Bihar Election 2025: नामांकन की आखिरी घड़ी में INDIA गठबंधन में घमासान, हेमंत सोरेन की JMM ने छोड़ा साथ!

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं, लेकिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अंदरूनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है.

सीट बंटवारे को लेकर जारी असमंजस में शनिवार (18 अक्टूबर) को एक और झटका तब लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गठबंधन से अलग होकर बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. पार्टी ने छह सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.

इधर, गठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कई सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिनमें कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां उसके सहयोगी दल पहले से दावेदार हैं. फिर भी राजद की अंतिम सूची अभी तक जारी नहीं हो पाई है. कांग्रेस ने अब तक 54 उम्मीदवारों की घोषणा की है. शनिवार देर शाम जारी नई सूची में किशनगंज, कसबा, पूर्णिया और गया नगर जैसी सीटें शामिल हैं.

किशनगंज से कांग्रेस ने कमरुल होदा को टिकट दिया है, जो पहले एआईएमआईएम और बाद में राजद में थे. इसी तरह, कसबा सीट से इरफान आलम को मैदान में उतारा गया है. बताया जा रहा है कि पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव की नाराजगी को देखते हुए अफाक आलम की जगह इरफान को मौका मिला. पूर्णिया से जितेंद्र यादव और गया नगर से महेंद्र श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है.

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस बार 2020 की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि टिकट वितरण को लेकर पार्टी में भारी असंतोष देखा गया. पटना में कई नाराज नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर ‘टिकट बेचने’ के आरोप लगाए.

गठबंधन में फिलहाल कम से कम आठ सीटों पर दो सहयोगी दल आमने-सामने हैं, जिनमें तीन सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच सीधा मुकाबला संभव है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की सीट कुटुंबा भी इसी विवाद में फंसी बताई जा रही है.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि समझौता लगभग तय है, नामांकन वापसी की अंतिम तारीख तक तस्वीर साफ हो जाएगी. उधर, एनडीए में भी सबकुछ सुचारू नहीं है. जद(यू) ने अंतिम क्षणों में अमौर सीट से साबिर अली को टिकट दे दिया, जबकि पहले सबा जफर का नाम तय था. वहीं मरहौरा सीट पर एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया, जिससे राजद प्रत्याशी जितेंद्र राय को बढ़त मिलने की संभावना है. चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, गठबंधनों की राजनीति उतनी ही उलझती जा रही है और मतदाताओं के लिए तस्वीर अभी भी धुंधली बनी हुई है.

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