पूरे देश में कल यानी 20 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. इस मौके पर हर जगह पटाखे और आतिशबाजी का माहौल देखने को मिलता है. हालांकि, दिवाली के समय में आसमान को रोशन करने वाले पटाखों का एक और पहलू भी है. दरअसल, पटाखों से निकलने वाली तेज आवाज स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. खासकर यह उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है, जिन्हें दिल की बीमारी है.
NIH सहित कई रिसर्च बताती हैं कि हाई डेसिबल ध्वनि के लगातार संपर्क में रहने से हार्ट संबंधी समस्याओं जैसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि दिवाली के पटाखे की तेज आवाज से हार्ट अटैक का खतरा कैसे बढ़ जाता है और ऐसे समय में आप दिल की सेहत का कैसे ध्यान रख सकते हैं.
पटाखे की आवाज से कैसे होता है हार्ट अटैक का खतरा
दरअसल, पटाखों की आवाज अक्सर 4 मीटर की दूरी पर 130 से 143 डेसीबल तक पहुंच जाती है, जो कि सामान्य सुनने की सीमा से काफी ज्यादा है. इतनी तेज आवाज से शरीर का स्ट्रेस रिस्पांस सक्रिय हो जाता है, जिसके चलते ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट रेट तेज हो जाती है और हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है. लंबे समय तक या बार-बार ऐसे हालात का सामना करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है.
किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
इस दिवाली रखें हार्ट को सुरक्षित
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है.
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए.
इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.
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