भारत में क्रिकेट को सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जुनून माना जाता है. बच्चे हो, बुजुर्गों हो या हर कोई इसे खेलना और देखना पसंद करता है. यही वजह है कि क्रिकेट से जुड़ा सामान खासकर क्रिकेट बॉल की मांग हमेशा बनी रहती है. क्योंकि क्रिकेट बॉल जल्दी खराब हो जाती है या खो जाती है, इसलिए इसकी बिक्री कभी कम नहीं होती है. ऐसे में क्रिकेट बॉल बनाने का बिजनेस काफी फायदे का सौदा साबित हो सकता है. चलिए तो आज हम आपको बताते हैं कि क्रिकेट बॉल बनाने वाली फैक्ट्री आप कितने रुपये में खोल सकते हैं और हर महीने इससे कितनी कमाई हो सकती है.
कम पैसों में शुरू हो सकता है क्रिकेट बॉल का बिजनेस
क्रिकेट बॉल बनाने की फैक्ट्री बहुत ज्यादा निवेश के बिना शुरू की जा सकती है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इस बिजनेस को आप 4 से 5 लाख रुपये में शुरू कर सकते हैं. अगर आप लगभग 4.50 लाख रुपये तक का इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो आप एक छोटी यूनिट लगाकर इसका प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं. वहीं एक यूनिट से आप करीब 90 हजार बॉल बना सकते हैं. इस पर आपका कुल खर्च लगभग 18 लाख रुपये तक आएगा, जबकि बिक्री से 20 लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है. यानी हर प्रोजेक्ट में लगभग 2 लाख का मुनाफा आप कमा सकते हैं. इस तरह से इस बिजनेस में जैसे-जैसे प्रोडक्शन और मांग बढ़ती है आपकी कमाई भी बढ़ती जाएगी.
कहां से आती है बॉल की सबसे ज्यादा मांग?
भारत में मेरठ और जालंधर जैसे शहर क्रिकेट इक्विपमेंट बनाने के बड़े केंद्र हैं. यहां साल भर लाखों क्रिकेट बॉल तैयार की जाती है. खासतौर पर वर्ल्ड कप या आईपीएल जैसे टूर्नामेंट के दौरान मांग 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. इस फील्ड में बड़ी कंपनियों जैसे सीजी और कूकाबुरा तो पहले से ही जाने-माने ब्रांड है, लेकिन छोटे स्तर पर भी कई फैक्ट्रियां लोकल मार्केट और क्रिकेट एकेडमी की जरूरतों को पूरा करती है.
क्या होती है क्रिकेट बॉल बनाने की प्रक्रिया?
क्रिकेट बॉल आम तौर पर अलम-टेंड लेदर, कॉर्क और ऊन की परतों से बनाई जाती है. इसे हाथ से सिलाई करके पॉलिश किया जाता है, ताकि ज्यादा समय तक टिक सके. इस काम में कुशल कारीगरों की जरूरत होती है, जो बॉल की शेप और साइज को सही बनाए रखें. वहीं अगर आप क्रिकेट बॉल बनाने की नई यूनिट शुरू कर रहे हैं तो शुरुआत में लोकल डीलर क्रिकेट एकेडमी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बॉल को बेच सकते हैं. आजकल कई कंपनियां अपने प्रॉडक्ट्स को ई-कॉमर्स साइट पर भी भेज रही है. अच्छी क्वालिटी और सही पैकेजिंग से आप अपने ब्रांड की भी आसानी से पहचान बना सकते हैं.
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कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है.
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए.
इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.
Source: IOCL
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