Chhath 2025 Kharna Prasad: आज खरना, छठी मैया को खुश करने के लिए सही विधि से चढ़ाएं खीर-रोटी!

Chhath 2025 Kharna Prasad: आज छठ महापर्व का दूसरा दिन है, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है. इस दिन को बहुत ही पवित्र और आस्था से भरा माना गया है. आज के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर, शाम के समय पारंपरिक रूप से गुड़ से बनी खीर और रोटी का प्रसाद तैयार करते हैं, जिसे मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनाया जाता है.

इसके बाद सूर्य देव को प्रसाद अर्पित कर उनकी पूजा की जाती है, फिर व्रती यह प्रसाद ग्रहण करते हैं. व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद से शुरू होता है, 36 घंटे का निर्जला उपवास.

खरना की खीर और रोटी सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है. इसे व्रती द्वारा पूरे परिवार में बांटने से घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है. लोक मान्यता है कि जो व्रती इस प्रसाद को सच्चे मन से बनाते और अर्पित करते है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है और मां छठी की असीम कृपा भी प्राप्त होती है.

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गौरव अग्निहोत्री ज्योतिष और धर्म से जुड़े विषयों में गहरी रुचि रखते हैं. वे abplive.com से जुड़े हैं और विभिन्न धार्मिक व ज्योतिषीय विषयों पर 1 साल से लेखन कर रहे हैं. गौरव का जन्म दिल्ली में हुआ है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है. इन्हें अंक शास्त्र, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और स्वप्न शास्त्र में विशेष दिलचस्पी है. धर्म के अलावा गौरव को क्रिकेट और फिल्में देखना भी पसंद है.

खरना प्रसाद गुड़ से बनी खीर और रोटी है, जो छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रती द्वारा बनाया जाता है. यह भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है.

शाम के समय, व्रती स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनकर, नए मिट्टी के चूल्हे पर गुड़-चावल की खीर और गेहूं की रोटी बनाते हैं. प्रसाद में केला, दूध और फल भी रखे जाते हैं.

खरना प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है, जो उषा अर्घ्य तक चलता है.

खरना प्रसाद को परिवार में बांटने से घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है. ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है और मां छठी की कृपा प्राप्त होती है.

पूरे दिन निर्जला उपवास रखें, पूजा स्थल और प्रसाद बनाते समय पवित्रता का ध्यान रखें. प्रसाद को जूठा न होने दें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.

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