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इन दिनों अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। वहीं इस तनाव को लेकर चर्चा सबसे तेज तब हुई जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हाल ही में हमले किए। ऐसे में अमेरिका के पूर्व राजदूत जाल्मे खलीजाद ने इस विषय को लेकर गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने पाकिस्तान के इस कदम को बड़ा खतरनाक और ख़तरनाक कदम बताया है। शुक्रवार को खलजाद ने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सैन्य तनाव का समाधान नहीं, बल्कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।
उन्होंने कहा कि डुरंड लाइन के दोनों ओर मौजूद साक्षियों के खिलाफ़ प्रोजेक्ट और काबुल को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि एक-दूसरे पर हमले की स्थिति बनानी चाहिए। खलीलजाद ने दावा किया कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बलूच आंतकीवादियों के खिलाफ समर्थन कर रहे हैं, जबकि तालिबान टीटीपी (प्रवीनी तालिबान) को छूट दे रहे हैं। यह प्रमुख सिद्धांत दोनों देशों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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काबुल में पाकिस्तान के हमलों की गूंज
इस हमले को लेकर अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बताया कि काबुल में एक विचित्र की आवाज आई थी, लेकिन अभी तक किसी भी नुकसान की जानकारी और जांच जारी नहीं हुई है। उन्होंने लोगों से चिंता न करने की अपील की।
भारत के रक्षा मंत्री ने क्या कहा था?
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा स्टूडियो ने भी हाल ही में संसद में कहा था कि अगर सुरक्षा बलों पर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं होगा। ।। उन्होंने दो टूक कहा कि अब बहुत भुगतान हो गया है। मित्र का कहना है कि तनाव ऐसे समय में बढ़ गया है जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर आए हैं। 9 से 16 फ़्लोरिडा तक वॉक वाला यह हमला तालिबान सरकार के किसी वरिष्ठ प्रतिनिधि की भारत की पहली यात्रा है, जो 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद हो रही है।
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