि विदेश से प्राप्त हर तरह का धन टैक्स फ्री नहीं होता. यदि प्राप्त राशि फ्रीलांसिंग काम या फिर व्यावसायिक लेनदेन के बदले में है तो इसे इनकम माना जाता है. इसी के साथ इस राशि पर टैक्स भी लगाया जाता है. इसी के साथ विदेश से प्राप्त वेतन, पेशेवर शुल्क या फिर निवेश लाभ को टैक्स योग्य आय माना जाता है और इसे आयकर रिटर्न में घोषित किया जाना चाहिए.

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    स्पर्श गोयल को कंटेंट राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग में चार साल का अनुभव है.  इन्होंने अपने करियर की शुरुआत नमस्कार भारत से की थी, जहां पर लिखने की बारीकियां सीखते हुए पत्रकारिता और लेखन की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद ये डीएनपी न्यूज नेटवर्क, गाजियाबाद से जुड़े और यहां करीब दो साल तक काम किया.  इस दौरान इन्होंने न्यूज राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग दोनों में अपनी पकड़ मजबूत की.

    अब स्पर्श एबीपी के साथ अपनी लेखनी को निखार रहे हैं. इनकी खास रुचि जनरल नॉलेज (GK) बीट में है, जहां ये रोज़ नए विषयों पर रिसर्च करके अपने पाठकों को सरल, रोचक और तथ्यपूर्ण ढंग से जानकारी देते हैं.  

    लेखन के अलावा स्पर्श को किताबें पढ़ना और सिनेमा देखना बेहद पसंद है.  स्क्रीनराइटिंग के अनुभव की वजह से ये कहानियों को दिलचस्प अंदाज़ में पेश करने में भी माहिर हैं.  खाली समय में वे नए विषयों पर रिसर्च करना और सोशल मीडिया पर अपडेट रहना पसंद करते हैं.

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  • 30 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने कराया था अबॉर्शन, अब बोलीं- 'भयंकर ब्लीडिंग होती थी, चिड़चिड़ापन भी….'

    30 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने कराया था अबॉर्शन, अब बोलीं- 'भयंकर ब्लीडिंग होती थी, चिड़चिड़ापन भी….'

    ‘सेक्रेड गेम्स’ जैसे प्रोजेक्ट्स से पहचान बनाने वाली अभिनेत्री कुब्रा सैत ने आखिरी बार ‘सन ऑफ सरदार 2’ में देखा गया था. हाल ही में वे ‘राइज एंड फॉल’ में शामिल हुई थी लेकिन पिछले हफ्ते वे घर से एविक्ट हो गई थीं. अभिनेत्री ने अब अपनी लाइफ के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक, अबॉर्शन कराने के बारे में खुलकर बात की है.

    कुब्रा सैत ने अपने अबॉर्शन को लेकर क्या कहा?
    दरअसल कुब्रा ने वायरल भयानी के यूट्यूब चैनल पर कहा, “उस बात को कई साल हो गए हैं, और मेरे पास इसके बारे में सोचने और इससे उबरने के लिए काफ़ी समय था. लेकिन जब आपकी लाइफ में ऐसा कोई पल आता है, तो आप बौखला जाते हो क्योंकि आपके साथ आपका ईमान है, आपका फर्ज है और आपको ये भी पता है कि आप कैसी सोसाइटी में हो, तो दुनिया भी है दीन है, सब है. आप उस वक्त बहुत परेशान हो जाते हो कि आप ये कैसे कर पाओगे या नहीं.

    उन्होंने आगे कहा, “उस समय, आपको वाकई पता नहीं होता कि आप जो फ़ैसला ले रहे हैं, वह सही है या नहीं. लेकिन आज, मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं कि मैंने उस समय जो फ़ैसला लिया था, वह मेरे लिए सही था. क्योंकि मुझे पता है कि अगर मैंने कोई गलती भी की होती, तो भगवान देख रहा होता और मुझे परलोक में उसके परिणाम भुगतने पड़ते.”

    चिड़चिड़ेपन से जूझना पड़ा
    इससे पहले, कुब्रा ने एक्सेप्ट किया है कि इस एक्सपीरियंस को इमोशनली समझने में उन्हें सालों लग गए. अपने करियर के बाद के दिनों में एक प्रोजेक्ट पर काम करते हुए, वह अक्सर बीमारी, हैवी ब्लीडिंग और चिड़चिड़ेपन से जूझती रहीं, फिर भी उन्होंने इसे चुपचाप सहना चुना, अपना दर्द खुद तक ही रखाय जब उन्होंने अपना 2022 का मेमॉयर ‘ओपन बुक: नॉट क्वाइट ए मेमॉयर’ लिखना शुरू किया, तभी वह सही मायने में इस बात को रिफ्लेक्ट कर पाईं कि वह किस दौर से गुजरी थीं. उन्होंने कहा, “इसे लिखने से मुझे यह समझने में मदद मिली कि मुझे खुद के लिए और अपने द्वारा लिए गए ऑप्शन के लिए काइंड होने की जरूरत है.”

