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  • WiFi राउटर पर मौजूद इस बटन का खुल गया राज! एक बार दबाया तो इंटरनेट स्पीड में दिखेगा जादू

    WiFi राउटर पर मौजूद इस बटन का खुल गया राज! एक बार दबाया तो इंटरनेट स्पीड में दिखेगा जादू

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  • दिल्ली में प्रदूषण रोकने की नई कोशिश, आसमान से बरसेगी कृत्रिम बारिश, एयरक्राफ्ट हैं तैयार

    दिल्ली में प्रदूषण रोकने की नई कोशिश, आसमान से बरसेगी कृत्रिम बारिश, एयरक्राफ्ट हैं तैयार

    दिल्ली में अब आसमान से कृत्रिम बारिश बरसने की तैयारी पूरी हो गई है. राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की योजना को अंतिम रूप दे दिया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पहला ट्रायल उत्तर दिल्ली में किया जाएगा.  बीते चार दिनों से पायलट मेरठ से एयरक्राफ्ट लाकर लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं और उस ऊंचाई तक उड़ान भर चुके हैं, जहां से बारिश कराने की प्रक्रिया की जाएगी.

    सिरसा ने बताया कि क्लाउड सीडिंग के लिए सिविल एविएशन विभाग और अन्य एजेंसियों से सभी जरूरी मंजूरियां मिल चुकी हैं. अब बस मौसम विभाग की अनुमति मिलनी बाकी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही मौसम विभाग से मंजूरी मिलेगी, तीन घंटे के भीतर कृत्रिम बारिश का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. इस प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल होने वाला विशेष एयरक्राफ्ट फिलहाल मेरठ में पार्क है और उड़ान के लिए तैयार है.

    पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली में कुल पांच ट्रायल किए जाएंगे. पहले यह ट्रायल सितंबर में होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से टल गया. इसके बाद 5 से 7 अक्टूबर के बीच ट्रायल की नई तारीख तय की गई थी, लेकिन उस दौरान हुई प्राकृतिक बारिश के कारण इसे फिर से आगे बढ़ाना पड़ा. अब सरकार का प्रयास है कि दिवाली के आसपास या उसके बाद यह ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा सके.

    मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में 23 विभागों की टीमें शामिल हैं जो समन्वय से काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए यह एक बड़ा प्रयोग है. यदि ट्रायल सफल रहा तो इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा.

    क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसमें हवाई जहाज से बादलों में विशेष रसायन (जैसे सिल्वर आयोडाइड या सोडियम क्लोराइड) छोड़े जाते है. ये रसायन बादलों में नमी को संघनित करते हैं, जिससे कृत्रिम रूप से बारिश होती है. इस तकनीक का प्रयोग चीन, अमेरिका और दुबई जैसे देशों में पहले से हो चुका है.

    सरकार को उम्मीद है कि कृत्रिम बारिश से दिल्ली की हवा में फैला धूल और प्रदूषण काफी हद तक कम होगा और लोगों को कुछ राहत मिलेगी. यह दिल्ली में पहली बार होगा जब सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए आसमान से बारिश बरसाने की कोशिश करेगी.

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  • विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले तोड़ी चुप्पी, सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रिटायरमेंट की चर्चाओं पर दे दिया बड़ा बयान

    विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले तोड़ी चुप्पी, सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रिटायरमेंट की चर्चाओं पर दे दिया बड़ा बयान

    भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली एक बार फिर सुर्खियों में हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज शुरू होने से पहले उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने फैंस के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है. पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा जोरों पर थी कि विराट और रोहित शर्मा दोनों का यह ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की आखिरी सीरीज हो सकता है. अब विराट ने खुद इन अफवाहों पर बड़ा जवाब दिया है.

     विराट के पोस्ट ने मचाई हलचल

    हाल ही में विराट कोहली ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा,  “आप असलियत में तब ही असफल हो जाते हैं, जब आप खुद हार मानने का फैसला करते हैं.”

