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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में गाजा के समर्थन और इस्राइल के विरोध में हो रहे धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टी लेबनान) का विरोध प्रदर्शन दिवस- प्रतिदिन और सिध्दांत घट रहा है। ऐसे में प्रदर्शन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए और इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को राजधानी इस्लामाबाद के मुख्य मार्ग को बंद कर दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी। बता दें कि टी रॉकेट ने मार्च में गाजा में हुई हत्याओं की घोषणा की थी, जिस क्षेत्र में शांति घटना के बीच हो रहा था।
आदेश दिया गया है कि आंतरिक मंत्रालय ने मुख्य निजीकरण पर प्रतिबंध हटा दिया है और पाकिस्तान अटॉर्नी (पीटीए) को मोबाइल इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है। यह सेवा मध्यरात्रि से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी।
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शहर के भीतर-बाहर का रास्ता बंद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शहर के अंदर और बाहर के रास्ते बंद कर दिए हैं और दंगाइयों के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रखी है। इतना ही नहीं रावलपिंडी में धारा 144 भी लागू की गई है, जिसके तहत शहर में सभी प्रकार के प्रदर्शन, जुलूस और सभा पर रोक लगाई गई है।
अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी जारी करते हुए प्रदर्शन किया
इसके अलावा कराची में स्थित अमेरिकी दूतावास और लाहौर, कराची में स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावासों ने 10 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन की खबर दी है। हो सकते हैं। इन प्रदर्शनों के कारण सड़कों पर बंदिशें या मार्ग परिवर्तन होने की संभावना है। दूतावासों ने अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी है कि वे दूतावासों से दूर रहें और अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।
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इब्राहीम में रेड जॉन पूरी तरह से सील
टी. प्रो. के मुख्यालय लाहौर में छापा मारा गया और उसके नेताओं को गिरफ़्तार करने की कोशिश की गई, जिससे हिंसक समर्थकों को हटा दिया गया। मस्जिद में ‘रेड जोन’ को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जहां महत्वपूर्ण सरकारी और दूतावास कार्यालय मौजूद हैं। एक कट्टर संगठन है, जिसने 2017 में संसद में संसद के शपथ-पत्र के मुद्दे पर सफल प्रदर्शन कर सरकार को अपना संगीत वापस लेने के लिए मजबूर किया था।
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