किसका बनता है आयुष्मान कार्ड किसका नहीं? एक क्लिक में ऐसे करें पता

मुफ्त इलाज किसी देश में रहने वाले हर नागरिक का अधिकार होता है. ऐसे में भारत सरकार ने लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए आयुष्मान योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत लोग अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं और इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इसके तहत आपके इलाज का सारा खर्च सरकार उठाती है. 

आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज की सुविधा हर हॉस्पिटल में मौजूद है चाहे प्राइवेट हो या सरकारी, जिससे हर इंसान इसका लाभ उठा सके. हालांकि, अधिकतर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं कि किसका आयुष्मान कार्ड बन सकता है और किसका नहीं? ऐसे में हम आपको बताते हैं कि एक क्लिक में कैसे पता करें कि किसका बना सकता है आयुष्मान कार्ड?

आयुष्मान कार्ड बनवाने पर लोगों को सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती हैं, लेकिन इसके लिए कुछ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होते हैं, जिसके तहत ही आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इसका लाभ वे लोग ले सकते हैं, जिनका नाम SECC 2011 की लिस्ट में शामिल है या जो नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी के रिकॉर्ड में एलिजिबल माने गए हैं. इसके अलावा जो अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करते हैं, गरीब वर्ग से आते हैं, टैक्स पे नहीं करते हैं, जिनकी फाइनेंशियल कंडीशन अच्छी नहीं है, जिनके पास अपना घर भी नहीं है, जिनको पीएफ की सुविधा नहीं मिलती और जिन्हें ईएसआईसी का लाभ नहीं मिलता, वे सभी इस कार्ड को बनवा सकते हैं.

इसके साथ ही आप mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर जाकर भी इसे चेक कर सकते हैं. इस पोर्टल पर जाकर आपको “Am I eligible” पर क्लिक करना है. फिर अपना मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी दर्ज करना और वेरिफाई करना है. फिर अपनी जानकारी जैसे राज्य और जिला भरना है. अगर आपका नाम लिस्ट में शो होता है तो आप पात्र हैं, वरना आप इस सुविधा का लाभ नहीं ले सकते हैं.

1. सबसे पहले आपको सरकारी पोर्टल beneficiary.nhai.gov.in पर जाना है.
2. वहां अपने मोबाइल नंबर के जरिए लॉगइन करें और ओटीपी डालकर वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करें.
3. लॉगइन करने के बाद बेनिफिशरी डैशबोर्ड खुलेगा, जहां आपको अपना नाम, राज्य, जिला और आधार नंबर दर्ज करके सर्च करना है. 
4. इसके बाद आपके परिवार के सदस्यों की लिस्ट दिखाई देगी. आपको उनके नाम के आगे दिए गए एक्शन बटन पर क्लिक करना है.
5. आधार नंबर के जरिए ओटीपी देकर e-kyc प्रोसेस पूरी करनी है.
6. इसके बाद अगर आपका आधार वेरिफिकेशन सक्सेसफुल होता है और मैचिंग स्कोर 80% होता है तो आयुष्मान कार्ड अप्रूव हो जाएगा.
7. इसके बाद कैप्चर फोटो पर जाकर क्लिक करना है और फोटो अपलोड करनी है. 
8. फिर नए फॉर्म में सभी जानकारी भरकर, सबमिट करना है.

आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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