    विराट के इस पोस्ट को उनके वनडे करियर के भविष्य से जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने पहले ही टेस्ट और टी20 क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है, और अब वे सिर्फ वनडे फॉर्मेट में खेल रहे हैं. फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच यह सवाल उठ रहा था कि क्या 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक विराट टीम इंडिया का हिस्सा रहेंगे.

    The only time you truly fail, is when you decide to give up.

    सेलेक्टर्स और कोच ने भी दी सफाई

    इन चर्चाओं के बीच बीसीसीआई चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर ने भी स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों को 2027 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर टीम में चुना गया है. अगरकर ने कहा, “जहां तक मुझे पता है, दोनों खिलाड़ियों ने अपने फिटनेस टेस्ट पास कर लिए हैं और वे पूरी तरह फिट हैं. ऐसे में रिटायरमेंट की बात करना अभी जल्दबाजी होगी.”

    अगरकर ने यह भी कहा कि विराट और रोहित दोनों टीम इंडिया के लिए अहम हैं और उनके अनुभव की जरूरत भविष्य की बड़ी सीरीज में भी पड़ेगी.

    वहीं टीम इंडिया को टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली जीत के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के भविष्य की जगह वर्तमान पर ध्यान देना जरूरी है. गंभीर ने कहा, “50 ओवर का वर्ल्ड कप अभी ढाई साल दूर है. हमें इस वक्त के प्रदर्शन पर फोकस करना चाहिए. विराट और रोहित दोनों अनुभवी खिलाड़ी हैं और ऑस्ट्रेलिया में उनका अनुभव टीम के बहुत काम आएगा.”

    विराट का यह दौरा टीम इंडिया के लिए भी अहम है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमेशा से भारत की भिड़ंत रोमांचक रही है, और इस बार टीम का लक्ष्य सीरीज जीतकर 2027 वर्ल्ड कप की तैयारी को मजबूती देना है. 

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  • शशि थरूर की इंग्लिश का फैन हुआ इस देश का राजदूत, कहा – 'हमारे यहां बच्चों को ऐसी…'

    शशि थरूर की इंग्लिश का फैन हुआ इस देश का राजदूत, कहा – 'हमारे यहां बच्चों को ऐसी…'

    अंग्रेजी ऐसी भाषा है जो कि कई देशों में बोली जाती है. भारतीय लोगों को भी इंग्लिश बहुत अच्छी तरह बोलनी आती है और कुछ भारतीय तो ऐसे हैं जो कि अंग्रेजों से भी अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं. उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अंग्रेजी भाषा के चर्चे दुनिया भर में हैं. भारत में मंगोलिया के राजदूत गानबोल्ड डैम्बाजाव ने भी इस बात को माना है. उन्होंने थरूर की जमकर तारीफ की और कहा कि वे अपने देश के बच्चों को थरूर जैसी इंग्लिश सिखाना चाहते हैं.

    मंगोलिया के राजदूत गानबोल्ड ने मुंसिफ टीवी से बात करते हुए कहा, ”कुछ भारतीय ब्रिटिश और अमेरिकियों से भी अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं. इसका एक उदाहरण शशि थरूर हैं. मैं चाहता हूं कि मंगोलिया का हर बच्चा उनकी तरह ही इंग्लिश सीखे. हमें कम्युनिस्ट हैरिटेज से आजादी हासिल करने में तीस साल लग गए. मंगोलिया की संसद ने जुलाई 2023 में कानून बनाया कि इंग्लिश हमारी दूसरी आधिकारिक भाषा होगी.”

    भारत दौरे पर हैं मंगोलिया के राष्ट्रपति

    मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना भारत की चार दिन की राजकीय यात्रा पर हैं. उन्होंने (मंगलवार, 14 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति खुरेलसुख का दिल्ली में स्वागत करके और उनके साथ विस्तृत वार्ता करके मुझे खुशी हुई. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं और हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा हो रहा है.

    साथ मिलकर काम करेंगे भारत-मंगोलिया

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम वैश्विक दक्षिण की आवाज को और मजबूत करने और वैश्विक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते रहने पर सहमत हुए. हमारी वार्ता में जिन क्षेत्रों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, उनमें ऊर्जा, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, कृषि आदि शामिल हैं.

