राजस्थान बस अग्निकांड: हादसे के पीछे एक वजह ये भी- साधारण बस को एसी गाड़ी में किया था तब्दील; जले थे जिंदा लोग

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जैसलमेर
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी

Updated Wed, 15 Oct 2025 08:49 PM IST

सार

Jaisalmer Bus Fire Revealed: Ordinary Bus Was Converted into an AC Vehicle; People were burned alive

जैसलमेर बस हादसे में बड़ा खुलासा
– फोटो : अमर उजाला


विस्तार

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राजस्थान के जैसलमेर बस हादसे में अब नई परतें खुलने लगी हैं। जांच में सामने आए तथ्य यह संकेत दे रहे हैं कि यह हादसा केवल एक संयोग नहीं बल्कि गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम हो सकता है। शुरुआत में बस में पटाखे होने की बात सामने आई थी, लेकिन अब जांच का रुख बस के तकनीकी फॉल्ट और अवैध मॉडिफिकेशन की ओर मुड़ गया है।

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नॉन-एसी बस को अवैध रूप से बनाया गया एसी

जांच में यह तथ्य सामने आया है कि हादसे में शामिल बस मूल रूप से एसी नहीं थी, बल्कि उसे तीन महीने पहले मॉडिफाई कर एसी बस बनाया गया था। बस मालिक ने इसे इतनी चतुराई से बदला कि परिवहन विभाग इसे पहचान नहीं सका। बस का रजिस्ट्रेशन चित्तौड़गढ़ में कराया गया था और दस्तावेजों में इसे नॉन-एसी श्रेणी में रखा गया था। इसके बावजूद बस में एसी फिट किया गया था, जो परिवहन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

 

हाल ही में खरीदी गई थी बस

सूत्रों के अनुसार, बस 21 मई को खरीदी गई थी, जिसके बाद उसकी बॉडी तैयार करने और मॉडिफिकेशन का काम शुरू हुआ। बस का पंजीयन 1 अक्तूबर को हुआ और महज 14 दिन बाद यह हादसे का शिकार हो गई।

जांच में यह भी सामने आया है कि फिटनेस जांच में भारी लापरवाही बरती गई और वाहन को बिना उचित तकनीकी परीक्षण के सड़क पर उतारने की अनुमति दी गई। हालांकि अभी ये पूरा मामला जांच के घेरे में है। पुलिस ने बस मालिक और ड्राइवर पर एफआईआर दर्ज कर ली है।

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चित्तौड़गढ़ परिवहन विभाग के दो अधिकारी निलंबित

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने चित्तौड़गढ़ परिवहन विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल शामिल हैं।

सूत्र बताते हैं कि और भी अधिकारी इस अनियमितता में शामिल हो सकते हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अब इस पूरे प्रकरण की जांच करेगा ताकि भ्रष्टाचार और मिलीभगत की परतें खुल सकें। यह भी जांच की जा रही है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट किस अधिकारी ने जारी किया और क्या यह नियमों के अनुरूप प्रक्रिया के तहत हुआ था या नहीं।

 

‘नई बस थी, आग कैसे लगी, इसकी जांच होनी चाहिए’

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हादसे पर सवाल उठाते हुए कहा कि बस नई खरीदी गई थी, इसलिए यह जानना जरूरी है कि आखिर उसमें आग कैसे लगी। उन्होंने कहा कि सरकार को जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए और इस हादसे की पारदर्शी जांच करानी चाहिए।

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