चीन को पीछे छोड़कर भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली एयरफोर्स के तौर पर रैंक किया गया है, जिसकी भारत में ही नहीं चीन में भी खूब चर्चा हो रही है. वहां के एक एक्सपर्ट ने चीनी वायुसेना के पिछड़ने पर मायूसी जताई और भारत की उपलब्धि पर अपनी चिढ़ निकाली है. उन्होंने कहा है कि सेनाओं की असली रैंकिंग जंग के मैदान में होती है, पेपर्स पर नहीं. उन्होंने कहा कि बढ़ा-चढ़ाकर किए गए गलत आकलन से किसी को भी लाभ नहीं होगा.
न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) ने 103 देशों और 129 एयर सर्विसेज, आर्मी, नेवी और समुद्री विमानन शाखाओं की रैंकिंग की है. लिस्ट में भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायुसेना का खिताब हासिल कर लिया है. अमेरिका पहले नंबर पर है और दूसरे पर रूस है.
WDMMA ने यह रैंकिंग TruVal Rating (TVR) के आधार पर दी है, जो किसी देश के पास विमानों की संख्या, टेक्नोलॉजी, ऑपरेशनल रेडीनेस, हमला करने की क्षमता, पायलट ट्रेनिंग, कॉम्बैट एयरक्राफ्ट्स, ट्रेनर्स, अटैक हेलीकॉप्टर्स, टैंकर्स, ट्रांसपोर्टर्स, फाइटर बॉम्बर्स और विशेष मकसद के लिए रखे गए एयरक्राफ्ट्स पर निर्भर करती है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार (20 अक्टूबर, 2025) को चीन के सैन्य मामलों के एक्सपर्ट झांग जुनशे ने कहा है कि इस रैंकिंग को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. सेनाओं की युद्ध क्षमताएं ही सही तुलना का आधार बनती हैं, न कि पेपर्स पर लिखी गई जानकारियां.
उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी और भारतीय मीडिया संगठन भारत की इस रैंकिंग पर बहुत बढ़ चढ़ कर बातें कर रहे हैं, लेकिन इसका मकसद भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाना है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का जोखिम भरा कदम गलत अनुमानों के खतरनाक चक्र को जन्म दे सकता है. WDMMA की लिस्ट के अनुसार 242.9 TVR के साथ अमेरिकी वायुसेना पहले नंबर पर, 114.2 TVR के साथ रूस दूसरे पर और 69.4 TVR के साथ भारत तीसरे नंबर पर है. चीन का TVR 63.8 है.
भारत की तीनों सेनाओं के बीच अच्छा तालमेल है. ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत की ताकत की झलक देखने को मिली, जब इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंप्स को तबाह कर दिया था. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई सैन्य ठिकानों पर अटैक करने की कोशिश की थी. इस झड़प में इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की वायुसेना को भारी नुकसान पहुंचाया था. सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर में एलओसी पर पाकिस्तान के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे और कम से कम 12 विमान तबाह हुए.
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