अमेरिका ने रूस की दो तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक अब भारत रूसी तेल आयात में भारी कटौती करने की तैयारी में है. इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और नरेंद्र मोदी को कमजोर प्रधानमंत्री बताया है. अमेरिकी प्रतिबंधों से रिलायंस इंडस्ट्रीज के रूस से कच्चे तेल के आयात पर असर पड़ने के आसार हैं.
रिलायंस ने दिसंबर 2024 में रूस की कंपनी रोसनेफ्ट के साथ 25 साल तक प्रतिदिन 5 लाख बैरल रूसी तेल आयात करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा, “रूसी तेल आयात का फिर से मूल्यांकण किया जा रहा है. सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से रिलायंस रूसी तेल की खरीदारी एडजस्ट करेगी.
ट्रंप के आदेश को मानने में जुटे गए पीएम मोदी
इसे लेकर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि ट्रंप की धमकी के आगे एक बार फिर नरेंदर-सरेंडर हो गए हैं. कांग्रेस ने कहा, “ट्रंप ने आदेश दिया कि रूस से तेल खरीदना बंद करो, मोदी फटाफट आदेश का पालन करने में जुट गए. अब खबर है कि रिलायंस रूस से तेल खरीदना कम करेगा. रिलायंस रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदता था. ट्रंप पहले ही बता चुके हैं कि इस साल के अंत तक भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा.”
नरेंद्र मोदी कमजोर प्रधानमंत्री: कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा, “एक बात साफ है कि नरेंद्र मोदी कमजोर प्रधानमंत्री हैं. यही वजह है कि भारत के फैसले अब ट्रंप ले रहे हैं. रूस भारत का पुराना सहयोगी रहा है और ट्रंप के दबाव में मोदी रूस से संबंध खराब कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने अपनी ‘पप्पी-झप्पी’ वाली विदेश नीति से देश का बहुत नुकसान किया है.”
भारत ने जल्द रूसी तेल खरीदना कम करेगा: ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने पर सहमति जतायी है और वह साल के अंत तक इसे लगभग बंद कर देगा. इसके साथ साथ ही ट्रंप ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और इसमें कुछ समय लगेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह चीन को भी ऐसा करने के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे. चीन और भारत रूसी कच्चे तेल के दो सबसे बड़े खरीदार हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस मिडिल ईस्ट और ब्राजील से कच्चे तेल की बड़ी खेप खरीदी है, जिसका इस्तेमाल रूसी आपूर्ति की भरपाई के लिए किया जा सकता है. अमेरिका के इस कदम से पहले रिलायंस अपनी दो रिफाइनरियों में से एक के लिए रूसी तेल आयात रोकने पर विचार कर रही थी.
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