Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – हाई-प्रोफाइल नामांकन के बावजूद नोबेल शांति पुरस्कार डोनाल्ड ट्रम्प की खोज अधूरी, जानिए विवरण – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड नॉयल को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला। हालाँकि, उन्होंने इसके लिए स्वयं भी प्रयास किया। उन्हें भी एड़ी-चोटी का जोड़ लगाने के लिए नोबल विशिष्ट जाने के प्रयास में रखा गया, लेकिन हाईप्रोफाइल मीयाद के बदले वेनेजुएला की महिला एक्टिविस्ट मचाडो को नोबल के लिए चुना गया गया। मचाडो को वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए काफी संघर्ष करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने तानाशाही को उखाड़ फेंकने वाले क्रांतिकारी और लोकतांत्रिक लोकतांत्रिक परिवर्तनों का भी उल्लेख करने का प्रयास किया।

अनौपचारिक रूप से नोबेल के पात्र नहीं बने

इस बात पर हो रही है चर्चा कि नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में इस बात पर चर्चा हो रही है कि किसी को यह सम्मान नहीं मिला। असल में, अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे समय से प्रतिष्ठित पुरस्कार की इच्छा पर बयान देते आए हैं। कथित तौर पर दावा किया जाता है कि उन्होंने दुनिया भर में कई संघर्षों को खत्म कर शांति स्थापित करने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह काम पुरस्कार के लिए नहीं, बल्कि उनका मकसद लोगों की जान बचाना था।’ हालाँकि, नोबेल के लिए नामांकन की प्रक्रिया से लेकर एक तथ्य यह भी है कि उनके समर्थन में अधिकांश नामांकन 2025 पुरस्कार की अंतिम तिथि (1 फरवरी) के बाद आई थी। इस कारण से अप्रचलित रूप से पात्र नहीं बन पाया।

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रिपब्लिकन रिपब्लिकन वीडियो टेनी नेसॉक की थी

नोबेल पुरस्कार की वकालत करने वाले लोगों में अमेरिका के रिपब्लिकन रिपब्लिकन क्लाउडिया टेनी का नाम भी शामिल है। टेनी का कहना है कि नवंबर, 2024 में चुनाव के बाद अख्तर ने दिसंबर में ‘अब्राहम एकॉर्ड’ (अब्राहम समझौते) के तहत 2020 में इस्राइल और कई अरब देशों के बीच संबंध सामान्य बनाने में योगदान दिया। इसके बावजूद, नोबेल समिति ने अंतिम चरण को रद्द कर दिया। नोबेल समिति के निर्णायक को ‘अपमान’ मान रहे हैं। गाजा में युद्धविराम का पहला चरण लागू होने के कुछ ही घंटे बाद नोबेल शांति सम्मान की घोषणा हुई। इसे लेकर अंतिम के शॉट में इज़ाफ़ा है।

अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल


बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना 1901 में हुई थी। यह उन लोगों को दिया जाता है जो राष्ट्रों के बीच भाईचारा को बढ़ाते हैं, सेना के उपयोग में कमी लाते हैं या शांति के प्रयास को बढ़ावा देने में विशेष योगदान देते हैं। अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों- थियोडोर रूजवेल्ट (1906), वुडरो विल्सन (1919) और बराक ओबामा (2009) को नोबेल शांति सम्मान दिया जा चुका है।

सात युद्ध ख़त्म होने का दावा, कई प्रसंगों में योगदान सिद्धांतों…


नोबेल से लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता कलाकार ने कहा कि उन्हें बिना कुछ बताए ही पुरस्कार दे दिया गया। समर्थकों का दावा है कि वे सात युद्ध में ख़त्म हुए तकनीशियन हैं, हालाँकि कई मामलों में उनका योगदान भी आ रहा है। तीन साल से ज्यादा समय की रिलीज रूस-यूक्रेन वॉर (फरवरी, 2022 से) पर रियाल ने कहा कि वह इसे ‘एक दिन में खत्म कर सकती हैं।’ हालाँकि, अभी तक दोनों देशों का दुश्मन नहीं था। यूक्रेन के अविश्वास प्रस्ताव पर स्टालिन ने शांति के प्रयास को बाधित करने के आरोप लगाए थे।

कई आंतरिक औषधियों से भी भरा हुआ प्रशासन


नोबेल को लेकर हो रही रही बयानबाजी और व्हाइट हाउस की ओर से यह विवाद जारी बयान से इतर अंतिम प्रशासन अमेरिका में कई आंतरिक बसों से भी पकड़ा गया है। बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सरकारी और कानूनी समर्थकों का उपयोग और नेशनल गार्ड्स के संगीत जैसे छात्रों पर उनकी आलोचना झेलनी पड़ रही है। स्केल ने पेरिस क्लाइस्टिक एक्स्ट्रीम से अमेरिका को बाहर निकलने का मौका दिया, इसके अलावा कई देशों के साथ व्यापार युद्ध भी शुरू हो गया। अपनी तीसरी नीति के कारण भी कट्टर आलोचक के प्रतिद्वंद्वी हैं।

इस्राइल, कंबोडिया और पाकिस्तान ने किश्तों का समर्थन किया


हालांकि यह भी दिलचस्प है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत और पाकिस्तान सरकार के समर्थकों को नोबेल का समर्थन कर चुके हैं। हालाँकि, यह प्रस्ताव देर से आया और इसी कारण इस वर्ष की नोबेल नामांकन सूची पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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वेनेजुएला की ‘आयरन लेडी’ मचाडो को 2025 का नोबेल मिला

बता दें कि इस साल वेनेजुएला की महिला मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति सम्मान मिला है। वे निरीक्षण अपने ही देश में छिपकर रह रहे हैं। आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम मैगजीन की ‘2025 के 100 सबसे ताकतवर लोगों’ की सूची में शामिल है। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति के अध्यक्ष ने मचाडो की शांति के एक साहसी और समर्थक के रूप में इंजीनियर की, जो बढ़ते ब्लैकआउट के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए लिखे हैं। पुरस्कार की घोषणा के दौरान नोबेल समिति ने कहा कि उन्होंने वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए मचाडो में काफी प्रयास किया। तानाशाही वाली व्यवस्था को तानाशाही लोकतंत्र में न्यायसंगत और मुद्रा परिवर्तन में संघर्ष के लिए प्रतिष्ठित किया गया है। मचाडो का संगठन- सुमाते लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। फ्री और तीरंदाजों की पैरोकार रैली मारिया कोरिना मचाडो ने साल 2024 के चुनाव में नामांकन की तरफ से ताल ठोकी थी। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी वेनेजुएला की सरकार ने रद्द कर दी थी।

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