एन. रघुरामन का कॉलम:क्यों ये दुनिया सर्कुलर फैशन नहीं अपना सकती?
- Hindi News
- Opinion
- N. Raghuraman’s Column Why Can’t The World Adopt Circular Fashion?
-
कॉपी लिंक
‘यह तो 2023 की फॉल फैशन थी ना’? कोलंबो के ताज समुद्र होटल की लॉबी में पहला वाक्य मैंने यही सुना, जब लिफ्ट से निकले एक गेस्ट ने मेरे करीब ही लॉबी में इंतजार कर रही एक महिला का अभिवादन किया। 2023 फॉल फैशन में टेराकोटा, ओलिव ग्रीन और मस्टर्ड यलो जैसे रिच, अर्थी और बोल्ड ट्रेंड थे।
इसमें कार्गो पैंट्स जैसे यूटिलिटेरियन स्टाइल की जोरदार वापसी हुई थी, जो फैशन में दूसरे स्टाइल्स के अलावा फंक्शनैलिटी भी जोड़ता है। अभिवादन को तारीफ की तरह लेने के बजाय महिला दो साल पुराने ट्रेंड वाले कपड़े पहनने के निर्णय का बचाव करने लगी।
दुर्भाग्य से, फैशन की कहानी हमेशा यही रही है कि अब ‘अगला क्या’? अगले सीजन में क्या, अगला कलेक्शन क्या? नए की इस दौड़ में दुनिया ने ऐसा सिस्टम बना दिया, जिसमें कपड़ों को डिस्पोजेबल समझा जाता है।
इसी वजह से कुछ चिंतित लोगों ने सर्कुलर फैशन पेश किया, जो पूछता है कि क्या होगा अगर हर कपड़ा लैंडफिल में नष्ट होने के लिए नहीं, बल्कि फिर से तैयार करने के लिए डिजाइन किया जाए? सर्कुलर फैशन का मतलब ऐसे कपड़े बनाना है, जिनका रिपेयरिंग, री-वायरिंग, री-सेलिंग या रिसाइक्लिंग के जरिए यथासंभव उपयोग किया जा सके।
जब वे नष्ट होने के कगार पर हों तो उनका मटेरियल पुन: उपयोग किया जा सके। सरल शब्दों में यह टेक-मेक-वेस्ट स्लोगन को बदलकर डिजाइन-यूज-रीयूज करना है। इसमें बेकार कपड़ों को अनिवार्य बाय–प्रोडक्ट नहीं, बल्कि डिजाइन की खामी माना जाता है- जिसे सुधार सकते हैं। डिजाइनर्स बैठते हैं और धागे के चुनाव से लेकर इसके नष्ट होने तक की पूरी प्रक्रिया को फिर सोचते हैं।
क्या रिसाइक्लिंग में कोई विज्ञान है? सर्कुलेटरी सिस्टम्स का सबसे महत्वपूर्ण काम रिसाइक्लिंग में है। इसमें पुरानी जींस को किसी बैग की भराई में काम नहीं लिया जाता, बल्कि टेक्सटाइल वेस्ट को हाई-क्वालिटी फाइबर में बदला जाता है। वेस्ट को हैंडमेड विद लव जैसी रोमांटिक मार्केटिंग के पीछे छिपाने की बजाय इंडस्ट्री पूछने लगी है कि यह ट्रेंड फीका पड़ेगा तो कपड़े का क्या होगा?
क्या यह रिपेयर या रिसाइकल हो सकता है? इसे नया अवतार दे सकते हैं? फैशन की दुनिया में मानसिकता का बदलाव दिख रहा है। बड़े ब्रांड्स रिसाइक्लर्स के साथ एग्रीमेंट्स कर रहे हैं और यह मीडिया कवरेज पाने के लिए कोई फ्यूचरिस्टिक एक्सपेरिमेंट भी नहीं है।
क्या इस नई थॉट प्रोसेस में चुनौतियां हैं? बिल्कुल हैं। अत्याधुनिक रिसाइक्लिंग में ऊर्जा और केमिकल्स की खपत है। रिसाइकल्ड कपड़े उन कपड़ों से महंगे हैं, जो खुद को फास्ट फैशन प्रोडक्ट्स बताते हैं। सभी के सहयोग के बिना सर्कुलर फैशन आसानी से एक और भ्रामक ग्रीनवॉशिंग स्लोगन बन सकता है।
भविष्य के फैशन में कच्चे माल के स्थान पर ट्रेडेबिलिटी का महत्व होगा। कपड़ों को धागों से लेकर कारखाने और रैंप तक ट्रैक किया जाएगा। इस साल के पेरिस और मिलान फैशन वीक प्रमाण हैं कि सर्कुलेटरी सुंदर और आकर्षक हो सकता है।
पेरिस में पिछले हफ्ते अप-साइकल्ड काउचर चर्चित रहा। जी हां, प्री-कंज्यूमर वेस्ट से बने विंटेज गाउन ने तारीफें बटोरीं। वैश्विक ब्रांड डीजल ने रिसाइकल्ड डेनिम प्रदर्शित किया। ‘री-यूज’ धीरे-धीरे स्टाइल की भाषा बन रहा है।
एक उपभोक्ता के तौर पर आप क्या कर सकते हैं? 1. कम लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद खरीदें। 2. रिप्लेस के स्थान पर रिपेयर कराएं। 3. समझदारी से री-सेल या डोनेट करें। 4. उन ब्रांड को सपोर्ट करें, जो आपके खरीदने के बाद भी अपने कपड़ों की जिम्मेदारी लें।
जब ग्राहक कपड़ों की लंबी उम्र की अपेक्षा करेंगे, तभी ब्रांड इसके अनुसार डिजाइन करेंगे। सर्कुलर फैशन मेरे, आपके जैसे ग्राहकों द्वारा किया गया कल्चरल री-सेट है। यह एक आध्यात्मिक विचार भी है, जिसमें प्रकृति चक्र और उन प्राचीन ज्ञान परंपराओं की गूंज है कि- कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता।
फंडा यह है कि सर्कुलर फैशन अब फैशन शो के इर्द-गिर्द का विषय नहीं रहा, बल्कि यह मुख्य डिजाइन ब्रीफ बन चुका है। दुनिया को बस ग्राहकों की ईमानदारीपूर्ण भागीदारी चाहिए। सवाल है कि क्या हम इसे निभाएंगे?
-
अर्घ्य सेनगुप्ता और स्वप्निल त्रिपाठी का कॉलम: हमारा संविधान सबके मिले-जुले सहयोग का परिणाम था
-
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: धनवान होने में बेईमानी आई तो परिणाम में दु:ख मिलेगा
-
स्टीफन रोच का कॉलम: अमेरिका इनोवेशन में पिछड़ा तो चीन ने पकड़ी तेज रफ्तार
-
नवनीत गुर्जर का कॉलम: नेताजी, तुम आना! जैसे कैक्टस में कांटे आते हैं!