    सेक्रेड गेम्स (2018) में अपनी ब्रेकआउट भूमिका के बाद से, कुब्रा ने इंडस्ट्री में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. उनके अन्य प्रोजेक्ट में ‘फर्जी’, ‘द ट्रायल’, ‘वकालत फ्रॉम होम’ और ‘शहर लखोट’ शामिल हैं. वह जल्द ही ‘है जवानी तो इश्क होना है’ में नजर आएंगी.

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  • Diwali 2025: दिवाली पर घर-घर घूमने वाली सोन पापड़ी देश में कैसे आई, किसने की थी इसकी खोज?

    Diwali 2025: दिवाली पर घर-घर घूमने वाली सोन पापड़ी देश में कैसे आई, किसने की थी इसकी खोज?

    Diwali 2025: जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आती है, बाजारों में मिठाइयों की रौनक भी बढ़ने लगती है. इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को बधाई देने के साथ-साथ मुंह मीठा करने के लिए मिठाइयां बांटते हैं. इन मिठाइयों में सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है सोन पापड़ी की. दीवाली या किसी खास मौके पर गिफ्ट के तौर पर इसे देना हर किसी की पहली पसंद बन जाता है. 

    इसकी खासियत यह है कि यह स्वाद में बेहद हल्की, सॉफ्ट और मुंह में रखते ही घुलने वाली मिठाई है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फेस्टिव सीजन आते ही सोन पापड़ी को लेकर मीम्स भी खूब वायरल होते हैं।, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मिठाई आखिर कहां से आई और इसका इतिहास क्या है?

    सोन पापड़ी की उत्पत्ति

    सोन पापड़ी के इतिहास को लेकर कई दावे हैं. कुछ लोग मानते हैं कि यह मिठाई राजस्थान की देन है, तो वहीं कई का कहना है कि इसका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था. हालांकि इसके पुख्ता ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं. यह मिठाई तुर्किए की पिस्मानिये से काफी हद तक मिलती-जुलती है, जो अपने हल्के, फाइबरयुक्त और सॉफ्ट बनावट के लिए जानी जाती है. तुर्किए में इस मिठाई को बनाने के लिए बेसन की बजाय आटे का इस्तेमाल होता है.

    भारत में सोन पापड़ी की शुरुआत

    भारत में सोन पापड़ी बनाने की शुरुआत महाराष्ट्र के पश्चिमी शहरों से हुई मानी जाती है. महाराष्ट्र के लोग सबसे पहले इस मिठाई को तैयार करने लगे और धीरे-धीरे इसका स्वाद पूरे राज्य में लोकप्रिय हो गया था. इसके बाद यह मिठाई अन्य राज्यों जैसे गुजरात, पंजाब और राजस्थान में भी फैल गई. लोगों के बीच इसका स्वाद इतना पसंद किया गया कि देखते ही देखते यह पूरे भारत में त्योहारों की एक पहचान बन गई.

    दिवाली में सोन पापड़ी का महत्व

    दिवाली पर सोन पापड़ी सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि त्योहार का प्रतीक बन चुकी है. यह न केवल परिवार और मित्रों के बीच स्नेह और बधाई का माध्यम है, बल्कि घर-घर में खुशियों की मिठास भी भरती है. लोग इसे अपने घरों में गिफ्ट के तौर पर रखते हैं और त्योहार के दौरान इसे बांटना अपने सामाजिक और पारंपरिक कर्तव्यों का हिस्सा मानते हैं.

    सोन पापड़ी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही दिवाली का मौसम आता है, मिठाई की दुकानों पर इसकी बिक्री तेजी से बढ़ जाती है और सोशल मीडिया पर इसके कई मीम्स भी वायरल होने लगते हैं.

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    निधि पाल को पत्रकारिता में छह साल का तजुर्बा है. लखनऊ से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत भी नवाबों के शहर से की थी. लखनऊ में करीब एक साल तक लिखने की कला सीखने के बाद ये हैदराबाद के ईटीवी भारत संस्थान में पहुंचीं, जहां पर दो साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद नोएडा के अमर उजाला संस्थान में आ गईं. यहां पर मनोरंजन बीट पर खबरों की खिलाड़ी बनीं. खुद भी फिल्मों की शौकीन होने की वजह से ये अपने पाठकों को नई कहानियों से रूबरू कराती थीं.

