देश की एंटी करप्शन वॉचडॉग यानी लोकपाल ऑफ इंडिया ने अपनी प्रशासनिक और लॉजिस्टिक व्यवस्था और बेहतर करने के लिए 7 लग्जरी BMW कार खरीदने का प्रस्ताव जारी किया है. हर कार की कीमत करीब 60 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है. लोकपाल की ओर से 16 अक्तूबर 2025 को 7 BMW एलआई (लॉन्ग व्हील बेस) की खरीद के लिए सार्वजनिक टेंडर जारी किया गया था.
लोकपाल कार्यालय के ड्राइवरों को ट्रेनिंग देगा BMW
लोकपाल के नोटिस में बताया गया है कि बोली जमा करने की शुरुआत 17 अक्टूबर से होगी, जबकि बोली जमा करने की अंतिम तिथि 6 नवंबर दोपहर 3 बजे है. बोली की तकनीकी जांच 7 नवंबर से शुरू होगी. ऑर्डर देने के 30 दिनों के भीतर इन कारों की डिलीवरी देनी होगी. डिलीवरी के बाद कंपनी बीएमडब्ल्यू अपने विशेषज्ञों के जरिए लोकपाल कार्यालय के ड्राइवरों और कर्मचारियों को एक हफ्ते का ट्रेनिंग देगी. इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और उसके ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी दी जाएगी.
‘लोकपाल के सदस्य अपनी लग्जरी में मस्त’
लोकपाल ऑफ इंडिया के इस टेंडर को लेकर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद और सुप्रीम कोर्ट वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. प्रशांत भूषण ने कहा, “मोदी सरकार ने लोकपाल जैसी संस्था को कई सालों तक खाली रखकर और फिर ऐसे लोगों की इसमें नियुक्ति की है, जिन्होंने इसे धूल में मिला दिया है. इन सदस्यों को भ्रष्टाचार से कोई फर्क नहीं पड़ता. सब अपनी लग्जरी में मस्त हैं. अब वे अपने लिए 70 लाख की बीएमडब्ल्यू कारें खरीद रहे हैं.”
कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद को केंद्र पर निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी लोकपाल ऑफ इंडिया पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “लोकपाल अपने लिए 5 करोड़ रुपये से की 7 लग्जरी बीएमडब्ल्यू कारें खरीदना चाहता है. यह वही संस्था है जिसे तथाकथित इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के बाद भ्रष्टाचार से लड़ना था. इस आंदोलन को आरएसएस का समर्थन प्राप्त था, जिसका मकसद सिर्फ कांग्रेस सरकार को गिराना था.”
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