अगर आप विदेश में पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं और अमेरिका या ब्रिटेन की वीजा परेशानियों से डर रहे हैं, तो ऑस्ट्रेलिया आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प बन सकता है. आज ऑस्ट्रेलिया दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, करीब एक लाख भारतीय छात्र फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे हैं और इसकी बड़ी वजह है वहां की आसान वीजा प्रक्रिया, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और पढ़ाई के बाद मिलने वाले जॉब के मौके.
पिछले कुछ सालों में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में विदेशी छात्रों के लिए माहौल पहले जैसा नहीं रहा. वीजा नियम कड़े हो गए हैं, जॉब मिलने में मुश्किलें बढ़ी हैं और वहां का रहन-सहन भी महंगा हो गया है. ऐसे में भारतीय छात्र अब ऑस्ट्रेलिया का रुख कर रहे हैं, क्योंकि यहां न केवल पढ़ाई आसान है बल्कि छात्रों को डिग्री पूरी करने के बाद वहीं रुक कर नौकरी करने की भी अनुमति मिलती है.
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में गिनी जाती हैं और यहां का एजुकेशन सिस्टम प्रैक्टिकल नॉलेज पर आधारित है. इससे छात्रों को ग्लोबल करियर बनाने में मदद मिलती है.
क्या है पोस्ट-हायर एजुकेशन वर्क वीजा?
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को एक खास सुविधा दी जाती है पोस्ट-हायर एजुकेशन वर्क वीजा, जिसे पहले पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा (PSWV) कहा जाता था. इस वीजा की मदद से छात्र अपनी डिग्री पूरी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया में रहकर नौकरी कर सकते हैं. इस वीजा की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि छात्र ने कौन सी डिग्री हासिल की है. बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री वाले छात्रों को आम तौर पर 2 साल तक रहने की अनुमति मिलती है. पीएचडी करने वाले छात्रों को 3 साल तक वर्क वीजा दिया जाता है.
वर्क वीजा के लिए जरूरी शर्तें
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रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.
अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.
रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.
दोनों ही क्षेत्र समाज की बुनियादी जरूरतों से जुड़े हैं और रजनी इन्हें बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संभालती हैं. खाली समय में रजनी को संगीत सुनना और किताबें पढ़ना पसंद है. ये न केवल उन्हें मानसिक सुकून देते हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी ऊर्जा प्रदान करते हैं.
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