PM Kisan Yojana 21st Installment: केंद्र सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है. जिनसे करोड़ों किसानों को सीधा फायदा मिलता है. देश में आज भी बहुत से किसान आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. इसलिए उन्हें सहायता देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत हर साल किसानों को 6000 रुपये की मदद दी जाती है.
जो तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है. अब तक योजना की 20 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. और अब किसानों को 21वीं किस्त का इंतजार है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगली किस्त छठ के मौके पर जारी हो सकती है. चलिए आपको बताते हैं कि सरकार की ओर से इस पर क्या लेटेस्ट अपडेट सामने आया है और किसानों को अगली किस्त कब तक मिल सकती है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त को लेकर किसानों को इंतजार बढ़ गई है. अब तक योजना की 20 किस्तें जारी हो चुकी हैं और 21वीं किस्त का इंतजार है. 20वीं किस्त अगस्त के महीने में भेजी गई थी. सरकार चार महीनों के अंतराल पर किस्त भेजती है. इस हिसाब से अक्टूबर के आखिर या नवंबर के पहले हफ्ते में किस्त आ सकती है.
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कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह किस्त छठ पर्व से पहले जारी की जा सकती है. जिससे किसान त्योहार के मौके पर आर्थिक सहारा पा सकें. हालांकि अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. आधिकारिक जानकारी के बाद ही पता चल पाएगा किस्त कब जारी होगी. किसान अपने योजना के आधिकारिक पोर्टल से स्टेटस चेक कर सकते हैं.
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21वीं किस्त पाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी काम समय पर पूरे करने होंगे. सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका आधार कार्ड बैंक अकाउंट से लिंक हो और सभी डिटेल सही हो. उसके बाद पीएम किसान योजना के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन और लाभार्थी विवरण अपडेट कर लें. अगर कोई नई जमीन खरीदी है या जमीन का रिकॉर्ड बदला है, तो उसका डॉक्युमेंटेशन भी समय पर जमा करना जरूरी है. इसके अलावा ई-केवाईसी और भू-सत्यापन भी करवाना जरूरी है. तभी किस्त मिल पाएगी.
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नीलेश ओझा पिछले पांच साल से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं. उनकी लेखन शैली में तथ्यों की सटीकता और इंसानी नजरिए की गहराई दोनों साथ-साथ चलती हैं.पत्रकारिता उनके लिए महज़ खबरें इकट्ठा करने या तेजी से लिखने का काम नहीं है. वह मानते हैं कि हर स्टोरी के पीछे एक सोच होनी चाहिए.
कुछ ऐसा जो पाठक को सिर्फ जानकारी न दे बल्कि सोचने के लिए भी मजबूर करे. यही वजह है कि उनकी स्टोरीज़ में भाषा साफ़ होती है.लिखने-पढ़ने का शौक बचपन से रहा है. स्कूल की नोटबुक से शुरू हुआ यह सफर धीरे-धीरे पेशेवर लेखन और पत्रकारिता तक पहुंचा. आज भी उनके लिए लेखन सिर्फ पेशा नहीं है यह खुद को समझने और दुनिया से संवाद करने का ज़रिया है.
पत्रकारिता के अलावा वह साहित्य और समकालीन शायरी से भी गहराई से जुड़े हुए हैं. कभी भीड़ में तो कभी अकेले में ख्यालों को शायरी की शक्ल देते रहते हैं. उनका मानना है कि पत्रकारिता का काम सिर्फ घटनाएं गिनाना नहीं है. बल्कि पाठक को उस तस्वीर के उन हिस्सों तक ले जाना है. जो अक्सर नजरों से छूट जाते हैं.
उन्होंने स्पोर्ट्सविकी, क्रिकेट एडिक्टर, इनशॉर्ट्स और जी हिंदुस्तान जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स के साथ काम किया है.
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