देसी इलाज के चक्कर में सेहत हो जाएगी बर्बाद, जानिए कैसे हर्बल का सेवन कर रहा शरीर का सत्यानाश!

आज के समय में लोग अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं. हर कोई चाहता है कि वह फिट और एक्टिव रहे, बीमारियां पास भी न फटकें. इसी चक्कर में लोग देसी नुस्खों और हर्बल सप्लीमेंट्स की तरफ तेजी से अट्रैक्ट हो रहे हैं. टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हेल्थ प्रोडक्ट्स का प्रचार होता है, जैसे हल्दी कैप्सूल, अश्वगंधा टेबलेट, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट. इन्हें नेचुरल, ऑर्गेनिक और सेफ कहकर बेचा जाता है. हम में से कई लोग यही सोचते हैं कि अगर कोई चीज नेचुरल है, तो वह नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन हकीकत यह है कि हर नेचुरल चीज हेल्दी नहीं होती है.

खासकर जब इन्हें सप्लीमेंट या कैप्सूल के रूप में ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो ये शरीर को फायदा पहुंचाने की जगह गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकती हैं. इसका सबसे ज्यादा असर हमारे लिवर पर पड़ता है. लिवर हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो खून साफ करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और पाचन में मदद करता है. लेकिन कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स लिवर पर इतना भार डाल सकते हैं कि वह धीरे-धीरे खराब होने लगता है और इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. ऐसे में आइए आज हम आपको ऐसी हर्बल या नेचुरल चीजों के बारे में बताते हैं, जो दिखने में तो देसी इलाज जैसी लगती हैं, लेकिन लिवर की सेहत के लिए खतरा बन सकती हैं. 

1. हल्दी – हम भारतीय घरों में हल्दी का खूब यूज करते हैं. सब्जी में, दूध में, और देसी इलाज में भी, ये सूजन कम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जानी जाती है. लेकिन अब हल्दी के कैप्सूल और पाउडर जैसे सप्लीमेंट्स का चलन बढ़ गया है. हालांकि इससे समस्या तब होती है जब इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाता है. ऐसा करने से लिवर पर दबाव बढ़ जाता है. कुछ रिसर्च के अनुसार, ज्यादा हल्दी के सप्लीमेंट लेने से लिवर डैमेज और किडनी स्टोन तक हो सकते हैं. इसलिए हल्दी को अपने खाने में सीमित मात्रा में लेना ठीक है, लेकिन इसके सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेने चाहिए. 

2. अश्वगंधा – अश्वगंधा को भारतीय आयुर्वेद में बहुत ताकतवर औषधि माना गया है. यह तनाव कम करने, नींद बेहतर करने और शरीर की एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है. लेकिन आजकल इसके टैबलेट्स और पाउडर सप्लीमेंट के रूप में बेचे जा रहे हैं और लोग बिना डॉक्टर की राय के इन्हें नियमित रूप से लेने लगे हैं. अगर इसकी मात्रा सही न हो या इसमें मिलावट हो, तो यह लिवर इंफ्लेमेशन और हेपटोटोक्सिसिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. अगर आपको पहले से कोई लिवर की बीमारी है, तो अश्वगंधा लेना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 

3. ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट – ग्रीन टी पीना तो सेहत के लिए ठीक है, लेकिन आजकल लोग वजन घटाने और फैट कम करने के चक्कर में ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट के कैप्सूल्स लेने लगे हैं. इनमें मौजूद एक तत्व कैटेचिन्स होता है. ये जब शरीर में ज्यादा मात्रा में पहुंचता है, तो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ मामलों में तो लोगों को लीवर फेलियर तक हो गया है. 

4. ब्लैक कोहोश – ब्लैक कोहोश एक हर्बल जड़ी-बूटी है, जो खासतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए ली जाती है. लेकिन ये एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसे अगर बिना डॉक्टरी सलाह के लिया जाए, तो लिवर में सूजन, पीलिया या यहां तक कि हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. जिन महिलाओं को पहले से लिवर की कोई भी समस्या है, उन्हें इस सप्लीमेंट से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. 

5. रेड यीस्ट राइस – रेड यीस्ट राइस को आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए यूज किया जाता है. इसमें एक तत्व पाया जाता है जिसका नाम Monacolin K है –जो कि लिवर पर असर डालता है.हर रेड यीस्ट राइस प्रोडक्ट में इस तत्व की मात्रा अलग होती है, इसलिए कब और कितना नुकसान होगा, ये कहना मुश्किल है. कुछ मामलों में इसके कारण लिवर एंजाइम बढ़ जाते हैं, जो आगे चलकर लिवर डैमेज की शुरुआत हो सकती है. 

यह भी पढ़ें Diwali Shopping: दिवाली की खरीदारी करते वक्त न करें ये गलती, एक क्लिक में देखें स्मार्ट शॉपिंग टिप्स

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *