यूपी में तीन तहसीलों से मिलकर बनेगा 76वां जिला, कल्याण सिंह नगर के लिए योगी सरकार कर रही तैयारी

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता कल्याण सिंह उर्फ बाबूजी के नाम से अब यूपी में नए जिले को बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. यह काम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा शुरू किया गया है. कल्याण सिंह के पुत्र और एटा के पूर्व सांसद राजू भैया की सिफारिश के बाद यह काम शुरू किया गया है. फिलहाल नए जिले की तैयारी को लेकर खाका तैयार किया जा रहा है और उसके बाद शासन और प्रशासन के द्वारा इस पर महर लगाई जाएगी तब कहीं जाकर अलीगढ़ और बुलंदशहर जिले में से कुछ गांव को छांटकर नए जिले की नींव रखी जाएगी.

दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ का है जहां अतरौली तहसील और उसके गांव मड़ौली को उत्तर प्रदेश पटल पर नई पहचान दिलाने के लिए नया जिला बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. यह तैयारी काफी समय से चर्चा में चल रही थी जिसमे “कल्याण सिंह नगर” के नाम से एक नए जिले के गठन पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. यह प्रस्ताव अलीगढ़ जिले के अतरौली और गंगीरी तथा बुलंदशहर जिले के डिबाई क्षेत्र को मिलाकर तैयार किया जा सकता है.

इस नए जिले का नाम बीजेपी के दिवंगत वरिष्ठ नेता और दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके स्व. कल्याण सिंह के नाम पर रखा जाएगा. यूपी सरकार ने इस दिशा में प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इस पूरे मामले पर जैसे ही शासन में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र राजू भैया का पत्र पहुचा तो राजस्व परिषद आयुक्त एवं सचिव कार्यालय की ओर से अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है. जिसमें दोनों जिलों के सीमा क्षेत्रों के पुनर्सीमन और नए जिले की संभावनाओं पर रिपोर्ट मांगी गई है.

बीजेपी नेता राजवीर सिंह ‘राजू भैया’ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा कि कल्याण सिंह के नाम पर एक नया जिला बनाकर उनकी स्मृति को स्थायी स्वरूप दिया जाए. इस पर शासन स्तर से फाइलों का चलन शुरू हो गया और अब कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही कल्याण सिंह के नाम से एक नया जिला बन सकता है.

राजवीर सिंह के इस पत्र के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है और 17 अक्टूबर को राजस्व परिषद के आयुक्त राजकुमार द्विवेदी ने अलीगढ़ और बुलंदशहर के डीएम को पत्र भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि दोनों जिले अपनी-अपनी सीमाओं के पुनर्सीमन के आधार पर नए जिले के गठन की संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. यह रिपोर्ट निर्धारित मानकों के अनुसार मंडलायुक्त के माध्यम से सरकार को भेजी जाएगी. इस रिपोर्ट में नए जिले की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक सुविधा, दूरी, बुनियादी ढांचे, सड़कों, पुलिस-प्रशासनिक इकाइयों और जनसुविधाओं की दृष्टि से व्यावहारिकता का परीक्षण किया जाएगा.

वहीं अगर बात भौगोलिक दृष्टि से की जाए तो अतरौली इस प्रस्तावित जिले का केंद्र बिंदु बन सकता है. यह स्थान अलीगढ़ और बुलंदशहर दोनों जिलों के बीच में आता है, जिससे प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से संचालित किए जा सकते हैं. अतरौली नगर पहले से ही शिक्षा, व्यापार और राजनीतिक दृष्टि से विकसित क्षेत्र माना जाता है. इसके अलावा, मढौली गांव (जो कल्याण सिंह की जन्मभूमि है) को “कल्याण सिंह नगर” के मुख्यालय से जोड़ने की संभावना भी जताई जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे न सिर्फ क्षेत्र का विकास होगा बल्कि स्वर्गीय कल्याण सिंह के योगदान को स्थायी सम्मान मिलेगा.

इस पूरे मामले पर डीएम संजीव रंजन के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया शासन से जो खाका मांगा जाएगा उसको तैयार करने के बाद आगे भेज दिया जाएगा उसके बाद शासन स्तर से ही इस मामले पर मुहर लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जिलास्तर से जो भी कार्रवाई की मांग अपेक्षित है उसे पूरा कर दिया जाएगा.

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