देश के करोड़ों किसान वर्षों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के जरिए वित्तीय मदद पा रहे हैं. यह योजना 2019 में सरकार ने शुरू की थी और इसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों को हर साल आर्थिक सहायता प्रदान करना है. योजना के अंतर्गत किसानों के बैंक खाते में हर साल 6 हजार रुपये की किस्त भेजी जाती है.
हाल ही में, केंद्र सरकार ने 2 अगस्त को योजना की 20वीं किस्त जारी की थी. इसके बाद 21वीं किस्त की भी घोषणा की गई थी, लेकिन फिलहाल इसे केवल पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित 27 लाख किसानों के खाते में ही भेजा गया है. बाकी किसानों के लिए सवाल ये है कि कब तक उनकी 21वीं किस्त जारी होगी और किसे इसका लाभ मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार अगले नवंबर महीने तक पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त जारी कर सकती है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया था कि दिवाली से पहले ही किस्त जारी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
कौन किसान पाएंगे 21वीं किस्त का लाभ?
जो किसान योजना में अपना ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन करवा चुके हैं, उन्हें 21वीं किस्त का पूरा लाभ मिलेगा. वहीं जिन किसानों ने यह जरूरी प्रक्रिया नहीं पूरी की है, उन्हें अगली किस्त का लाभ नहीं मिलेगा.
इसके अलावा, योजना में आवेदन करते समय जो किसान सही विवरण दर्ज कर चुके हैं, उनके बैंक खाते में समय पर पैसे आएंगे. वहीं, जिन्होंने गलत विवरण भरा या फॉर्म में त्रुटि की, उनका आवेदन रद्द हो सकता है. इस कारण ऐसे किसानों को 21वीं किस्त नहीं मिलेगी.
ई-केवाईसी और विवरण सत्यापन क्यों है जरूरी?
किसान योजना का लाभ पाने के लिए जल्द से जल्द ई-केवाईसी और भूलेखों का सत्यापन करवा लें. यदि किसान ने गलत विवरण दर्ज किया है तो उसे तुरंत सुधारना चाहिए. केवल सही और सत्यापित जानकारी वाले किसान ही अगली किस्त का लाभ उठा पाएंगे.
केंद्र सरकार ने इस योजना के माध्यम से न केवल आर्थिक मदद दी है, बल्कि किसानों के जीवन में स्थिरता और आत्मनिर्भरता भी लाने की कोशिश की है. सालों से छोटे और सीमांत किसान खेती-बाड़ी से जुड़े खर्चों को पूरा करने में मुश्किल महसूस करते थे. पीएम किसान योजना ने उनके लिए हर साल 6 हजार रुपये का सहयोग देकर राहत दी है.
कैसे चेक करें कि किस्त आई या नहीं?
किसान अपनी अगली किस्त की स्थिति ऑनलाइन पीएम किसान पोर्टल पर जाकर आसानी से देख सकते हैं. पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद किसानों को यह पता चल जाएगा कि उनका आवेदन सही है या किस्त जारी हो गई है. इसके अलावा किसान पोर्टल के जरिए ई-केवाईसी, भूलेख और बैंक विवरण की जांच और अपडेट भी कर सकते हैं. इससे भविष्य में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी और हर किस्त समय पर उनके खाते में पहुंच जाएगी.
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रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.
अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.
रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.
दोनों ही क्षेत्र समाज की बुनियादी जरूरतों से जुड़े हैं और रजनी इन्हें बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संभालती हैं. खाली समय में रजनी को संगीत सुनना और किताबें पढ़ना पसंद है. ये न केवल उन्हें मानसिक सुकून देते हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी ऊर्जा प्रदान करते हैं.
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