जब भी कोई बड़ा नेता कही आता जाता है तो उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है. ऐसे में भर आने जाने के लिए उनकी अपनी गाड़िया होती हैं जो उन्हें लेकर जाती हैं. साथ ही कई बॉडीगार्ड्स भी वहां सुरक्षा के लिए मौजूद रहते है.
ऐसे में आपने कई बार देखा होगा कि नेताओं की गाड़ियों के साथ चलने वाले गाड़ी के काफिले में एक चीज कॉमन होती है और वो चीज है उन सभी गाड़ियों की नंबर प्लेट. इन गाड़ियों की नंबर प्लेट का नंबर एकदम सेम होता है. लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की है? आइए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे का रीजन और ये भी कि क्या कोई आम इंसान भी ऐसा कर सकता है?
नेताओं के साथ चलते काफिले में अपने कई बार सेम नंबर प्लेट वाली गाड़िया देखी होंगी. ये बात बेहद हैरान करने वाली है कुकी गाड़ियों का नंबर एक दूसरे से अलग होता है. लेकिन यहां इन्हें सेम रखने की वजह है सीक्रेसी और सेफ्टी बनाए रखना. दरअसल, VIP या VVIP नेताओं जैसे सीएम या सासंद की सुरक्षा के लिए SPG या पुलिस प्रोटेक्शन टीम काफिले में कई सेम मॉडल की गाड़ियों रखती हैं. ऐसा करने का कारण ये है कि इससे कोई बाहरी इंसान असली गाड़ी की पहचान न कर सकें. साथ ही इन गाड़ियों का एक जैसा नंबर, मॉडल और कलर होता जरूर है लेकिन ये नंबर असली नहीं होते है, बल्कि डमी नंबर्स होते हैं. ऐसे में इससे उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी बनी रहती है.
ऐसे में यहां सवाल उठता है कि क्या आप और हम जैसे आम लोग भी ऐसा कर सकते है? इसका जवाब है नहीं. दरअसल, एक ही नंबर प्लेट की दो गाड़ियां रखने की अनुमति नहीं होती है. भारतीय कानून के मुताबिक बिना वैलिड नंबर प्लेट के कोई भी व्हीकल चलाना कानून जुर्म है. ऐसा करने पर आपको 5000 रुपये तक का भरी जुर्माना भी देना पड़ सकता है. साथ ही आपका व्हीकल भी जब्त किया जा सकता है. इसके अलावा अगर जानबूझकर नकली या झूठी नंबर प्लेट लगाई तो जेल जाने की नौबत भी आ सकती है.
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आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं.
दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की.
साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं.
घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.
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