बिहार विधानसभा चुनाव में अब 1 माह से भी कम समय बचा है. अब तक के आए सर्वे में एनडीए और इंडिया गठबंधन में कांटे की टक्कर की बताई जा रही है. बिहार चुनाव और उससे जुड़े कई मुद्दों को लेकर चुनावी विश्लेषक योगेंद्र यादव ने एक न्यूज चैनल से बातचीत की.
बिहार में सरकार की तरफ से महिलाओं को 10 हजार रुपये देने को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि इसे स्कीम कहना तो बहुत ऊंची बात होगी, ये एक तरह की रिश्वत है. चुनाव से सीधा पहले इस तरह से पैसे देना साफ-साफ रिश्वत है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 20 साल काम करने के बाद भी सरकार को महसूस होता है कि हम अपने काम के आधार पर नहीं जीत सकते, इसलिए ये रिश्वत देनी पड़ी.
तेजस्वी के सरकारी नौकरी के वायदे पर क्या कहा
तेजस्वी यादव के सरकारी नौकरी के वायदे को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि इतने करोड़ लोगों को सरकारी जॉब कैसे दी जाएगी, ये तो उन्हीं को पता होगा क्योंकि मेरे पास इसका कोई गणित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हर परिवार को सरकारी नौकरी इस देश के अमीर राज्यों में देना भी संभव नहीं है.
बिहार में बीजेपी की लीडरशिप को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है. बिहार में बीजेपी सवर्ण के अलावा किसी अन्य जाति के नेता को आगे बढ़ाने को लेकर तैयार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सुशील मोदी जब तक थे, तब तक एक स्थिति थी, लेकिन बीजेपी अभी भी किसी बहुजन नेता को स्वीकार करने को लेकर तैयार नहीं है.
राहुल गांधी को लेकर क्या बोले
बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि असली लड़ाई तो सड़क पर ही लड़ी जाती है, जो भी लोकतंत्र बचाने के लिए सड़क पर लड़ रहा है मैं उनको इसके लिए धन्यवाद देता हूं. उन्होंने आगे कहा कि इस देश में गरीब को भी वोट देने का हक हुआ करता था, लेकिन अब जो एसआईआर के नाम पर हो रहा है, उससे उनका ये अधिकार भी खत्म हो रहा है. पहले वोट चोरी होती थी, लेकिन अब वोटों की डकैती हो रही है.
एसआईआर को लेकर लगाए गंभीर आरोप
वोट चोरी को लेकर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि इलेक्शन कमीशन सरकार के हिसाब से काम कर रहा हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर का काम गृह मंत्रालय के कहने पर ही किया गया है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि उनके पास एसआईआर की प्लानिंग को लेकर कोई फाइल नहीं है, क्योंकि ये गृह मंत्रालय के आदेशों पर किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूरे बिहार में एनडीए और इंडिया ब्लॉक में सिर्फ 12,000 वोटों का अंतर था. एसआईआर के दौरान 47 लाख वोट कटे हैं. इससे साफ समझा जा सकता है कि किसको फायदा होगा.
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