Author: admin

  • Ek Deewane Ki Deewaniyat Collection Day 2: हर्षवर्धन राणे की फिल्म ने तोड़े 4 नए रिकॉर्ड, दूसरे दिन भी किया दमदार कलेक्शन

    Ek Deewane Ki Deewaniyat Collection Day 2: हर्षवर्धन राणे की फिल्म ने तोड़े 4 नए रिकॉर्ड, दूसरे दिन भी किया दमदार कलेक्शन

    बॉलीवुड एक्टर हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा की रोमांटिक फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ थिएटर्स में आ चुकी है. थामा के साथ क्लैश के बावजूद फिल्म अच्छी ओपनिंग करने में कामयाब रही. अब दूसरे दिन भी ‘एक दीवाने की दीवानियत’ धमाकेदार कमाई कर रही है. सेकेंड डे पर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अब तक 2 फिल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को मात दे दी है.

    ‘एक दीवाने की दीवानियत’ ने तोड़े 2 रिकॉर्ड
    ‘एक दीवाने की दीवानियत’ ने दूसरे दिन के कलेक्शन के साथ 2025 में रिलीज हुई 2 फिल्मों का लाइफटाइम कलेक्शन बीट कर दिया है. हर्षवर्धन राणे की फिल्म ने ‘द भूतनी’ (12.52) और ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ (12.25 करोड़) का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ‘एक दीवाने की दीवानियत’ के निशाने पर अब ‘क्रेजी’ (14.03 करोड़) और ‘बैडऐस रविकुमार’ (13.78) हैं. आज रात तक फिल्म आसानी से इन दोनों फिल्मों को पछाड़ सकती है.

    ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की स्टार कास्ट
    ‘एक दीवाने की दीवानियत’ को मिलाप जवेरी ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा लीज रोल में हैं. ये पहली बार है जब दोनों कलाकार एक साथ स्क्रीन पर रोमांस करते दिखाई दिए हैं. इसके अलावा शाद रंधावा और सचिन खेड़कर भी फिल्म का हिस्सा हैं. कोइमोई की रिपोर्ट के मुताबिक ‘एक दीवाने की दीवानियत’ का बजट महज 30 करोड़ रुपए है. ऐसे में फिल्म दो दिन में ही अपना 50 प्रतिशत बजट निकालती नजर आ रही है.

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • जल्दी-जल्दी रईस बनने की ख्वाहिश है तो SIP के साथ कर लें SWP, जानें कितना बढ़ जाएगा पैसा?

    जल्दी-जल्दी रईस बनने की ख्वाहिश है तो SIP के साथ कर लें SWP, जानें कितना बढ़ जाएगा पैसा?

    SIP or SWP Which Is Better Option: आज के दौर में बहुत से लोग अलग-अलग जगहों पर निवेश करते हैं. जिससे वह ज्यादा पैसे कमा सकें. कई लोग आजकर SIP में पैसे लगाते हैं. अगर आप जल्दी रईस बनने की ख्वाहिश रख रहे हैं. तो सिर्फ SIP निवेश करना ही काफी नहीं है. SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान लाॅन्गटर्म में पैसा बढ़ाता है. लेकिन अगर आप कुछ पैसों को समय-समय पर निकालकर सही तरीके से फिर से निवेश करें. 

    तो पैसा और तेजी से बढ़ सकता है. इसी के लिए SWP यानी सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह तरीका आपको निवेश से होने वाले रिटर्न का फायदा उठाने के साथ-साथ लिक्विडिटी भी देता है. SIP और SWP को मिलाकर आप पैसे को स्मार्ट तरीके से ग्रोथ और रिटर्न दोनों दे सकते हैं. चलिए बताते हैं इस बारे में पूरी जानकारी. 

    SIP में आप हर महीने या सालाना तय रकम निवेश करते हैं. इससे मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लें कि आप हर महीने 10000 रुपये 12% रिटर्न वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड में लगाते हैं. 

    यह भी पढ़ें: इंटरकास्ट मैरिज कर रहे हैं तो 10 लाख रुपये दे देगी सरकार, जान लें अप्लाई करने का प्रोसेस

    तो 20 साल में आपका निवेश करीब 80 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. SIP में रेगुलर निवेश होने से आप लाॅन्ग टर्म में बड़ी रकम जुटा सकते हैं. इसके साथ ही SIP में टैक्स सेविंग ऑप्शन भी होते हैं. जैसे ELSS फंड, जो इन्वेस्टमेंट के साथ टैक्स में भी राहत देते हैं.

    कई लोगों को SIP के बारे में जानकारी है. लेकिन बहुत से लोगों को SWP के बारे में नहीं पता होता. SWP यानी सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान का मतलब होता है. अपने निवेश से थोड़ी-थोड़ी रकम समय-समय पर निकालना. इसका फायदा यह है कि आपका पैसा एकदम बंद नहीं रहता और जरूरत पड़ने पर आप उसे इस्तेमाल कर सकते हैं. मान लीजिए आपने SIP के जरिए अच्छी रकम जमा कर ली है.

    यह भी पढ़ें:  25 साल उम्र और रिटायरमेंट पर चाहिए 1 करोड़ रुपये, ऐसे करें इनवेस्टमेंट तो पूरा होगा यह सपना

    तो हर साल उसका थोड़ा हिस्सा निकालकर किसी सुरक्षित डेट फंड में डाल सकते हैं. इससे आपका पैसा बढ़ता भी रहेगा और कुछ हिस्सा सेफ भी रहेगा. SWP की खासियत है कि यह आपको रेगुलर इनकम और ग्रोथ दोनों देता है. यानी पैसे की कमी भी नहीं होगी और आपका निवेश लगातार बढ़ता रहेगा.

    यह भी पढ़ें: आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर बंद हो गया? आसानी से ऐसे जोड़ें नया नंबर

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • Rishabh Tandon Death: ऋषभ टंडन का हार्ट अटैक से निधन, अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए सिंगर-एक्टर?  जानें- नेटवर्थ

    Rishabh Tandon Death: ऋषभ टंडन का हार्ट अटैक से निधन, अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए सिंगर-एक्टर? जानें- नेटवर्थ

    फेमस सिंगर और एक्टर ऋषभ टंडन का 21 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली में अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे अपने स्टेज नेम फ़कीर के नाम से पॉपुलर थे. वहीं ऋषभ टंडन के निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है और तमाम सेलेब्स और फैंस सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिवंगत एक्टर-सिंगर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. चलिए यहां जानते हैं ऋषभ टंडन अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं.

    ऋषभ टंडन करियर
    ऋषभ टंडन ने म्यूजिक और फ़िल्म जगत में काम करते हुए अपने डेडीकेशन और क्रिएटिविटी के जरिये अपना करियर बनाया था. उन्हें ‘रश्ना: द रे ऑफ़ लाइट’, ‘फ़कीर – लिविंग लिमिटलेस’ और ‘इश्क फ़कीराना’ से खूब पॉपुलैरिटी मिली थी. इस साल वैलेंटाइन डे पर रिलीज़ हुआ उनका आखिरी ट्रैक, ‘इश्क फ़कीराना – मेरी इश्क की कहानी’, फैंस के दिलों में उतर गया था. अपने काम के अलावा, टंडन अपनी विनम्रता और गर्मजोशी के लिए जाने जाते थे.

    ऋषभ टंडन की पत्नी भी प्रोड्यूसर और इंफ्लूएंसर है
    वह अपनी पत्नी ओलेस्या टंडन के साथ मुंबई में रहते थे. उनकी पत्नी भी एक प्रोड्यूसर और इंफ्लूएंसर हैं. वे अक्सर टंडन करी पोस्ट में दिखाई देती थीं. ऋषभ टंडन ने आखिरी बार 10 अक्टूबर को अपनी पत्नी के साथ करवा चौथ सेलिब्रेशन की तस्वीरें शेयर की थी साथ ही एक बर्थडे पोस्ट भी शेयर की थी. 

    A post shared by ❤️Olesya Nedobegova -Tandon♥️🥰🌺🌸👑 (@olesya_tandonofficial)

    ऋषभ टंडन की कुल नेटवर्थ
    ऋषभ टंडन की सही कमाई कभी पब्लिक नहीं की गई. हालांकि इंडस्ट्री के ऑब्जर्वेशन और उनके करियर की उपलब्धियों के आधार पर, उनके निधन के समय उनकी अनुमानित कुल नेटवर्थ तकरीबन 1.5-2 करोड़ रुपये या लगभग $180,000-$240,000 USD थी. एल्बम की बिक्री और फिर से वही और इश्क फकीराना की स्ट्रीमिंग रॉयल्टी से होने वाली इनकम 50 से 70 लाख रुपये थी, जबकि लाइव शो से उनके पीक के दौरान वे हर साल 30-40 लाख रुपये की एक्स्ट्रा कमाई करते थे.

    इंडीपेंडेंट फिल्मों में एक्टिंग प्रोजेक्ट्स से उन्हें लगभग 20-30 लाख रुपये की कमाई हुई और वेलनेस पर फोकस्ड ब्रांड कोलैबोरेशन से उन्होंने 10-15 लाख की कमाई की थी. हालांकि उन्होंने कुछ समय के लिए अपने फैमिली बिजनेस के साथ भी काम किया, लेकिन उनकी इनकम का ज्यादातर हिस्सा म्यूजिक प्रोडक्शन में लगा दिया गया.

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • Video: तेज रफ्तार बोलेरो का कहर, ठेले और बाइक वाले को कुचल हुआ फरार, फतेहपुर का वायरल वीडियो

    Video: तेज रफ्तार बोलेरो का कहर, ठेले और बाइक वाले को कुचल हुआ फरार, फतेहपुर का वायरल वीडियो

    Uttar Pradesh News: दीवाली के दिन जहां पूरा देश उमंग और उत्साह में डूबा था, वहीं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जिसने त्योहार की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया. यहां एक तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक सवार और फल के ठेले में टक्कर मार दी. हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. 

    हादसे में दो महिलाओं सहित तीन लोग घायल हो गए

    ये घटना फतेहपुर की बताई जा रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि तेज रफ्तार बोलेरो का बैलेंस बिगड़ा और उसने सीधा पहले बाइक सवार को टक्कर मारी और फिर पास में खड़े फल के ठेले को जोरदार टक्कर मार दी.

    A post shared by ABP News (@abpnewstv)

    वीडियो में साफ तौर पर देखा गया है कि ठेले पर रखे फल पूरी तरह से सड़क पर बिखर जाते हैं. इस खतरनाक हादसे में दो महिलाओं सहित तीन लोग घायल हो गए. ये पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.

    बाइक सवार दो लोग टक्कर लगने के बाद सड़क पर गिरे

    वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बाइक सवार दो लोग टक्कर लगने के बाद सड़क पर बुरी तरह गिरे हुए हैं. हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ लग जाती है, लेकिन बोलेरो ड्राइवर मौके से तुरंत फरार हो जाता है.

    हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फुटा और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. सोशल मीडिया पर हादसे के वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने बोलेरो ड्राइवर पर गुस्सा जाहिर किया है. 

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान इस बार चूक गए! अगली बार सीएम की कुर्सी पर ठोकेंगे दावा? खुद दिए ये संकेत

    बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान इस बार चूक गए! अगली बार सीएम की कुर्सी पर ठोकेंगे दावा? खुद दिए ये संकेत

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA के घटक दलों में से एक लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने वर्ष 2030 के चुनाव के लिए अपनी रणनीति पर संकेत दिए हैं. पासवान ने बिना कोई जिक्र किए संकेतों में अपनी बात कही है कि जो आने वाले वक्त में बिहार की सियासत का रुख तय कर सकती है.

    दरअसल, चिराग पासवान ने बीते दिनों एक साक्षात्कार में पूछा गया कि युवा सीएम भी होने चाहिया. आप भी सीएम के दावेदार होने चाहिए. कुछ ऐसा है? इस पर पासवान ने कहा कि कौन सी पार्टी नहीं चाहती? हर दल चाहता है कि उनका नेता सर्वोच्च पद पे जाए. मैंने खुद हमेशा इस बात की इच्छा रखी कि मैं अपने पिता को प्रदेश का मुख्यमंत्री, देश का प्रधानमंत्री बनता हुआ देखूं. तो ये इच्छा स्वाभाविक है हर दल के अपने नेता के प्रति होती है. पर मुझे लगता है कि सही समय पर सही बातों की चर्चा हो तो उसके मायने होते हैं.

    पासवान ने कहा कि आज की तारीख में जब हम लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं तो कतई इसके कोई मायने नहीं है जब इस बात को गठबंधन के तमाम सहयोगियों के द्वारा पहले से ही स्पष्ट कर दिया गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही हम लोग चुनाव लड़ने जा रहे हैं. और ये मैं मानता हूं कि चुनाव के बाद जो विधायक जीतकर आएंगे वो एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही अपने मुख्यमंत्री के तौर पर चुनेंगे.

    बिहार चुनाव: पिछली बार 11, इस बार सिर्फ चार, कौन हैं JDU के मुस्लिम उम्मीदवार?

    पासवान ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मैं बिहार वापस आना चाहता हूं. इन्हीं चुनावों में ही मैं वापस आना चाहता था. बिहार से मैं चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन क्योंकि सीटों पर बातचीत होते इतना विलंब हो गया कि मेरे प्रत्याशी ही नामांकन ठीक से भर लें. वो ज्यादा बड़ी प्राथमिकता बन गई थी. तो अपने नामांकन की ओर तो मैं फिर सोच ही नहीं पाया. इस एजेंडे के ऊपर चर्चा करने के लिए केंद्रीय संसदीय बोर्ड दोबारा बैठ ही नहीं पाया इस विषय की. लेकिन हां मैं जरूर चाहता था और आने वाले दिनों में मैं वापस मैं बोलूंगा मेरी प्राथमिकता बिहार रहेगा.

    उन्होंने कहा कि मेरे पापा ने हमेशा इस बात को स्पष्ट रखा कि केंद्र की राजनीति में उनकी इच्छा ज्यादा रही थी. पर मैं बिहार मैं बिहार और बिहारियों की वजह से ही राजनीति में आया हूं. दिल्ली में पला बढ़ा हूं. मुंबई में मैंने काम किया है. दूसरे राज्यों में बिहारियों को विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए देखा है और यही कारण था कि मैं वापस राजनीति में आया ताकि अपने राज्य अपने बिहारी साथियों के लिए मैं कुछ कर सकूं. एक ऐसा दौर मैंने देखा जब बिहारी शब्द तक को गाली बना दिया गया. मैं हर मंच से गर्व से कहता हूं कि मैं बिहारी हूं. ये गर्व मैं हर बिहारी की आंखों में देखना चाहता हूं. पर यह तब होगा जब मैं यहां पर ध्यान ज्यादा केंद्रित करूं. तो मैं मानता हूं कि अगले चार पांच साल मेरे इस फैसले को और ज्यादा मजबूत करेंगे कि मुझे बिहार की राजनीति में पूरा ध्यान अब केंद्रित करना होगा.

