पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को कतर की राजधानी दोहा में पहले दौर की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों देशों के बीच एक दूसरे के सैन्य ठिकानों और रिहाइशी इलाकों पर हमला ना करने को लेकर सहमति बनी है. साथ ही अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुताबिक, दोनों देशों ने तय किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ काम करने वाले आतंकियों की देश कोई मदद नहीं करेगा और अफगानिस्तान का वर्षों से यही स्टैंड है.
अब दोनों देशों के बीच अगले दौर की बातचीत तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में 25 अक्टूबर को होगी. बताते चलें कि शनिवार को दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दोपहर तीन बजे शुरू हुई बातचीत रात साढ़े 11 बजे खत्म हुई थी, जिसके बाद पहला बयान कतर की तरफ से आया. कतर ने कहा कि उसकी और तुर्की की मध्यस्था में दोनों देश सीजफायर के लिए राजी जो गए हैं.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने जताई सहमति
इसके बाद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले दौर की बातचीत के बाद बयान दिया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) समझौता हो गया है और पाकिस्तान की भूमि पर अफगानिस्तान से होने वाली आतंकवादी गतिविधियां तुरंत बंद की जाएंगी. दोनों पड़ोसी देश एक-दूसरे की जमीन और संप्रभुता का सम्मान करेंगे.
इस बयान के बाद अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी करते हुए कहा कि पहले दौर की बातचीत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आपस में सैन्य ठिकानों और रिहाइशी इलाकों में हमला ना करने पर सहमति बनी है. साथ ही ये भी तय हुआ है कि दोनों देश उन संगठनों को समर्थन नहीं देंगे, जो पाकिस्तान पर हमला करते हैं.
अफगानिस्तान सरकार ने जारी किया बयान
हालांकि अपने बयान का स्पष्टीकरण देते हुए जबीउल्लाह मुजाहिद ने कुछ देर बार ‘X’ पर लिखा, ‘पाकिस्तान पर हमला करने वाले संगठनों का समर्थन ना करने वाला उनका बयान कोई औपचारिक या संयुक्त घोषणा का हिस्सा नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का पुराना स्टैंड है और दोहा में दोनों पक्षों के बीच सिर्फ यह सहमति बनी है कि एक-दूसरे के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जाएगा, जो समझौते का सबसे अहम बिंदु है.’
बैठक में कौन-कौन मौजूद?
शनिवार को दोहा में हुई पहले दौर की वार्ता में अफगानिस्तान की तरफ से तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब और अफगान खुफिया विभाग GDI के प्रमुख मुल्ला अब्दुल हक वासिक मौजूद थे. साथ ही पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख आसिम मलिक मौजूद थे. ऐसे में देखना होगा कि इस्तांबुल में होने वाली अगले दौर की बातचीत में क्या निकलता है और क्या अगले 6 दिन दोनों देश समझौते के आधार पर शांति स्थापित कर पाते हैं.
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