    अमर उजाला के साथ जुड़े होने के दौरान इनको एक्सचेंज फॉर मीडिया द्वारा 40 अंडर 40 अवॉर्ड भी मिल चुका है. अमर उजाला के बाद इन्होंने ज्वाइन किया न्यूज 24. न्यूज 24 में अपना दमखम दिखाने के बाद अब ये एबीपी न्यूज से जुड़ी हुई हैं. यहां पर वे जीके के सेक्शन में नित नई और हैरान करने वाली जानकारी देते हुए खबरें लिखती हैं. इनको न्यूज, मनोरंजन और जीके की खबरें लिखने का अनुभव है. न्यूज में डेली अपडेट रहने की वजह से ये जीके के लिए अगल एंगल्स की खोज करती हैं और अपने पाठकों को उससे रूबरू कराती हैं.

    खबरों में रंग भरने के साथ-साथ निधि को किताबें पढ़ना, घूमना, पेंटिंग और अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है. जब ये कीबोर्ड पर उंगलियां नहीं चला रही होती हैं, तब ज्यादातर समय अपने शौक पूरे करने में ही बिताती हैं. निधि सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहती हैं और हर दिन कुछ नया सीखने, जानने की कोशिश में लगी रहती हैं.

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  • अब AMT गियरबॉक्स के साथ लॉन्च हुई Nissan Magnite CNG, जानें फीचर्स और कीमत

    अब AMT गियरबॉक्स के साथ लॉन्च हुई Nissan Magnite CNG, जानें फीचर्स और कीमत

    Nissan इंडिया ने अपनी पॉपुलर कॉम्पैक्ट SUV Magnite को अब और भी कंफर्टेबल बना दिया है. कंपनी ने इसका CNG वर्जन अब ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (AMT) के साथ लॉन्च किया है. पहले ये मॉडल केवल मैनुअल गियरबॉक्स में ही आता था, लेकिन अब यह बदलाव उन ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है जो शहर के ट्रैफिक में आसान ड्राइविंग चाहते हैं. नई Nissan Magnite CNG AMT अब कुल 11 वेरिएंट्स में उपलब्ध होगी. इनकी कीमत 6.34 लाख से 9.70 लाख (एक्स-शोरूम) तक रखी गई है.

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  • UP Weather: यूपी में बदल रहा मौसम का मूड, दिन में धूप और रात में लग रही है ठंड, जानें IMD का अपडेट

    UP Weather: यूपी में बदल रहा मौसम का मूड, दिन में धूप और रात में लग रही है ठंड, जानें IMD का अपडेट

    उत्तर प्रदेश में मौसम सुहावना बना हुआ हैं. दिन के समय एकदम साफ मौसम हैं धूप निकलने के बाद बहुत ज्यादा गर्मी नहीं लग रही हैं वहीं सुबह और शाम को ठंडी हवाओं की वजह से हल्की सर्दी महसूस हो रही हैं. लोगों ने अब अपने एसी और कूलर भी बंद कर दिए हैं. प्रदेश में आज भी शुष्क मौसम रहने का अनुमान हैं. आने वाले पांच दिनों में कोई बड़ा बदलाव होने का अनुमान नहीं है. 

    मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी दोनों ही संभागों में आज 17 अक्टूबर को मौसम शुष्क रहेगा. राजधानी लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, आगरा समेत सभी 75 जिले आज ग्रीन जोन में बने हुए हैं. सुबह से ही आसमान साफ रहेगा और खिली धूप निकलेगी. कहीं बारिश का कोई अनुमान नहीं है और न ही कोई चेतावनी दी गई है. 

    मौसम विभाग के मुताबिक दीपावली तक ऐसा ही मौसम रहने का पूर्वनुमान हैं.  18 और 19 अक्टूबर को भी प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा. कहीं कोई चेतावनी नहीं दी गई हैं. 22 अक्टूबर तक यूपी के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा. अगले पांच दिनों तक दिन में धूप, साफ मौसम और शाम को हल्की सर्दी का सिलसिला जारी रहेगा. 

    राज्य में हवाओं की दबाव की वजह से सुबह के समय कहीं-कहीं हल्की धुंध देखने को मिल सकती हैं लेकिन, दिन चढ़ने के साथ ये गायब हो जाएगी. बीते 24 घंटों में कानपुर सबसे सर्द जिला दर्ज किया गया है. यहां रात के समय न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया. कानपुर के अलावा इटावा, बरेली, अयोध्या और शाहजहांपुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान रहा. 

    राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां सबसे अधिक तापमान 31.9 और न्यूनतम पारा 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. वहीं वाराणसी में दिन के समय में 32.3 और रात में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री कम दर्ज किया गया. यहां न्यूनतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस रहा. 

    इनके अलावा आगरा में 18.8, बहराइच में 18.4, गोरखपुर में 19.4, प्रयागराज में 19.1, हरदोई में 18.5 और बाराबंकी में 18.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है. 

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