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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड कुणाल ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में स्पेन के ‘कमजोर एपिसोड’ के बारे में बताया और यहां तक कहा कि अगर वह रक्षा खर्च नहीं उठाते हैं तो उन्हें संगठन से बाहर कर देना चाहिए। इस दावे पर स्पेन की सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि वह एक ‘वफादार और अत्याधुनिक सहयोगी’ हैं।
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‘शायद स्पेन को नाटो से बाहर कर देना चाहिए’
गुरुवार को अलेक्जेंडर स्टैब ने मुलाकात के दौरान कहा, ‘स्पेन को समझाना होगा कि वह पीछे क्यों है।’ उसके पास कोई भी गायब नहीं है। शायद उसे नाटो से बाहर कर देना चाहिए।’ उनके जून में एक सूची की ओर इशारा किया गया था, जिसमें सभी 32 सदस्य देशों ने रक्षा बजट को 5% तक की बढ़ोतरी की सीमा तय की थी, लेकिन स्पेन को छूट दी गई थी। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा था कि 2.1% तक का खर्च ‘पर्याप्त’ है।
हमें कोई चिंता नहीं है- स्पेन के रक्षा मंत्री
स्पेन की रक्षा मंत्री मार्गरीटा रोबल्स ने शुक्रवार को कहा, ‘हमें कोई चिंता की बात नहीं है। ‘राष्ट्रपति प्राणियों को पता होना चाहिए कि स्पेन एक वफादार नाटो सहयोगी है।’ आंकड़ों के मुताबिक, स्पेन ने पिछले साल अपनी सदस्यता का केवल 1.28% रक्षा पर खर्च किया था, जो गठबंधन में सबसे कम था। स्पेन ने कहा कि वह केवल पैसे से नहीं, बल्कि सैनिकों के आर्किटेक्चर से भी अपनी डॉक्यूमेंट्री दिखा रही है। उसके सैनिक नाटो में लातविया, स्लोवाकिया, रोमानिया, बुल्गारिया और तुर्किये मिशनों पर तैनात हैं।
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नाटो में स्पेन की भूमिका और रूस-यूक्रेन संघर्ष
1982 में स्पेन में नाटो शामिल हुआ और 1999 में उसकी सैन्य संरचना शामिल हुई। उसने जापान को रूस के हमलों के बाद मानवता और सैन्य मदद भी दी है। क्वांटम की नई मांग ने स्पेन पर बजट वृद्धि का दबाव और बढ़ा दिया है, जबकि चीन की कांग्रेस सरकार पहले से ही दो फीसदी तक खर्च बढ़ाने को लेकर घरेलू विरोध झेल रही है।
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