'इन्हें टोपी-दाढ़ी में ही दिखती है दहशतगर्दी', BJP नेता संगीत सोम के बयान पर भड़के सपा सांसद

बुर्के को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता संगीत सोम के विवादित बयान पर संभल सांसद व समाजवादी पार्टी (सपा) नेता जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि इन लोगों को बुर्के, टोपी और दाढ़ी में ही दहशतगर्दी नजर आती है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है.

जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि कभी कोई यह साबित नहीं कर सकता कि बुर्के की आड़ में दहशतगर्दी होती है क्योंकि बुर्का शराफत और इस्लाम के पर्दा करने के पैगाम का प्रतीक है उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां हिंदू-मुस्लिम के नाम पर करते हैं लेकिन अब जनता उन्हें पहचान चुकी है और नकार चुकी है. 

सपा सांसद ने आरोप लगाया कि ऐसे नेता सिर्फ अपने वजूद को बनाए रखने के लिए विवादित बयानबाजी करते हैं लेकिन इस तरीके से वे कामयाब नहीं हो सकते जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, “हमारे देश की यही खूबसूरती है कि यहां हर धर्म के लोग अपनी मर्जी से रहते हैं और मानते हैं ऐसे लोग उसकी आड़ में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं, जिसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.

दरअसल, संगीत सोम ने एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं के बुर्के को लेकर एक बेहद विवादित बयान दिया है, जिससे देश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है. सोम ने शनिवार को मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान सीधे तौर पर कहा कि देश में आतंकवाद और फर्जीवाड़ा बुर्के की आड़ में फल-फूल रहा है. उन्होंने दावा किया कि देश की आतंकवादी गतिविधियों में बुर्के की आड़ का एक बड़ा रोल है.

सोम ने बुर्के के इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने वाले विपक्षी नेताओं, विशेष रूप से अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव पर सीधा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि ये नेता अच्छी तरह जानते हैं कि बुर्के की आड़ में क्या-क्या होता है, इसलिए वे इस विषय पर तुरंत मैदान में आ जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवाद से लेकर फर्जी पहचान तक, हर तरह के गलत काम में बुर्का एक ढाल बन गया है.

भाजपा नेता ने बिहार चुनाव के संदर्भ में चुनाव आयोग से अपील की कि बुर्के की आड़ में होने वाली फर्जी वोटिंग को रोका जाए. उन्होंने मांग की कि मतदान के दौरान हर महिला का चेहरा देखकर ही वोट डालने दिया जाए, ताकि वोटर की पहचान स्पष्ट हो सके. उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुस्लिम महिलाएं एयरपोर्ट पर, विदेश जाते समय, और हज यात्रा पर भी चेहरा दिखाती हैं, तो वोट डालते समय चेहरा क्यों नहीं दिखाना चाहती हैं?

इसके अलावा, सोम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ पर बात करते हुए अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर सिंदूर की कीमत न समझने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को भी सिंदूर का महत्व नहीं पता, उन्हें अगर किसी चीज की समझ है तो वह केवल बुर्के की है. 

उन्होंने आजम खान के उस बयान, “जो दिया जला सकता है, वो किसी को भी जला सकता है,” पर भी पलटवार करते हुए कहा, “उन्हें सोचना चाहिए कि जो बकरे की गर्दन काट सकता है, वो किसी की भी गर्दन काट सकता है.” सोम ने जोर दिया कि ऐसे बयान समाज में नफरत फैलाते हैं.

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