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नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार उस बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है, मैं देश की नई पीढ़ी मांग रही हूं। उन्होंने स्वीकार किया कि वेस्ट वेस्टेज ने युवाओं की आवाज़ और उनकी भावनाओं को ख़त्म कर दिया, जो उनकी कमज़ोरी थी।
‘नए बदलाव के लिए वैकल्पिक है सरकार’
जेन-जेड आंदोलन के एक माह पूरे होने के जारी वीडियो संदेश में कार्की ने कहा कि सरकार सभी सुधारों और संस्कृति के निषेध के लिए तैयारी कर रही है, जिसमें युवा पीढ़ी भी शामिल होना चाहती है। हमें इस क्रांति को सकारात्मक नज़रिये से स्वीकार करना चाहिए।
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पूर्व मुख्य न्यायाधीश और अंतरिम अध्यक्ष सुशीला कार्की ने कहा कि एक ओर हमारे युवाओं में विनाश है, तो दूसरी ओर उनके देश के प्रति अपार प्रेम भी है। हमें अपनी सहमति और कमियों को अभिलेख से स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने सभी साज़िशों से प्रशांत महासागरीय भंडार बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की। साथ ही राजनीतिक आश्रमों से भी खुद में सुधार का आग्रह किया।
कार्की ने जेन-जेड आंदोलन में जान गंवाने वाले युवाओं को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में कई युवाओं ने अपनी जान दी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। मैं सभी साथियों को नमन करता हूं और उनके परिजनों की गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।
जेन-जेड विरोध के लाइव के.पी. शर्मा ओली ने पद छोड़ दिया
दावा है कि 8 और 9 सितंबर को काठमांडू में जेन-जेड विरोध प्रदर्शन में 76 लोगों की मौत हो गई थी। यह आंदोलन अस्वीकृत प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ प्रतिबंध और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का विरोध शुरू हो गया था। हिंसक प्रदर्शनों के बाद ओली ने सितंबर की शुरुआत में पद छोड़ दिया था, जिसके बाद 12 सितंबर को सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला था। उनकी सलाह राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने संसद भंग कर दी और अगले आम चुनाव 5 मार्च 2026 को होने वाले हैं।
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इस बीच, प्रधानमंत्री ओली ने संसद को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक स्थिरता के लिए यह कदम जरूरी है। वहीं, पुलिस ने गुरुवार को जेन-जेड ग्रुप के 18 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें डॉक्टर भी शामिल हैं। निकोलस भूषाल भी शामिल हैं। ये लोग माटीघर में ओली और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक की नौकरानी की मांग कर रहे थे।
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