दिवाली के बाद कत्लेआम कर सकती हैं कंपनियां, जानें कहां-कहां जाएंगी नौकरियां

दिवाली की रौनक खत्म होते ही कॉर्पोरेट सेक्टर में माहौल डराने वाला होता जा रहा है. एक तरफ कंपनियां त्योहारों पर मुनाफे की रिपोर्ट पेश कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है. बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां जिन्हें कभी “ड्रीम जॉब” देने वाली जगहें कहा जाता था अब खर्च घटाने और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में निवेश के नाम पर बड़े पैमाने पर छंटनी की तैयारी कर रही हैं.

दुनिया की दिग्गज फूड कंपनी नेस्ले SA ने दिवाली के ठीक बाद एक बड़ा ऐलान कर दिया 16,000 कर्मचारियों की छंटनी. यह कंपनी की कुल टीम का करीब 6% हिस्सा है. इसमें लगभग 12,000 ऑफिस (व्हाइट कॉलर) और 4,000 प्रोडक्शन व सप्लाई चेन कर्मचारी शामिल हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि यह फैसला उस समय आया जब नेस्ले ने हाल की तिमाही में 4.3% की ग्रोथ दिखाई थी. यानी बिक्री बढ़ी, मुनाफा आया, लेकिन फिर भी नौकरियां जा रही हैं.

नई CEO और कंपनी में बदलाव का दौर

सितंबर 2025 में नेस्ले की कमान संभालने वाले फिलिप नव्राटिल ने साफ कहा “यह फैसला कठिन है, लेकिन जरूरी.” कंपनी अब खुद को तेज, स्मार्ट और ज्यादा मुनाफेदार बनाने की कोशिश में है. इस छंटनी से नेस्ले हर साल 1 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी करीब 9,000 करोड़ रुपये की बचत करना चाहती है. कंपनी का लक्ष्य है कि 2027 तक 3 बिलियन फ्रैंक तक खर्च घटाया जाए.

सेल्स बढ़ी लेकिन मार्केट सिकुड़ा

नेस्ले की बिक्री में बढ़ोतरी कीमत बढ़ाने से हुई, लेकिन असली चुनौती “वॉल्यूम ग्रोथ” यानी बाजार में सामान की मांग की है. बिक्री का आंकड़ा 91.35 बिलियन से गिरकर 89.54 बिलियन फ्रैंक पर आ गया है. इसका मतलब है महंगी कीमतों ने ग्राहकों को दूर किया और कंपनी को कर्मचारियों पर कैंची चलाने का बहाना मिल गया.

भारत में असर और डर का माहौल

हालांकि नेस्ले इंडिया ने अब तक कोई आधिकारिक छंटनी नहीं की है, लेकिन पिछले साल कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 3.9% घट चुकी है. कंपनी का कहना है कि यह ऑटोमेशन और री-स्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है.

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अमेजन भी काटेगा नौकरियां

नेस्ले के बाद अब अमेजन इंडिया से भी डराने वाली खबर आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अपने HR डिपार्टमेंट में 15% तक कर्मचारियों की कटौती कर सकती है. इस डिपार्टमेंट को कंपनी में “पीपल एक्सपीरियंस टेक्नोलॉजी (PTX)” कहा जाता है, जिसमें दुनियाभर के 10,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं.

AI में अरबों डॉलर निवेश, इंसान होंगे बेकार?

कंपनी अगले साल तक AI डाटा सेंटर और क्लाउड सर्वर के लिए करीब 100 अरब डॉलर (8,900 अरब रुपये) का निवेश करने जा रही है. CEO एंडी जेस्सी ने खुद कहा है कंपनी आने वाले समय में कुछ पदों को AI से रिप्लेस करेगी.

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रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.

अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.

रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.

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