Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – नोबेल पुरस्कार 2025: मिस्ड कॉल से लेकर सुबह की दस्तक तक; इस साल विजेताओं को कैसे मिली बड़ी खबर – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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हर साल की तरह इस बार भी एवेअर्स की शुरुआत नोबल अवॉर्ड और उनके ग्रेजुएशन के नाम रही। यह सम्मान विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में प्रमुख योगदानकर्ताओं को दिया जाता है। विज्ञान से लेकर शांति तक, हर क्षेत्र में योगदान देने वाले लोगों के क्षेत्र का भी योगदान दिया गया है। लेकिन इस बार इन घोषणाओं से जुड़ी कहानियां भी किसी भी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं हैं। इस बार कुछ अंग्रेजी तक यह बड़े ही दिलचस्प तरीके से टेस्ला। किसी के दरवाजे पर सुबह चार बजे हलचल हुई, किसी ने स्वीडन से आया कॉल स्पैम समझकर काट दिया, तो किसी ने अपनी की खबर जंगल के बीच घंटों बाद जान पाई।

जानिए, इस साल किस नोबेल विजेता तक कैसे पहुंची ये जिंदगी बदलने वाली खबर…




मैरी ई. ब्रैंकोव – फोटो: नोबेल पुरस्कार


सुबह-सुबह हुई दरवाजे पर दस्तक

कैटल की वैज्ञानिक मैरी ई. ब्रैंकोव के घर सुबह 4 बजे किसी ने दस्तक दी, तो पहले उनका कुत्ता ज़ेल्डा बर्नका। डोर पर मौजूद एसोसिएटेड प्रेस के काउल्स ने ब्रैंकोव के पति रॉस कॉलक्वून को बताया कि आपकी पत्नी ने नोबेल पुरस्कार जीता है। पहले तो ब्रैंकोव ने इसे मजाक कहा था, लेकिन जल्द ही पुष्टि हो गई कि उनमें से तीन को चिकित्सा क्षेत्र में 2025 का नोबेल पुरस्कार मिला है।

ब्रैंकोव और उनकी टीम ने 20 साल पहले उस बायोलॉजिकल प्रोसेस की खोज का नाम दिया था, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को दर्शाती है। यह खोज क्रोप, क्रोप्स और रूमेटाइड आर्थराइटिस को समझने में बेहद अहम साबित हुई।


फ्रेड रैम्सडेल, अमेरिकी प्रतिरक्षा विज्ञानी – फोटो: नोबेल पुरस्कार


येलोस्टोन पार्क में सबसे आगे थे नोबेल विनर रैम्सडेल

इसी रिसर्च टीम के सदस्य फ्रेड रैम्सडेल उस वक्त येलोस्टोन नेशनल पार्क में ट्रेन मना रहे थे। उनके फोन एयरप्लेन मोड में थे, इसलिए उन्हें घंटों तक यह खबर नहीं मिली कि वे भी नोबेल विजेता बन गए हैं। जब उनकी पत्नी ने मैसेज की बाढ़ आई पर फोन किया तो उन्हें पता चला कि वे नोबल विजेता बन गए हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने दोस्तों और सहयोगियों से बातचीत करना पसंद करते हैं और उन्हें पूरी तरह से आश्चर्यचकित और उत्साहित महसूस करते हैं।


जॉन एम. मार्टिनिस एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी – फोटो: नोबेल पुरस्कार


कंप्यूटर खोला और खुद देखा नाम

नोबेल विजेता जॉन मार्टिनिस के भी वो वक्ता सो रहे थे, जब सुबह-सुबह उनकी पत्नी ने डोर ओपनिंग की। उन्हें लगा शायद कोई इंटरव्यू के लिए आया है। लेकिन जब उन्होंने कंप्यूटर खोला, तो नोबेल वेबसाइट पर अपना नाम देखा और सन्न रह गये। मार्टिनिस ने मुझे बताया कि मैंने अपना नाम मिशेल डेवोरेट और जॉन क्लार्क के साथ लिखा था। मैं पूरी तरह से हैरान रह गया। इन त्रिमूर्ति को क्वांटम टैनलिंग को उनके शोध के लिए यह सम्मान मिला, जिन्होंने डिजिटल तकनीक और टेलीकॉम की दुनिया को बदल दिया।


सुसुमु कितागावा जापान के विद्वान – फोटो: नोबेल पुरस्कार


‘नोबेल पुरस्कार’ वाली कॉल समझी स्पैम

नोबेल समिति की घोषणा से पहले ठीक है ग्रैजुएट को फोन करके सूचना दें। लेकिन कई बार यह कॉल अनदेखा रह जाता है। रसायन विज्ञान के विजेता सुसुमु कितागावा ने भी रविवार को जब फोन उठाया, तो पहले शक में पड़ गए। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने कुछ अलग अंदाज में फोन किया था, यह कहा था कि शायद फिर कोई टेलीमार्केटिंग कॉल होगी, जैसे हाल ही में बहुत आ रही हैं।


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