    इनपुट – पीटीआई

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  • Delhi Sultanate: पैगंबर का सपने आने पर इस सुल्तान ने खुदवा दी थी पूरी झील, जानें हौजखास झील का‌ इतिहास

    Delhi Sultanate: पैगंबर का सपने आने पर इस सुल्तान ने खुदवा दी थी पूरी झील, जानें हौजखास झील का‌ इतिहास

    Delhi Sultanate: दिल्ली की हर गली और हर चौराहा एक अनोखी कहानी को बयां करता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं दिल्ली के सबसे पुराने और खूबसूरत स्थल हौज-ए-शम्सी के बारे में जिसे आज हौज खास झील के नाम से पहचाना जाता है. यह जलाशय 800 साल पुराना है. आइए जानते हैं क्या है इसका इतिहास और उसके पीछे की कहानी.

    हौज खास झील का निर्माण 

    ऐसा कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद सुल्तान इल्तुतमिश को एक बार सपने में दिखाई दिए. उन्होंने महरौली के जंगल में एक जगह दिखाई जहां उनके घोड़े बुराक ने अपना टाप रखा था. जब सुल्तान की नींद खुली तो वह अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के साथ उस जगह की खोज में निकल पड़े. वहां चमत्कारी रूप से मीठे पानी का एक झड़ना फूट पड़ा और सुल्तान ने भक्ति से एक विशाल जलाशय की खुदाई के आदेश दे दिए.

    हौज-ए-शम्सी नाम कैसे पड़ा?

    इस जलाशय का नाम हौज-ए-शम्सी रखा गया जिसका मतलब है सूर्य की झील. यह नाम इल्तुतमिश की अपनी उपाधि शम्सुद्दीन के नाम पर रखा गया जिसका मतलब है आस्था का सूर्य. इसका निर्माण लगभग 1230 ईस्वी में शुरू हुआ था. झील के बीचों-बीच इल्तुतमिश ने गुंबददार छत वाला एक लाल बलुवा पत्थर का मंडप बनवाया था. इसके अंदर एक पत्थर भी रखा गया था जिस पर पैगंबर के दिव्य घोड़े बुराक के खुर के निशान हैं.

    इब्न बतूता द्वारा की गई तारीफ 

    चौधरी शताब्दी के प्रसिद्ध मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल के दौरान दिल्ली का दौरा किया था और इस झील के बारे में भी लिखा था. इब्न बतूता ने इसे मीठे पानी की नदी बताया था. वक्त गुजरने के साथ-साथ अलग-अलग राजवंशों ने इस झील पर अपनी छाप छोड़ी है. 

    लोदी काल के दौरान इसके तट पर भव्य जहाज महल बनवाया गया था. यह महल पानीपत तैरता हुआ प्रतीत होता था, जो तीर्थ यात्री और यात्रियों के विश्राम स्थल के रूप में काम करता था. बाद में जहांगीर, शाहजहां और बहादुर शाह द्वितीय के शासनकाल के समय मुगलों ने इसमें फव्वारा, मंडप और उद्यान जोड़कर इसे एक नया रूप दिया. आज यह जगह दिल्ली के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्यों का एक अनमोल हिस्सा बन चुकी है. 2023 में स्थानीय निवासियों ने प्राइड ऑफ शम्सी नाम का एक समूह बनाया था. इस समूह ने एएसआई एनजीओ सीड्स के साथ मिलकर यहां पर सफाई अभियान चलाया.

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    स्पर्श गोयल को कंटेंट राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग में चार साल का अनुभव है.  इन्होंने अपने करियर की शुरुआत नमस्कार भारत से की थी, जहां पर लिखने की बारीकियां सीखते हुए पत्रकारिता और लेखन की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद ये डीएनपी न्यूज नेटवर्क, गाजियाबाद से जुड़े और यहां करीब दो साल तक काम किया.  इस दौरान इन्होंने न्यूज राइटिंग और स्क्रीनराइटिंग दोनों में अपनी पकड़ मजबूत की.

    अब स्पर्श एबीपी के साथ अपनी लेखनी को निखार रहे हैं. इनकी खास रुचि जनरल नॉलेज (GK) बीट में है, जहां ये रोज़ नए विषयों पर रिसर्च करके अपने पाठकों को सरल, रोचक और तथ्यपूर्ण ढंग से जानकारी देते हैं.  

    लेखन के अलावा स्पर्श को किताबें पढ़ना और सिनेमा देखना बेहद पसंद है.  स्क्रीनराइटिंग के अनुभव की वजह से ये कहानियों को दिलचस्प अंदाज़ में पेश करने में भी माहिर हैं.  खाली समय में वे नए विषयों पर रिसर्च करना और सोशल मीडिया पर अपडेट रहना पसंद करते हैं.

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  • क्‍या होते हैं स्किन डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत, सही हाइड्रेशन से स्किन को कैसे रख सकते हैं हेल्दी? 

    क्‍या होते हैं स्किन डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत, सही हाइड्रेशन से स्किन को कैसे रख सकते हैं हेल्दी? 

    हमारी स्किन हमारे शरीर का सबसे बड़ा ह‍िस्‍सा होती है और शरीर के बाकी हिस्सों की तरह इसे भी ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है. हालांकि स्किन के डिहाइड्रेशन की चेतावनी संकेत अक्सर प्यास लगने की तरह स्पष्ट नहीं होते हैं. स्किन एक्सपर्ट्स के अनुसार स्किन में शुरुआती डिहाइड्रेशन के संकेत में स्किन का रुख होना या अचानक संवेदनशील होना शामिल होता है. इन संकेतों को नजरअंदाज करने से स्किन जल्दी बूढ़ी दिख सकती है और उसके बैर‍ियर को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में चलिए आज आपको बताते हैं कि स्किन डिहाइड्रेशन के शुरुआती संकेत क्या होते हैं और सही हाइड्रेशन इसे स्किन को कैसे हल्दी रख सकते हैं. 

     स्किन में कसाव महसूस होना  

    अगर आपको स्किन धोने के बाद बिल्कुल साफ या कसी हुई लगती है, तो यह खतरे की घंटी हो सकती है. ऐसा महसूस होना अक्सर इस बात का संकेत होता है कि स्‍क‍िन के नेचुरल ऑयल और लिपिड हट गए हैं. वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार लोग इसे अक्सर स्किन की सफाई समझ लेते हैं, लेकिन असल में इससे स्किन ज्यादा संवेदनशील हो जाती है.

    ऐसे में एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि हार्स क्‍लींजर की जगह सॉफ्ट और पीएच संतुलित क्लींजर लगाएं. साथ ही स्कि‍न पर तुरंत हाइड्रेटिंग सीरम भी लगाएं. वहीं हाइड्रेटेड स्किन में नेचुरल प्लंपनेस और चमक बनी रहती है. जबकि डिहाइड्रेट स्किन फ्लैट और थकी हुई दिखाई देती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब स्कि‍न में नमी की कमी होती है तो उसकी लोच और चमक चली जाती है. इसे ठीक करने के लिए हल्के सीरम के साथ मॉइश्चराइजर लगाएं. लगातार रूखापन होने पर विटामिन ए और शिया बटर युक्त इंसेंटिव बॉडी सीरम का इस्तेमाल भी आप सही पोषण के लिए कर सकते हैं. 

    सभी स्किन टाइप पर असर 

    डिहाइड्रेशन किसी भी स्किन टाइप में हो सकता है, यहां तक की ऑयल या एक्ने प्रो स्किन में भी. जब स्किन में नमी कम होती है तो यह ज्यादा ऑयल निकलता है. जिससे पोर्स बंद हो जाते हैं और ब्रेकआउट्स होते हैं. ग्लिसरीन जैसे ह्यूमेक्टेंट्स और मिनरल ऑयल जैसे इमोलिएंट्स वाले प्रोडक्ट्स हल्के होने के बावजूद त्वचा को हाइड्रेट करते हैं और रूखे या फटे हुए हिस्सों को नरम बनाते हैं.

    अगर स्किन पर पहले काम करने वाले प्रोडक्ट अब जलन या खुजली पैदा करने लगे तो यह स्किन का बैरियर कमजोर होने का संकेत होता है; खासकर इंडियन स्किन डिहाइड्रेशन के समय बैरियर कमजोर होने के लिए संवेदनशील होती है.  ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आप उस सीरम का उपयोग करें जिसमें विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट हो ताकि जलन कम हो और बैरियर फिर से मजबूत हो सके. 

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    कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है. 
    पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए. 

    इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्‍टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.

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  • आपके शहर में कहां हैं Aadhar Center? चुटकियों में ऐसे चल जाएगा पता

    आपके शहर में कहां हैं Aadhar Center? चुटकियों में ऐसे चल जाएगा पता

    भारत में अब हर डॉक्यूमेंट को एक आईडी से लिंक करना बेहद जरूरी है और ये आईडी है आधार आईडी. अब बैंक खाते से लेकर डिजिलॉकर तक हर जगह आधार कार्ड लिंक करना जरूरी है. लेकिन कई बार इस आधार कार्ड में डिटेल गलत भी हो जाती है. इसके अलावा आदार को बैंक और बाकी चीजों से लिंक करने के लिए बायोमैट्रिक कराने की जरूरत होती है.

    ऐसे में UDAI आपको इन डिटेल्स को ठीक करने और अपडेट कराने का मौका भी देता है. इसमें आपको आधार कार्ड बनवाने और अपडेट करवाने के लिए आधार सेंटर पर जाना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शहर का आधार सेंटर कहां हैं? आइए हम आपको बताते हैं कि आप अपने शहर के आधार सेंटर के बारे में कैसे चुटकियों में पता कर सकते हैं?

    अगर आप अपने एरिया के सबसे नजदीकी आधार सेंटर का पता करना चाहते हैं तो आप अपने एरिया के पिनकोड की मदद से चुटकियों में ये पता कर सकते हैं. आपको इसके लिए ये स्टेप्स फॉलो करने हैं- 
    1. सबसे पहले आधार कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in पर जाना है. 
    2. फिर आपको ‘Get Aadhaar’ के सेक्शन में जाकर ‘Locate an Enrolment Center’ के ऑप्शन पर क्लिक करना हैं. 
    3. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर एक नया पेज ओपन होगा जहां आपको तीन ऑप्शन दिखाई देंगे. 
    4. इन ऑप्शन में आपको स्टेट ,पोस्टल पिन कोड और सर्च बॉक्स का ऑप्शन दिखेगा. 
    5. यहां आपको पोस्टल पिन कोड पर क्लिक करना है.
    6. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर एक नया पेज खुलेगा, जहां आपको अपने क्षेत्र का 6 नंबर का पिन कोड डाल देना है. 
    7. फिर कैप्चा कोड भर देना है और ‘Locate a Centre’ पर क्लिक करना है. 
    8. क्लिक करते ही आपकी स्क्रीन के सामने आपके एरिया में मौजूद तमाम आधार सेंटर्स की लिस्ट सामने आ जाएगी. 

    इसके अलावा अब तो मॉडर्न टेक्नोलॉजी से आप घर बैठे ही अपना आधार कार्ड अपडेट कर सकते हैं और आपको इसके लिए आधार सेंटर जाने की भी कोई जरूरत नहीं है. आप ऑनलाइन ही आधार कार्ड में अपना एड्रेस बदल सकते हैं. इसके लिए आपको अपने वैलिड डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी. इसके बाद आप आधार कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना एड्रेस अपडेट कर सकते हैं.

    इसे भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में ये पटाखे जलाए तो हो सकती है जेल, जान लीजिए नियम

    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • सलमान खान ने रजत बेदी को दिखा दिया था 'राधे' से बाहर का रास्ता? एक्टर ने किया खुलासा

    सलमान खान ने रजत बेदी को दिखा दिया था 'राधे' से बाहर का रास्ता? एक्टर ने किया खुलासा

    बॉलीवुड एक्टर रजत बेदी लंबे समय के बाद किसी प्रोजेक्ट में नजर आए हैं. रजत बेदी ने आर्यन खान की वेब सीरीज द बैड्स ऑफ बॉलीवुड से वापसी की है. इस सीरीज में उन्होंने जराज सक्सेना का किरदार निभाया है और उन्हें काफी पसंद भी किया गया है. पहले रजत सलमान खान की राधे के साथ कमबैक करना चाहते थे.रजत बेदी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि सलमान खान ने उन्हें राधे न करने के लिए कहा था क्योंकि वो रजत के कैलीबर का नहीं था. इस बात को लोगों ने गलत तरीके से ले लिया था. जिसके बाद अब  रजत बेदी ने इसे लेकर सफाई दी है.

    रजत बेदी ने दी सफाई
    स्क्रीन को दिए इंटरव्यू में रजत बेदी ने सलमान खान संग अनबन की अफवाहों पर विराम लगाया है. उन्होंने कहा-ग़लत जानकारी, बिलकुल गलत जानकारी! सलमान भाई मुझे बहुत प्यार करते हैं. सलमान भाई मेरा और मेरे परिवार का बहुत सम्मान करते हैं. मैं तीसरी पीढ़ी के फिल्मी परिवार से हूं. वो मेरे बेटे से भी बहुत प्यार करते हैं. मैं भाई से प्यार करता हूं. प्लीज गलत जानकारी फैलाना बंद करो.

    रजत ने आगे कहा- भाई की प्रोडक्शन कंपनी ने मुझे राधे के लिए फोन किया था. भाई भी मुझे ढूंढ रहे थे. जब उन्हें पता चला कि कौन से रोल के लिए उनकी टीम ने मुझे बुलाया है तो, उन्होंने मुझे कहा- तू ये रोल नहीं करेगा बेटा. मैं तुझे कुछ बढ़िया काम दूंगा. कोई नेगेटिविटी नहीं है. भाई मेरे इंटरेस्ट का देख रहे थे. वो मुझे बचाना चाहते थे. तो प्लीज गलत जानकारी देना बंद करो.

    वर्कफ्रंट की बात करें तो सलमान खान इन दिनों गलवान घाटी पर बन रही अपनी फिल्म की तैयारियों में लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ रजत बेदी द बैड्स ऑफ बॉलीवुड की सक्सेस एंजॉय कर रहे हैं.

    ये भी पढ़ें: Bhagwat chapter 1 Review: एक अच्छी सस्पेंस थ्रिलर, पंचायत के सचिव जी देंगे तगड़ा झटका, अरशद की कमाल एक्टिंग

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  • एन. रघुरामन का कॉलम:इस दीपावली बच्चों के लिए ‘टाइम यूज सर्वे' तैयार करें

    एन. रघुरामन का कॉलम:इस दीपावली बच्चों के लिए ‘टाइम यूज सर्वे' तैयार करें

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    • N. Raghuraman’s Column: This Diwali, Prepare A ‘time Use Survey’ For Children

    59 मिनट पहले
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    एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

    ‘तुम्हारे पास कौन-कौन-से पटाखे हैं?’ कक्षा में एक लड़के ने दूसरे के कान में फुसफुसाते हुए पूछा। दूसरा जवाब दे पाता, इससे पहले ही शिक्षक ने इन छात्रों को देख लिया और एक-दूसरे से अलग कर दिया। यह देखते हुए कि पढ़ाए जा रहे विषय पर किसी का ध्यान नहीं है, शिक्षक ने पढ़ाना बंद कर होमवर्क की सूची समझानी शुरू की- जो दीपावली की छुट्टियों में सभी को करना होता है। और यह वही दिन है, जो साल-दर-साल दीपावली की छुट्टियाें से पहले स्कूल के आखिरी दिन होता है। और स्कूली बच्चों के अनुसार वह शुभ दिन आज शाम 5 बजे से शुरू होता है।

    हम सभी ने इस त्योहार की सुबह और शाम में हवा की ठंडक महसूस की है। दोपहर का अधिकांश समय हम पटाखों को धूप में, छत या टेरेस पर रखने में बिताते थे। हर कुछ मिनटों में वहां जाकर पटाखों को उलटते-पुलटते, जैसे हमारी मां रसोई में रोटी पलटती थीं।

    यह एक गतिविधि थी। दीपावली से पहले की बहुत सारी ऐसी गतिविधियां होती थीं। सफाई में मां की मदद से लेकर त्योहार के लिए भूली हुई चीजें लाने के लिए नजदीकी दुकान तक दौड़ना- हमारा अधिकांश समय मां की सहायता में बीतता। नए कपड़े देखना, टेलर के यहां जाना और समय से सिलाई पूरी करने के लिए उसके पीछे पड़े रहना एक और काम था।

    पिताजी के काम से लौटने पर उनके साथ जाना और साइकिल पर सामान लादकर लाना, एक अलग काम था। बाजार में दूसरों की बातचीत देखना, उनके मोलभाव के तरीके सीखना, किसी दुकानदार के बारे में उनकी टिप्पणी सुनना जैसे ‘उससे सामान नहीं लेना चाहिए, वह बड़ा धोखेबाज है।’ इससे हमें दुनियादारी की समझ मिलती थी।

    आज की तरह यदि उस वक्त ‘टाइम यूज सर्वे’ हाेता तो यकीन मानिए कि अधिकांश समय ‘त्योहारी दिनों में माता-पिता की विभिन्न गतिविधियों में मदद’ की श्रेणी में आता।लेकिन आज दुनिया बदल गई है। बीते एक दशक या शायद उससे भी अधिक समय में, हमारे बच्चों, खासकर लड़कों ने गेमिंग पर बिताए जाने वाले औसत समय को दोगुने से भी अधिक कर लिया है।

    युवा लड़कों के लिए वीडियो गेमिंग एक सोशल एक्टिविटी बन गई है। हाल में हुए अमेरिका टाइम यूज सर्वे के चौंकाने वाले परिणाम रहे हैं। इस सबसे बड़े फेडरल सर्वे में हर साल हजारों बच्चों से पूछा जाता है कि उन्होंने दिन के हर मिनट में क्या किया? शोधकर्ताओं का कहना है कि लड़कों और गेमिंग को लेकर हुए इस सर्वे में गेमिंग के एक सामाजिक पहलू को छोड़ दिया गया है।

    अधिकतर टीनएजर्स दूसरों के साथ गेम खेलते हैं, भले ही वे शारीरिक रूप से उनके साथ मौजूद हों। गेम खेलते समय वे दोस्तों से बात करते हैं, जैसे कि फेसटाइम पर। यह लड़कों के लिए अपनी कम्युनिटी बनाने और दूसरों से जुड़ाव मससूस करने का मौका होता है। कम से कम 97% लड़के ऑनलाइन गेम खेलते हैं, जबकि 73% लड़कियां ऐसा करती हैं।

    लड़के ऑनलाइन गेम खेलने में कहीं अधिक समय बिताते हैं। हो सकता है कि वीडियो गेम खेलने से उनकी विकासात्मक जरूरतें पूरी होती हों। मसलन, क्षमता निर्माण, महारत हासिल करना, अवतार बनाना और दुनिया को एक्सप्लोर कर सहपाठियों से जुड़ना। ये वो चीजें हैं, जिनकी सभी किशोर लालसा करते हैं। लेकिन उन्हें दुनिया से जोड़ने वाली इस नई तकनीक के जोखिम भी हैं। बच्चे इसमें पूरी तरह डूब जाते हैं और यह लत लगाने वाला भी है।

    हमारे त्योहार उपरोक्त सभी गुणों को सिखाने की क्षमता रखते हैं। बच्चों से कहें कि बाहर जाएं, मोलभाव करें, रिश्तेदारों से मिलें। उन्हें खरीदारी के निर्णय करने दें। उनसे गलतियां हो सकती है, लेकिन ये उनके लिए सबक होगा। इससे उन्हें फेस-टु-फेस एक्टिविटी करने और मानवीय भावनाओं को समझने में मदद मिलेगी- कुछ ऐसा जो आज एआई बड़े पैमाने पर नहीं कर सकता।

    फंडा यह है कि बच्चों को गेमिंग कॉन्सोल पर बैठने की अनुमति देने के बजाय दीपावली की छुटि्टयों के दौरान एक ‘टाइम यूज सर्वे’ तैयार करें और इस समय के दौरान स्वयं देखें कि उन्होंने कौन-से मानवीय गुण विकसित किए या सीखे हैं।

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