बाजार में आ गया नकली गोल्ड, सोना खरीदने जा रहे हैं तो मोबाइल में डाउनलोड कर लें ये ऐप

धनतेरस और दिवाली नजदीक आते ही लोग सोने चांदी की खरीदारी में लग जाते हैं. बाजारों में भीड़ बढ़ जाती है और सोने-चांदी के दाम तेजी से बढ़ने लगते हैं. ऐसे में बढ़ती कीमतों के साथ नकली और मिलावटी सोने का खतरा भी अब बढ़ गया है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

बस्ती जिले में राधा ज्वेलर्स नामक दुकान के मालिक ने सैकड़ों ग्रामीणों को असली सोने का दाम लेकर नकली सोना बेच दिया. आरोपी ने लगभग 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का नकली सोना बेचा और फिर दुकान बंद कर फरार हो गया. इस मामले के बाद अब बाजारों में नकली सोने को लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अगर आप भी दिवाली के समय सोना खरीदने जा रहे हैं तो आपको कौन सा मोबाइल ऐप अपने फोन में डाउनलोड कर लेना चाहिए. 

सोना खरीदने से पहले फोन में डाउनलोड करें ये ऐप 

भारतीय मानक ब्यूरो ने नकली सोने की समस्या से निपटने के लिए BIS Care App ऐप लॉन्च किया था. इस ऐप के जरिए ग्राहक आसानी से अपने मोबाइल में किसी भी हॉलमार्क की गई ज्वेलरी को चेक कर सकते हैं कि वह असली है या नकली. अगर आप भी दिवाली के समय बाजार में ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं, तो सबसे पहले हॉलमार्क की गई ज्वेलरी पर HUID नंबर भी देखना होगा. HUID एक छह अंको का अल्फान्यूमैरिक कोड होता है. BIS Care App  में यह HUID डालते ही आपको पता चल जाएगा की ज्वेलरी किस हॉलमार्किंग केंद्र से प्रमाणित है, किस धातु की बनी है और उसकी शुद्धता क्या है.

अगर ऐप में दी गई जानकारी आपकी ज्वेलरी से मेल नहीं खाती है तो समझ जाइए वह नकली ज्वेलरी हो सकती है. इसे लेकर भारतीय मानक ब्यूरो सलाह देता है कि हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें, क्योंकि हॉलमार्किंग यह सुनिश्चित करती है कि सोना भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुसार खरा है और यह खरीदारों को उनकी खरीदी गई धातु की शुद्धता की गारंटी देता है. 

ऐप्स पर शिकायत भी कर सकते हैं दर्ज 

BIS Care App केवल सोने की शुद्धता की जांच का माध्यम नहीं है, बल्कि इसके जरिए आम लोग सीधे शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं. अगर HUID नंबर ऐप में ज्वेलरी से मैच न हो या दुकानदार बिना हॉलमार्क वाला सोना बेच रहा हो तो ग्राहक भारतीय मानक ब्यूरो को रिपोर्ट कर सकता है और जांच करने की मांग कर सकता है. 

सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान 

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कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है. 
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए. 

इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्‍टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.

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