दीवाली के बाद सांस लेना होता है मुश्किल, जानें किन बीमारियों को खतरा हो जाता है दोगुना?

दीवाली भारत का सबसे बड़ा और खुशियों से भरा त्योहार है. इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं, मिठाइयां बांटी जाती हैं और लोग अपने परिवार के साथ इसे हर्षोल्लास से मनाते हैं. हालांकि, हर साल दीवाली के बाद एक परेशानी जो लगातार बढ़ती जा रही है, वह वायु प्रदूषण है. पटाखों से निकलने वाला धुआं और जहरीले केमिकल त्योहार के बाद वाली सुबह को डरावनी बना देते हैं.

हवा में धूल, धुआं और जहरीले केमिकल की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस समय सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि दीवाली के बाद सांस लेना मुश्किल क्यों हो जाता है और किन बीमारियों का खतरा दोगुना हो जाता है 
 
दीवाली के बाद सांस लेना मुश्किल क्यों हो जाता है

दीवाली के बाद सांस लेना मुश्किल कई कारणों से मुश्किल हो जाता है, जिसका सबसे बड़ा कारण पटाखे हैं. पटाखों से बहुत ज्यादा मात्रा में धुआं और जहरीले कण जैसे PM2.5 और PM10 निकलते हैं. ये कण हमारी सांस के साथ फेफड़ों में चले जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल क्यों होती है. इसके अलावा दीवाली पर बाजारों में भारी भीड़ होती है. गाड़ियों की आवाजाही से निकलने वाला धुआं भी वायु को और प्रदूषित कर देता है. वहीं इस समय लोग घरों की सफाई के बाद कचरा जलाते हैं और बिजली की खपत भी बढ़ती है, जिससे और ज्यादा प्रदूषण होता है. इस सभी के चलते दीवाली के बाद वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है. 
 
दीवाली के बाद  किन बीमारियों का खतरा दोगुना हो जाता है
 
1. अस्थमा और सांस की बीमारियां बढ़ जाती हैं – दीवाली के बाद हवा में मौजूद जहरीले कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे अस्थमा के मरीजों को दौरे पड़ सकते हैं. कई बार यह इतना गंभीर हो सकता है कि अस्पताल तक जाना पड़े.
 
2. खांसी और गले में जलन – प्रदूषित हवा नाक और गले को सबसे पहले प्रभावित करती है. लगातार खांसी, गले में खराश और जलन की समस्या आम हो जाती है. 
 
3. सीओपीडी – जो लोग पहले से इस बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए दीवाली का धुआं जानलेवा हो सकता है. सांस फूलना, सीने में जकड़न जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. 
 
4. कोविड-19 से ठीक हुए मरीज – जिन्हें कोविड के दौरान फेफड़ों में नुकसान हुआ है, उनके लिए दीवाली का प्रदूषण बहुत बड़ा खतरा बन सकता है. फेफड़ों में पहले से मौजूद फाइब्रोसिस और खराबी और बढ़ जाती है. 
 
5. बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं – बच्चों के फेफड़े पूरी तरह ग्रो नहीं होते और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होती है. दोनों ही वर्गों के लिए वायु प्रदूषण का असर ज्यादा गंभीर होता है. 
 
6. दिल से जुड़ी दिक्कतें – दीवाली के बाद हवा की खराब क्वालिटी से सांस की बीमारियां, फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं और दिल से जुड़ी दिक्कतें दोगुनी हो सकती हैं. अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो ये छोटी-छोटी दिक्कतें बड़ी बीमारी का रूप ले सकती हैं. 

दीवाली के बाद बीमारियों से बचाव के आसान और असरदार तरीके

1. बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर पहनें, N95 या अच्छे क्वालिटी वाले मास्क ही जहरीले कणों को रोक पाते हैं और कपड़े के मास्क से बचें.

2.  पटाखों के समय या जब AQI बहुत ज्यादा खराब हो (150 से ऊपर), तो घर के अंदर ही रहें.

3. घर को बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का यूज करें. HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर घर की हवा को साफ रखने में मदद कर सकता है.

4. डाइट में विटामिन C, हल्दी, आंवला, टमाटर और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें, ये फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं.

यह भी पढ़ें Kids Health during Diwali: पटाखों के शोर और पॉल्यूशन में न हो जाए आपके बेबी की तबीयत खराब, अपनाएं ये टिप्स

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *