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  • बिहार में किसकी बननी चाहिए सरकार? भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने दिया ऐसा जवाब

    बिहार में किसकी बननी चाहिए सरकार? भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने दिया ऐसा जवाब

    बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने कहा कि मैं यही अपेक्षा करती हूं कि जो बिहार के विकास के लिए काम करे, हमारे बिहार से लोगों का पलायन रोके, ऐसी ही सरकार बननी चाहिए. इसके साथ ही खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी के चुनाव लड़ने के सवाल पर एक्ट्रेस ने उन्हें जीत के लिए शुभकामनाएं. आम्रपाली दुबे ने भोजपुरी एक्टर पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति के बीच विवाद पर भी अपनी बात रखी.

    भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने कहा, ”इस बार बिहार का चुनावी मुद्दा विकास और पलायन है. जब ऐसे विकास मेरे बिहार में हो रहा है, वही एयरपोर्ट पहले कम कर्मचारियों में चलता था, आज इतने बड़े एयरपोर्ट को रन करने के लिए स्टाफ ज्यादा है, जब स्टाफ की संख्या ज्यादा है इसका मतलब वैकेंसी ज्यादा है. मैं चाहती हूं कि ऐसे ही हमारे बिहार में विकास होता रहे ताकि यहां के बच्चे यहीं रहें. यहीं कमाएं और यहीं अपने घर पर छठ मनाएं. यही हमारी अपेक्षा है.” 

    जब उनसे पूछ गया कि बहुत सारे भोजपुरी सिंगर और लोक गायक पॉलिटिक्स में आ रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा है? इस पर आम्रपाली दुबे ने कहा, ”मुझे लगता है कि हर जिम्मेदार नागरिक को लगता है कि ये उनका दायित्व है कि वो अपना योगदान राजनीति में भी दे. इसी हिसाब से शायद लोग राजनीति में जा रहे हैं.” 

    न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ”मुझे बहुत गर्व होता है जब मैं देखती हूं कि आदमी एक्टर होता है, सिंगर होता है तो हर दिन शोज कर रहा होता है, हर वक्त व्यस्त है. एक बार जब वो राजनीति में आ जाता है तो उसको ज्यादा समय देकर इस कर्तव्य का निर्वहन करना पड़ता है. राजनीति सबसे कठिन जॉब है, जब अपने स्टारडम को छोड़कर एक्टर जब ये काम करते हैं तो मुझे गर्व होता है.” 

    क्या आप भी पॉलिटिक्स ज्वाइन करेंगी, इस सवाल पर आम्रपाली दुबे ने कहा, ”फिलहाल तो ऐसा नहीं लग रहा है लेकिन हां अगर कभी भी मेरी जरूरत राजनीति में आने की पड़ी तो हम वहां भी जाएंगे.” 

    ज्योति सिंह और पवन सिंह के बीच विवाद को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”मैं बस इतना कहूंगी कि पवन सिंह और ज्योति जी के बीच जो भी हो रहा है, वो सब कोर्ट का मामला है. जज के सामने अभी ये केस चल रहा है. मुझे नहीं लगता है कि हमलोगों को इसके बारे में कुछ भी बात करनी चाहिए. दोनों समझदार हैं और व्यस्क है. वो अपने बीच के मनमुटाव को खुद ही सुलझा लें तो ज्यादा अच्छा रहेगा.”

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  • दिवाली से पहले योगी सरकार का बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ते में किया इजाफा

    दिवाली से पहले योगी सरकार का बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ते में किया इजाफा

    दीपावली पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा उपहार दिया है. प्रदेश के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा किया गया है. मुख्यमंत्री की ओर से ये बड़ा निर्णय व्यापक हित में लिया गया है. सरकार मार्च 2026 तक 1960 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार वहन करेगी सरकार. अब महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है.

    योगी आदित्यनाथ सरकार का ये निर्णय 01 जुलाई 2025 से लागू होगा. मुख्यमंत्री ने कहा, ”कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. महंगाई से राहत और जीवन स्तर सुधार के लिए योगी सरकार का संवेदनशील कदम माना जा रहा है.

    मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश हैं कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता और राहत अक्टूबर 2025 से नकद भुगतान के रूप में मिले. नवंबर 2025 में 795 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नकद व्ययभार आएगा. ओपीएस कार्मिकों के जीपीएफ में 185 करोड़ रुपये जमा होंगे. जुलाई से सितंबर 2025 के एरियर भुगतान पर सरकार 550 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भार उठाएगी. राज्य सरकार दिसंबर 2025 से हर माह 245 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार वहन करेगी.

    इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के मौके पर सरकारी कर्मचारियों को बोनस देने का निर्देश दिया है. दीपावली से पहले राज्य के 14.82 लाख अराजपत्रित राज्यकर्मियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बोनस दिए जाने का ऐलान किया. कर्मचारियों को यह बोनस मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा 7000 रुपये के आधार पर 30 दिनों की परिलब्धियों के बराबर मिलेगा. हर कर्मचारी को बोनस के रूप में 6,908 रुपये दिए जाएंगे.

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा था, ”यह बोनस कर्मचारियों की मेहनत, निष्ठा और योगदान के प्रति राज्य सरकार की ओर से सम्मान का प्रतीक है.” बहरहाल राज्य सरकार की ओर से महंगाई भत्ता बढ़ाने के साथ-साथ बोनस दिए जाने के फैसले से सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है. 

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  • बुमराह के बिना उतरेगी टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में खेलेंगे भारत के ये 11 धुरंधर! ऐसी होगी प्लेइंग इलेवन

    बुमराह के बिना उतरेगी टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में खेलेंगे भारत के ये 11 धुरंधर! ऐसी होगी प्लेइंग इलेवन

    भारत और ऑस्ट्रेलिया का पहला वनडे मैच 19 अक्टूबर को पर्थ में खेला जाएगा. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की विजेता बनने के बाद टीम इंडिया अपनी पहली वनडे सीरीज खेल रही होगी. ये शुभमन गिल की बतौर कप्तान पहली एकदिवसीय शृंखला भी होगी, वहीं विराट कोहली और रोहित शर्मा भी चर्चा का केंद्र बने होंगे. ऑस्ट्रेलियाई टूर पर गई टीम इंडिया में युवा और अनुभव का बेजोड़ मिश्रण है. ऐसे में आइए जानते हैं कि पहले वनडे में टीम इंडिया किस प्लेइंग 11 के साथ उतर सकती है.

    टॉप ऑर्डर- लंबे अरसे से रोहित शर्मा और शुभमन गिल की जोड़ी वनडे में ओपनिंग करती आ रही है. गिल अभी बतौर कप्तान इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में छप्पर फाड़ प्रदर्शन करके आ रहे हैं, जहां उन्होंने 754 रन ठोक डाले थे. अब उनसे बतौर कप्तान अपनी पहली वनडे सीरीज में भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद होगी. रोहित शर्मा पिछले कुछ समय में विस्फोटक बैटिंग करते दिखे हैं, वहीं विराट कोहली एक बार फिर नंबर-3 पर खेलते दिखेंगे. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में 54 से अधिक औसत से 218 रन बनाए थे.

    मिडिल/लोवर ऑर्डर बैटिंग- चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के टॉप स्कोरर (243 रन) रहे श्रेयस अय्यर नंबर-4 का जिम्मा संभाल सकते हैं, वो वनडे टीम के उपकप्तान भी हैं. पांचवें क्रम पर 56.48 का औसत रखने वाले केएल राहुल इस बार भी नंबर-5 की जिम्मेदारी ले सकते हैं और विकेटकीपर का रोल भी अदा करेंगे. अक्षर पटेल स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर के साथ-साथ व्हाइट बॉल मैचों में बढ़िया बल्लेबाजी भी करते आए हैं. इसी साल उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 53 के औसत से रन बनाए थे. वहीं नितीश कुमार रेड्डी को बतौर तेज गेंदबाजी विकल्प ODI डेब्यू का मौका मिल सकता है. वो टीम में चौथे तेज गेंदबाज का रोल अदा कर सकते हैं.

    गेंदबाज- गेंदबाजी अटैक को मोहम्मद सिराज लीड कर रहे होंगे. दूसरे तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह हो सकते हैं, जिनका लेफ्ट-आर्म एंगल ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर प्रभावी रह सकता है, साथ ही उनके पास स्विंग भी है. तीसरे तेज गेंदबाजी स्लॉट के लिए प्रसिद्ध कृष्ण और हर्षित राणा के बीच टक्कर होगी. टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव हो सकते हैं. बताते चलें कि इस सीरीज में बुमराह नहीं खेलेंगे, क्योंकि उन्हें आराम दिया गया है.

    भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन: शुभमन गिल (कप्तान), रोहित शर्मा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, नितीश कुमार रेड्डी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा/प्रसिद्ध कृष्णा

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  • सचिन तेंदुलकर के घर में कैसा है सारा और सानिया चंडोक का रिश्ता? नए फोटोज ने नंद-भाभी के रिश्ते का किया खुलासा

    सचिन तेंदुलकर के घर में कैसा है सारा और सानिया चंडोक का रिश्ता? नए फोटोज ने नंद-भाभी के रिश्ते का किया खुलासा

    Sachin Tendulkar Daughter Sara Birthday: सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर ने बेहद ही खास अंदाज में अपना 28वां बर्थडे सेलिब्रेट किया है. सारा ने अपने बर्थडे सेलिब्रेशन की फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं. सारा तेंदुलकर के शेयर किए फोटो में उनकी फैमिली से केवल उनकी भाभी और अर्जुन तेंदुलकर की मंगेतर सानिया चंडोक नजर आ रही हैं. सारा और सानिया के बीच हमेशा ही एक बेहतर बॉन्डिंग नजर आती है. अपने बर्थडे पर सारा, सानिया के साथ खूब मस्ती करती नजर आ रही हैं.

    भारत के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर और होने वाली बहू सानिया चंडोक के बीच बेहद ही खास रिश्ता है. सारा, सानिया के साथ कई बार फोटो और वीडियो शेयर करती हैं. सारा तेंदुलकर ने हाल ही में अपने बर्थडे सेलिब्रेशन की तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें वे अपनी फ्रेंड्स के साथ एंजॉय करती नजर आ रही हैं. वहीं इन दोस्तों में सारा की भाभी सानिया चंडोक भी शामिल हैं. सानिया और सारा हमेशा ही खास दोस्त की तरह नजर आती हैं.

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    सचिन तेंदुलकर की होने वाली सानिया चंडोक कई मौकों पर परिवार के साथ नजर आती हैं. सानिया फैमिली ट्रिप पर भी तेंदुलकर फैमिली के साथ जा चुकी हैं. वहीं सारा तेंदुलकर की पिलेट्स एकेडमी के उद्घाटन पर भी सानिया पहुंची थी और उन्होंने सचिन और अंजली तेंदुलकर के साथ मिलकर सारा के साथ रिबन काटा था. वहीं सारा ने हाल ही में अपने पेट डॉग के साथ मस्ती करते हुए वीडियो शेयर की थी. सारा और सानिया दोनों को ही जानवरों से ही खूब प्यार है.

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  • PAK ने किया जिसे मारने का दावा, वो निकला जिंदा, वीडियो में TTP चीफ बोला- पाकिस्तान में ही हूं

    PAK ने किया जिसे मारने का दावा, वो निकला जिंदा, वीडियो में TTP चीफ बोला- पाकिस्तान में ही हूं

    पाकिस्तान की सेना ने पिछले गुरुवार (9 अक्टूबर, 2025) को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के जिस प्रमुख नूर वली महसूद को मारने के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हवाई हमला किया था और अफगानिस्तान के साथ न सिर्फ अपने रिश्ते बिगाड़े बल्कि दो बार दोनों सेनाओं के भीषण टकराव भी हुआ, वो तहरीक-ए-तालिबान का प्रमुख नूर वली महसूद जिंदा निकला.

    इतना ही नहीं, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का प्रमुख नूर वली महसूद, जिसके अफगानिस्तान में छुपे होने का दावा पाकिस्तान कर रहा है और अफगानिस्तान पर अंधाधुंध हमले कर रहा है वो पाकिस्तान की धरती पर घूम रहा है और वीडियो बना रहा है.

    टीटीपी ने नूर वली महसूद का जारी किया वीडियो

    आज गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आधिकारिक चैनल उमर मीडिया की तरफ से उसके प्रमुख नूर वली महसूद उर्फ अबू मंसूर असीम की 7 मिनट 55 सेकंड की वीडियो जारी की गई, जिसके मुताबिक नूर वली महसूद पाकिस्तान के ही खैबर पख्तूनख़्वाह प्रांत के खैबर जिले की पहाड़ी क्षेत्र में रह रहा है, न कि अफगानिस्तान में. इसके साथ ही तहरीक-ए-तालिबान की ओर से जारी की गई वीडियो में नूर वाली महसूद ने दावा किया कि ख़ैबर पख्तूनख़्वाह की कुकी खेल और कंबर खेल क़बीले उसके साथ हैं.

    महसूद के वीडियो से ध्वस्त हो गया पाकिस्तान का झूठ

    पाकिस्तान बीते कई सालों से झूठा प्रोपेगंडा फैला रहा है कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) का प्रमुख अफगानिस्तान में है और भारत उसकी मदद कर रहा है. लेकिन आज नूर वली महसूद की वीडियो आने के बाद ना सिर्फ़ पाकिस्तान का ये झूठ ध्वस्त हो गया कि नूर वली महसूद अफगानिस्तान में है, बल्कि नूर वली महसूद की वीडियो ने पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठा दिए हैं जो ना सिर्फ पाकिस्तान में होने के बावजूद नूर वली महसूद को पकड़ने में नाकाम हैं बल्कि नूर वली महसूद को मारने के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल तक में उन्होंने झूठे और बेबुनियाद इनपुट के आधार पर हमला किया. लेकिन वीडियो आने के बाद अब साफ हो गया कि नूर वली महसूद काबुल में पाकिस्तान की ओर से 9 अक्टूबर को किए गए हमले में था ही नहीं, न ही वो मारा गया और न ही उसके शरीर पर खरोच आई. क्योंकि पाकिस्तानी मीडिया से लेकर उसके प्रोपेगंडा एकाउंट्स तक ने दावा किया था कि काबुल पर 9 अक्टूबर के हमले में जिस लैंड क्रूजर कार को निशाना बनाया गया, उसमें नूर वली महसूद था.

    काबुल पर हमला पाकिस्तान की घात लगाकर की गई साजिश

    ऐसे में अब साफ हो गया कि काबुल और अफगानिस्तान के अन्य इलाकों पर पाकिस्तानी हमला पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी की ना सिर्फ नाकामी थी, बल्कि जानबूझकर आम लोगों को मारने की साजिश थी. अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर हमला करने की आड़ में पाकिस्तानी सेना पिछले 7 दिनों में 23 से ज़्यादा मासूम अफगानियों की जान ले चुकी है और 400 से ज़्यादा लोगों की जान ले चुकी है.

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  • 'ऐसी कोई जानकारी नहीं', ट्रंप के रूसी तेल खरीद पर पीएम मोदी से बातचीत के दावे की विदेश मंत्रालय ने निकाली हवा

    'ऐसी कोई जानकारी नहीं', ट्रंप के रूसी तेल खरीद पर पीएम मोदी से बातचीत के दावे की विदेश मंत्रालय ने निकाली हवा

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने रूसी तेल खरीदने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. ट्रंप ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा. अब इस दावे का विदेश मंत्रालय ने खंडन किया है.

    भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कल (बुधवार) टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने  साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कल कोई बातचीत या फोन कॉल हुई, इसका मुझे कोई पता नहीं है.’

    ट्रंप ने किया था पीएम मोदी से बातचीत का दावा
    यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया टिप्पणी के बाद आया है. ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. ट्रंप ने इसे ‘एक बड़ा कदम’ बताया, जिससे यूक्रेन संकट के मद्देनजर मॉस्को पर वैश्विक दबाव बढ़ाने में मदद मिलेगी.

    ट्रंप ने कहा-‘मोदी मेरे दोस्त हैं’
    बुधवार देर रात जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह भारत को भरोसेमंद साझेदार मानते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘हां, बिल्कुल. वह (PM मोदी) मेरे दोस्त हैं. हमारा बहुत अच्छा संबंध है. मुझे यह पसंद नहीं आया कि भारत रूस से तेल खरीद रहा था. उन्होंने आज मुझे आश्वस्त किया कि अब भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा. यह एक बड़ा कदम है. अब हमें चीन से भी यही करना होगा.’

    MEA ने दोहराई भारत की नीति
    इन टिप्पणियों के जवाब में MEA ने पहले ही स्पष्ट किया था कि भारत की ऊर्जा नीति केवल राष्ट्रीय हित और भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती है. मंत्रालय ने कहा कि भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है और उसकी प्राथमिकता हमेशा स्थिर कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना रही है, जिसके लिए विविध स्रोतों से आयात किया जाता है.

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  • इजरायली हमले में हूती विद्रोहियों के सेना प्रमुख मुहम्मद अल-गमारी की मौत, संगठन ने दी चेतावनी

    इजरायली हमले में हूती विद्रोहियों के सेना प्रमुख मुहम्मद अल-गमारी की मौत, संगठन ने दी चेतावनी

    यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को एक बड़ा झटका लगा है. समूह ने गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को बताया कि उनके चीफ ऑफ स्टाफ और सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों में से एक, मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी, अपनी सैन्य ड्यूटी के दौरान एक हमले में मारे गए हैं. हालांकि, हूती विद्रोहियों ने उनकी मौत के लिए सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार नहीं ठहराया, लेकिन बयान में चेतावनी दी गई कि इजरायल को उसके अपराधों की कड़ी सजा दी जाएगी.

    हूती समूह के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘अल-गमारी की शहादत से हमारा मनोबल नहीं टूटेगा, बल्कि यह हमारे प्रतिरोध को और मजबूत करेगी. इजरायल के साथ हमारा संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है और हम हर हाल में अपने लोगों की रक्षा करेंगे.’

    इजरायल ने हूती विद्रोहियों के हमले का दिया जवाब

    बता दें कि अगस्त महीने में इजरायल ने यमन के सना में हवाई हमला किया था, जिसमें हौथी समूह के चीफ ऑफ स्टाफ, रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाया गया था. इस हमले में यमन की हौथी-संचालित सरकार के प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्री मारे गए. इजरायल ने पुष्टि की थी कि हवाई हमले में अल-गमारी, रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. 

    इजरायली रक्षा मंत्री ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि गमारी पर इजरायल ने हवाई हमला किया. उन्होंने कहा, ‘हम आगे भी किसी भी खतरे के खिलाफ ऐसा ही करेंगे.’ हूती विद्रोहियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इजरायल की ओर मिसाइलें दागी थीं, जिनमें से ज्यादातर मिसाइलों को इजरायल ने हवा में ही मार गिराया. इजरायल ने यमन के हूतिया नियंत्रित क्षेत्रों पर हमले करके अब इसका जवाब दिया है.

    हूती संगठन के लिए एक बड़ा रणनीतिक नुकसान

    मुहम्मद अब्द अल-गमारी हूती मिलिशिया के सैन्य ढांचे में एक बेहद प्रभावशाली चेहरा थे. उन्हें रणनीतिक अभियानों और सऊदी अरब और अन्य विरोधी ताकतों के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों का प्रमुख योजनाकार माना जाता था. उनकी मौत को हूती संगठन के लिए एक बड़ा रणनीतिक नुकसान माना जा रहा है.

    हौथी के नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने पिछले सप्ताह कहा था कि समूह गाजा युद्ध विराम समझौते के साथ इजरायल के अनुपालन पर नजर रखेगा, और यदि इजरायल अनुपालन करने में विफल रहता है तो वह गाजा के लिए समर्थन दोबारा शुरू कर देगा.

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  • मोरिंगा पाउडर या जूस, जानिए कौन सा तरीका है बालों की ग्रोथ के लिए सबसे असरदार

    मोरिंगा पाउडर या जूस, जानिए कौन सा तरीका है बालों की ग्रोथ के लिए सबसे असरदार

    भारतीय रसोई में ज्यादातर इस्तेमाल होने वाला ड्रमस्टिक जिसे मोरिंगा या सहजन भी कहा जाता है, यह सिर्फ खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि बालों की ग्रोथ के लिए भी वरदान माना जाता है. यह सुपरफूड पाउडर, जूस या खाने में डालकर उपयोग में लिया जाता है और इसमें मौजूद विटामिन ए, सी, जिंक और आयरन बालों को मजबूत और चमकदार बनाने में मदद करते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मोरिंगा पाउडर या जूस बालों की ग्रोथ के लिए सबसे असरदार तरीका कौन सा होता है.

    मोरिंगा क्यों माना जाता है चमत्कारी पेड़ 

    मोरिंगा को इसलिए चमत्कारी पेड़ कहा जाता है, क्योंकि इसके पत्ते और फल सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए आपके स्कैल्प को मॉइस्चराइज रखता है और डैंड्रफ को रोकता है. वहीं विटामिन सी कोलेजन बढ़ता है, जिससे बाल मजबूत होते हैं और टूटने से बचते हैं.  जिंक और आयरन ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करते हैं, जिससे बालों की जड़ों तक पोषण आसानी से पहुंचता है. इसका नियमित सेवन आपके स्कैल्प को अंदर से पोषण देता है और बालों की सेहत को बढ़ाता है. 

    डेली रूटीन में शामिल करें मोरिंगा पाउडर 

    अगर आप मोरिंगा का उपयोग करने के लिए अपने बिजी रूटीन में आसानी चाहते हैं तो आप मोरिंगा पाउडर का उपयोग कर सकते हैं. यह  सूखे पत्तों से बनाया जाता है और इसका स्वाद हल्का मिट्टी और पालक जैसा होता है. आप इसे सुबह कि स्‍मूदी, नारियल पानी या गुनगुने पानी में शहर के साथ मिलाकर ले सकते हैं. इसके अलावा आप मोरिंगा पाउडर का दाल या सलाद में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मोरिंगा पाउडर में मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड बालों के मुख्य प्रोटीन, केराटिन के निर्माण में मदद करते हैं. इसका नियमित सेवन बालों का झड़ना कम करता है और बालों को घना और चमकदार बनाता है. अगर आपको मोरिंगा के पाउडर का स्वाद पसंद नहीं आता है तो आप मोरिंगा कैप्सूल ले सकते हैं. 

    मोरिंगा जूस ताजगी और डिटॉक्स के लिए 

    मोरिंगा का फ्रेश और हाइड्रेटिंग यूज करने के लिए आप मोरिंगा जूस ले सकते हैं. यह ताजा पत्तों को पानी या नींबू के साथ मिलाकर बनाया जाता है. जूस का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन शहद या आंवला के रस के साथ इसे संतुलित करके पिया जा सकता है. सुबह खाली पेट 30 से 50 मिलीलीटर मोरिंगा जूस लेना शरीर के पोषण और स्कैल्प की हेल्थ को सही रखने में मदद करता है. इसके अलावा मोरिंगा जूस शरीर को डिटॉक्स करता है और स्कैल्प की सूजन और इन्फ्लेमेशन को कम करता है, जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं. इसके अलावा लोग इसे नारियल या कैस्टर ऑयल के साथ मिलाकर स्कैल्प  पर मास्क के रूप में इस्तेमाल करते हैं. 

    मोरिंगा का जूस या पाउडर कौन सा तरीका ज्यादा कारगर 

    मोरिंगा पाउडर और जूस दोनों ही बालों के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन आप अपनी लाइफस्टाइल और प्राथमिकताओं के आधार पर इन दोनों में से एक ले सकते हैं. अगर आप बिजी रहते हैं और रोजाना आसानी से मोरिंगा का सेवन करना चाहते हैं तो आप इसे पाउडर के रूप में ले सकते हैं. वही ताजगी और डिटॉक्स स्टाइल पसंद करने वाले लोगों के लिए इसका जूस ज्यादा बेहतर होता है. इसके अलावा मोरिंगा के पाउडर को आप हफ्ते में 5 दिन और दो दिन जूस ले सकते हैं.

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    Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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    कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है. 
    पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए. 

    इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्‍टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.

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  • राजस्थान में कफ सिरप से मौत, बच्चे के परिवार की चुनौती, पोस्टमार्टम से खुलेगा सच

    राजस्थान में कफ सिरप से मौत, बच्चे के परिवार की चुनौती, पोस्टमार्टम से खुलेगा सच

    राजस्थान में क सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में मौत का शिकार हुए एक बच्चे के परिवार वालों ने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार को चुनौती दी है. मौत का शिकार हुए सीकर के रहने वाले पांच साल के नित्यांश के परिवार ने अभी तक उसका दाह संस्कार नहीं किया है और शव को कब्र में दफना कर रखा है.

    परिवार ने सरकारी अमले को चुनौती देते हुए कहा है कि उनके बच्चे का शव कब्र से निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराया जाए. पोस्टमार्टम से पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी. परिवार ने यह भी अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार ने 10 दिनों के अंदर नित्यांश के शव को कब्र से निकाल कर उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे.

    राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले 5 साल के नित्यांश की मौत 29 सितंबर को कफ सिरप पीने के बाद हुई थी. परिवार चीख- चीख कर यह दावा कर रहा था कि नित्यांश की मौत सिरप पीने से ही हुई है. परिवार उसी वक्त पोस्टमार्टम कराना चाहता था, लेकिन उन्हें समझा बुझाकर शांत करा दिया गया. इसके चलते परिवार ने नित्यांश के शव का दाह संस्कार करने के बजाय उसे दफना दिया था. परिवार अब पोस्टमार्टम कराना चाहता है.

    पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग को लेकर नित्यांश के पिता मुकेश शर्मा आज जयपुर पहुंचे. यहां कई संगठनों से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के दावे झूठे हैं. नित्यांश समेत सभी बच्चों की मौत सरकारी अस्पतालों से मिली कफ सिरप पीने के बाद ही हुई है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि जब वह अपने बेटे का पोस्टमार्टम कराने को तैयार हैं तो उनकी बात को माना क्यों नहीं जा रहा है.

    उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई और नित्यांश के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया तो वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे. नित्यांश के पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकारी अमला उन पर दबाव बना रहा है. उनसे नित्यांश को पिलाई गई कफ सिरप वापस करने को कहा जा रहा है.

    गौरतलब है कि कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले को लेकर राजस्थान में तमाम संस्थाओं ने मिलकर एक संघर्ष समिति बनाई है. संघर्ष समिति में शामिल संगठनों ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संघर्ष समिति से जुड़े हुए आशुतोष शर्मा और रेखा शर्मा समेत अन्य लोगों ने कहा है कि अगर खांसी की यह दवा बच्चों के लिए नहीं थी तो उसे सरकारी अस्पताल पहुंचे बच्चों को क्यों दिया गया. दवा पर कहीं भी यह क्यों नहीं लिखा गया कि यह कफ सिरप छोटे बच्चों के लिए नहीं है.

    इसके साथ ही किसी भी बच्चे का पोस्टमार्टम किए बिना स्वास्थ्य मंत्री कैसे दावा कर रहे हैं कि एक भी मौत दवा पीने से नहीं हुई है. अगर दवा में कोई गड़बड़ी नहीं है तो इस सिरप को बनाने वाली कंपनी की तमाम दवाओं को बैन क्यों कर दिया गया. खांसी की यह दवा ओपन मार्केट में क्यों नहीं मिलती है.

    संघर्ष समिति का भी कहना है कि हम सरकार को 10 दिनों का अल्टीमेटम दे रहे हैं. सरकार अगर 10 दिनों में नित्यांश के शव का पोस्टमार्टम कराने के साथ ही दूसरे जरूरी कदम नहीं उठाती है तो वह लोग कफ सिरप से मौत का शिकार हुए बच्चों के लिए जयपुर में श्रद्धांजलि सभा करेंगे और अगले दिन से आंदोलन की शुरुआत करेंगे.

    आशुतोष शर्मा और रेखा शर्मा समेत संघर्ष समिति में शामिल सदस्यों का कहना है कि अगर सरकार ने बात नहीं मानी तो नित्यांश के पिता को आगे कर इस मामले को अदालत तक ले जाया जाएगा. बच्चों की मौत की घटना पर कतई लीपा पोती नहीं होने दी जाएगी. अब देखना यह होगा कि सरकार नित्यांश के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराती है या नहीं.

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