बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच महागठबंधन में चल रही सीटों की खींचतान अब खुलकर सामने आ रही है. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने महागठबंधन के शीर्ष नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर इस गठबंधन को बचाना है तो कांग्रेस और JMM जैसी पुरानी सहयोगी पार्टियों का सम्मान करना होगा.
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस कभी गठबंधन तोड़ने वाली पार्टी नहीं रही है. वह हमेशा मर्यादा में रहती है और अपमान सहकर भी साथ निभाती है. लेकिन आज जो हालात हैं, उससे लगता है कि कोई बड़ी ताकत हमारे गठबंधन को तोड़ने में लगी हुई है. कल के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा.
#WATCH | पटना, बिहार: महागठबंधन में सीटों के बटवारे पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, “…कांग्रेस अपना गठबंधन तोड़ नहीं रही है, वह निभाती है। कांग्रेस की ओर से अभी तक ‘फ्रेंडली फाइट’ नहीं हुई है… कल के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा… मुझे ऐसा लगता है कि हमारे गठबंधन… pic.twitter.com/tWbiSneINM
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने पर पप्पू यादव ने राजद नेतृत्व पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि JMM के साथ 3-4 सीटों पर सम्मानजनक गठबंधन होना चाहिए था. मैं लालू यादव से अपील करूंगा कि यह परंपरा छोड़ें जिसमें अपने सहयोगी दलों को नजरअंदाज किया जाता है. दूसरों से कुछ सीखिए और JMM को फिर से गठबंधन में जोड़िए.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे नेता गठबंधन धर्म को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन अगर किसी नेता के विचारों पर हमला होगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे. गठबंधन के भीतर भी मर्यादा और पारदर्शिता जरूरी है.
पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीधी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि लालू जी जो कर रहे हैं कि अपने ही सहयोगियों के खिलाफ प्रत्याशी उतार रहे हैं, वह गलत है. यह उनकी पुरानी आदत है, जिसे अब छोड़ने की जरूरत है. जनता सब देख रही है और बिहार में अब राजनीति बदलने वाली है.
उन्होंने दावा किया कि जनता उनके साथ है और आने वाले चुनाव में बदलाव का माहौल बन रहा है. लोग जाति और गठबंधन की सीमाओं से आगे सोच रहे हैं. जनता विकास चाहती है, न कि कुर्सी की राजनीति.
इस बीच, कांग्रेस और राजद के बीच कई सीटों पर सहमति नहीं बन सकी है. JMM के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान से भी गठबंधन में असंतोष बढ़ गया है. ऐसे में पप्पू यादव का यह बयान महागठबंधन की अंदरूनी असहमति को और गहराई से उजागर करता है.
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