माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया था. उनकी चर्चा आज देश भर में है लेकिन उनके बेटे भागीरथ मांझी के साथ धोखा हो गया है. विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस से उम्मीद थी कि टिकट मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. टिकट नहीं मिलने के बाद ना सिर्फ भागीरथ मांझी बल्कि परिवार के बाकी लोग भी नाराज हैं.
भागीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को कहा कि सारे राजनीतिक दल और नेताओं को चुनाव के समय महादलित की याद आती है. धरना-प्रदर्शन से लेकर राजनीतिक दलों का झोला-झंडा तक महादलित परिवार के लोग ढोते हैं. सिर्फ वोट का इस्तेमाल करते है. उन्होंने कांग्रेस से बड़ी मांग कर दी. कहा कि अगर विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला तो राहुल गांधी से आग्रह है कि एमएलसी ही बनाकर दशरथ मांझी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
टिकट नहीं मिलने से माउंटेन मैन के पुत्र भागीरथ मांझी भी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में सभी लोगों ने भरोसा दिलाया था कि टिकट मिलेगा. अब सीट का बंटवारा हो गया. राहुल गांधी से पटना में मुलाकात के दौरान टिकट की बात हुई थी. राहुल गांधी ने भी पूछा था कि चुनाव लड़ेंगे क्या. बुलाया गया था तो दिल्ली गए थे. बाराचट्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. राहुल गांधी का अगर ध्यान होता तो टिकट मिल जाता. सबने ठगने का काम किया.
बता दें कि इस साल (2025) जून में राहुल गांधी ने दशरथ मांझी के घर जाकर परिवार से मुलाकात की थी. खबर आई थी कि उस समय राहुल गांधी ने भागीरथ मांझी को टिकट देने का वादा किया था. टिकट के लिए भागीरथ मांझी दिल्ली भी पहुंचे लेकिन राहुल गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई. कांग्रेस कार्यालय में वहां के नेताओं ने बताया कि सीट शेयरिंग में अगर गयाजी जिले की बाराचट्टी सुरक्षित विधानसभा सीट आएगी तो उन्हें (भागीरथ मांझी) कांग्रेस से उम्मीदवार बनाया जाएगा. बाद में बताया गया कि टिकट आरजेडी के खाते में है. उनके अनुसार, 4 दिनों तक वे दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में थे लेकिन सिर्फ आश्वासन मिलता रहा.
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