ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता वारिस पठान ने महाराष्ट्र के शनिवार वाडा में मुस्लिम महिलाओं के नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद बढ़ते विवाद पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि किसी महिला के जुमे की नमाज तीन मिनट में पढ़ने और समय निकल जाने पर उस अमल को अमान्य ठहराना धार्मिक दृष्टि से गलत है. वारिस ने जुमे की नमाज को लेकर धर्म और संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया.
वारिस पठान ने कहा, “भारत का संविधान अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को अपने धर्म का पालन और उसका प्रचार करने का अधिकार देता है.” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब संविधान इतनी स्पष्ट स्वतंत्रता देता है, तो फिर किसी के धार्मिक आचरण पर सवाल उठाना या रोक लगाना कहां तक उचित है.
आईएएनएस मीडिया एजेंसी से बात करते हुए AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा, अगर किसी मुस्लिम महिला ने जुमे के दिन वक्त होने पर 3 मिनट की नमाज पढ़ ली तो कौन सा पहाड़ टूट गया. उन्होंने संविधान अनुच्छेद 25 में इजाजत देता है कि, इंसान को अपने-अपने धर्म की चीजें करने का अधिकार है. अगर नमाज पढ़ ली गई तो इसमें क्या बात है.
वारिस पठान ने आगे कहा, हमारे हिंदु भाई-बहनें ट्रेनों में गरबा खेलते हैं, एयरपोर्ट पर गरबा खेला जाता है. इस पर हमने कभी अपत्ति नहीं जताई सब अपना-अपना त्योहार मना रहे हैं.
वहीं नमाज का विरोध कर रहे लोगों को लेकर उन्होंने कहा कि लोग शुद्धिकरण कर रहे हैं. अगर शुद्धिकरण करना है तो अपनी मानसिकता का करो, अपन दिमाग को करो और अपने दिल का शुद्धिकरण करो, जिसके अंदर नफरत भर गई है.
AIMIM नेता ने आगे बातचीत में कहा, बीजेपी के लोगों के द्वारा यह जो धर्मनिरपेक्षता और देश की गंगा-जमुनी तहजीब का सरासर कत्ल किया जा रहा है. जबसे यह लोग आए हैं, सिर्फ नफरत ही फैला रहे हैं. यह लोग देश को किस दिशा में लेकर चले जाएंगे.
उन्होंने आखिर में कहा कि, यह सब नहीं होना चाहिए. अगर कोई नमाज पढ़ रहा है. आप लोग इतना सब करते हो उस पर किसी को कोई अपत्ति नहीं होती तो यह क्यों किया जा रहा है. बता दें महाराष्ट्र के शनिवार वाडा में महिलाओं के नमाज पढ़ने को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है.
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