पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध में मध्यस्थता करने की अपील की है. देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप को ‘सबसे स्वागत योग्य’ बताया और कहा कि वह अगर शांति स्थापित करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है.
ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप की तारीफ की
ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी से बातचीत में कहा, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति अक्सर युद्धों के लिए जिम्मेदार रहे हैं, लेकिन ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने युद्ध रोकने की कोशिश की. पिछले 15–20 साल में अमेरिका ने युद्धों को बढ़ावा दिया, लेकिन ट्रंप ने शांति वार्ता की पहल की. अगर वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान युद्ध में मदद करना चाहें तो उनका स्वागत है.’
भारत पर लगाए आरोप
आसिफ ने भारत पर अजीब आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि भारत तालिबान को समर्थन दे रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध (प्रतिनियुक्त युद्ध) लड़ रहा है. कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शांति प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने आठ महीने में आठ बड़े युद्ध रोक दिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध उन्होंने टैरिफ की धमकी देकर रोका था. ट्रंप ने कहा, ‘मुझे किसी ने नोबेल पुरस्कार नहीं दिया, लेकिन मैंने शायद लाखों लोगों की जान बचाई.’
पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार की सिफारिश की
पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कूटनीतिक पहल की सराहना करते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी सुझाया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने ट्रंप को ‘युद्धों को रोकने वाला नेता’ कहा है.
भारत ने अमेरिकी दखलअंदाजी को खारिज किया
वहीं, भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता को महत्व नहीं दिया. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी वार्ता ‘दोनों सेनाओं के स्थापित चैनलों के माध्यम से सीधे’ हुई थी.
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