पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:वृद्धावस्था में रिश्तों की पूंजी का भी संग्रह शुरू कर दें

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1 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता

आज धनतेरस का पर्व है। आज दिनभर ही धन और धन्वन्तरि की बात की जाएगी। लेकिन आज के दिन में एक और संदेश समाया हुआ है- सबसे बड़ा धन, निरोगी शरीर। बढ़ती उम्र को तो हम नहीं रोक सकते, लेकिन आने वाली बीमारियों को अवश्य रोका जा सकता है।

वृद्ध लोगों को धनतेरस के दिन एक पंचामृत पीना चाहिए। इसमें पांच बातें होंगी : नींद, भोजन, भोग, गुणों को ढूंढना और रिश्ते। इसमें बाद के दो बड़े काम के हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़े, किसी भी व्यक्ति के भीतर दोष ढूंढना बंद कर दें और गुणों की खोज करें। अच्छाई ढूंढने पर अच्छा ही सोचने में आता है।

दूसरा, अपने बच्चों के अलावा कुछ रिश्ते अपने आसपास बुढ़ापे में जरूर रखिए। और उन रिश्तों को मजबूत बनाने का प्रयास करिए। ये रिश्ते आपके हमउम्र हो सकते हैं। जान-पहचान वाले हो सकते हैं। मित्र भी इस दायरे में आते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वृद्धावस्था की ओर बढ़ें, रिश्तों की पूंजी का भी संग्रह शुरू कर दें।

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