Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग को नई दिशा, राजनाथ सिंह ने कहा, हम इंडो पैसिफिक के सह-निर्माता बनें – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी बेस एचएमएस कुट्टाबुल का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील मौजूद रहे। दोनों कंपनियों ने भारत-ऑस्ट्रेलियाई रक्षा साझेदारी, तकनीकी सहयोग और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता पर गहन चर्चा के बीच संयुक्त बैठक की। इस दौरान पीटर खलील ने राजनाथ सिंह की ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 12 साल बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली यात्रा है। हमें उम्मीद है कि अगली यात्रा तीन साल के अंतराल के बाद नहीं होगी। वहीं राजनाथ सिंह ने भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत स्थानों पर जोर दिया।

भारत-ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबंध- राजनाथ सिंह


राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अब केवल मित्रवत नहीं हैं, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सह-निर्माता बन गए हैं। उन्होंने 2024 में हुई शिखर बैठक और 2+2 वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। राजनाथ सिंह ने लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता जैसे समानताओं को देशों के बीच की मजबूत नींव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेज गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत के रक्षा उत्पादन तक ₹1.51 लाख करोड़ (लगभग $18 बिलियन) का भुगतान किया गया है, जो पिछले वर्ष से 18% अधिक है।

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विदेशी निवेश (एफ एडिट) नीति को लेकर क्या बोले राजनाथ सिंह

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा मंत्रालय अब तेजी से बढ़ रहा है और पिछले साल यह ₹23,622 करोड़ (करीब 2.76 डॉलर) तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय रक्षा निर्माता अब करीब 100 देशों को अपने उत्पाद में शामिल कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफ बिजनेस) नीति को उदार बनाया है। अब 74% विदेशी तक निवेश निवेश रूट से और अधिक निवेश सरकारी मंजूरी के माध्यम से किया जा सकता है, खासकर जब निवेश से निवेश तकनीक भारत में आती हो।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रक्षा उत्पाद इकोसिस्टम आसान और उपयुक्त बनाया जा रहा है, ताकि विदेशी और घरेलू उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा मिल सके। नीति सुधार और बच्चों को सरल कर भारत को बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते जा रहे हैं।

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