Sudden Gamer Death Syndrome: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. लखनऊ में 13 साल के विवेक नाम के बच्चे की मोबाइल गेम खेलते-खेलते मौत हो गई. बच्चे के परिवार के अनुसार, विवेक फ्री फायर गेम खेलने का आदी था. बुधवार को वह घर में अकेला था, तब वह लगातार मोबाइल पर गेम खेल रहा था. विवेक की बहन के अनुसार, जब वह कमरे में गई तो उसका भाई विवेक बिस्तर पर पड़ा हुआ था और मोबाइल पर फ्री फायर गेम चल रहा था.
डॉक्टरों के अनुसार, यह एक सडन मौत का मामला माना जा रहा है, जिसमें मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलते-खेलते गेमर की अचानक मौत हो जाती है. चलिए अब आपको बताते हैं कि सडन गेमर डेथ क्या होती है और इसमें अचानक मौत कैसे हो जाती है.
क्या है सडन गेमर डेथ?
डॉक्टरों के अनुसार, मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलते-खेलते अचानक हुई मौत को सडन गेमर डेथ कहा जाता है. इसमें न तो किसी प्रकार की चोट लगती है और न ही किसी के साथ झगड़ा होता है. अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिसर्च के अनुसार, दुनियाभर में ऐसे करीब 24 मामले सामने आए हैं, जहां लोग लगातार गेम खेलते हुए मौत के शिकार हुए हैं. इन मौतों में एक मौत 1982 और बाकी 23 मौतें 2002 से 2021 के बीच हुई थी. सडन गेमर डेथ के शिकार ज्यादातर पुरुष हुए थे. वहीं मरने वालों में सभी की उम्र 11 से 40 साल के बीच में थी और ज्यादातर मामले दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से आए हैं.
क्या होती है सडन गेमर डेथ की वजह?
रिसर्च के अनुसार, गेमिंग के दौरान कई लोग कई घंटों तक बिना रुके एक ही जगह पर बैठे रहते हैं. इसी दौरान ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाती है, जिससे शरीर पर दबाव बढ़ता है. कई लोग मानते हैं कि छोटे-छोटे ब्रेक लेने से फर्क पड़ता है लेकिन ऐसा नहीं है इसमें छोटे-छोटे ब्रेक लेने से भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है.
सडन गेमर डेथ के मामलों में मुख्य कारण
अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिसर्च के अनुसार, दुनियाभर में सडन गेमर डेथ के मामलों में मुख्य कारण फेफड़ों में खून का थक्का जमना, ब्रेन हेमरेज या ब्रेन ब्लीड और हार्ट रिदम में गड़बड़ी रहा है.
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कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है.
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए.
इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.
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