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • ओडिशा में BJP नेता की हत्या मामले में BJD के पूर्व विधायक बिक्रम पांडा गिरफ्तार, CM माझी ने दिया ये आश्वासन

    ओडिशा में BJP नेता की हत्या मामले में BJD के पूर्व विधायक बिक्रम पांडा गिरफ्तार, CM माझी ने दिया ये आश्वासन

    ओडिशा के बेरहामपुर के पूर्व विधायक और बीजू जनता दल (BJD) के गंजाम जिला अध्यक्ष बिक्रम पांडा को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और वकील पीताबश पांडा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. ओडिशा पुलिस ने बुधवार (22 अक्टूबर, 2025) को बिक्रम पांडा की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. वहीं, बीजद नेता की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

    दरअसल, यह घटना इस महीने की शुरुआत में 6 अक्टूबर की देर रात को घटी, जब दो बाइक सवार हमलावरों ने पीताबश की उनके बेरहामपुर स्थित आवास के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी. पीताबश ओडिशा के बार काउंसिल के सदस्य थे. उनकी हत्या के बाद पूरे राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर लोगों के बीच आक्रोश फैल गया है.

    आपराधिक साजिश के आरोप में बिक्रम की हुई गिरफ्तारी

    ओडिशा पुलिस ने इस हत्या के बाद की गई कार्रवाई की जानकारी दी. पुलिस ने कहा कि बिक्रम पांडा को मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) की देर रात उसके गजपतिनगर स्थित आवास से आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बिक्रम पांडा के साथ-साथ पुलिस ने बेरहामपुर के पूर्व मेयर शिबा शंकर दास, एक पूर्व कॉरपोरेट और 9 अन्य लोगों ने इस मामले में गिरफ्तार किया है. जिसके बाद सभी आरोपियों को बेरहामपुर की लोकल कोर्ट में पेश किया गया.

    हत्या में शामिल चार आरोपी अभी भी फरार

    इस हत्या के चार आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं, जिनमें पीताबश पर हमला करने वाले हमलावर भी शामिल हैं. पुलिस को शक है कि इस हत्या के पीछे निजी दुश्मनी, राजनीतिक महत्वकांक्षा और व्यापार से जुड़े विवाद जैसी वजहें हैं. जांच में पैसों के लेनदेन से जुड़ा एक मामले का भी जिक्र किया गया है, जो पूर्व विधायक और मृतक के बीच हुआ था. वहीं, पुलिस ने इस हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों को गंजाम-पुरी सीमा के पास समुद्र के किनारे से बरामद कर लिया है.

    आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे- मुख्यमंत्री

    भाजपा नेता पीताबश पांडा की हत्या का मामला ओडिशा की भाजपा सरकार के लिए भी एक चुनौती बन गया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मांग की है कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए और एक तय समयसीमा के भीतर इसकी जांच पूरी हो. मामले को लेकर राज्यभर के वकील हड़ताल पर हैं. जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को ऐसी सजा दिलाएंगे, जो अपराधियों के लिए एक उदाहरण होगा.

    यह भी पढे़ंः जब कोई नेता खुद मैदान में उतरने से कतराता है तो…’, प्रशांत किशोर पर चिराग पासवान ने साधा निशाना

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • Neeraj Chopra Army: सिर्फ नीरज नहीं, 'लेफ्टिनेंट कर्नल' नीरज चोपड़ा कहिए जनाब, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया सम्मान

    Neeraj Chopra Army: सिर्फ नीरज नहीं, 'लेफ्टिनेंट कर्नल' नीरज चोपड़ा कहिए जनाब, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया सम्मान

    भारत के स्टार ओलंपिक एथलीट नीरज चोपड़ा को बुधवार को भारतीय सेना में ‘लेफ्टिनेंट कर्नल’ पद मिला है. नीरज को यह सम्मान खेलों में बड़ी उपलब्धियों और युवाओं को प्रेरित करने के लिए दिया गया. उन्हें यह पद दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की उपस्थिति में दिया गया. बता दें कि नीरज चोपड़ा ने बतौर नायब सूबेदार 2016 में भारतीय सेना में कदम रखा था. 2021 में उनका प्रमोशन हुआ, जिसके बाद उन्हें सूबेदार पद मिला था.

    द गैजेट ऑफ इंडिया के अनुसार यह नियुक्ति 16 अप्रैल से प्रभावी हो गई थी. 2016 में वो भारतीय सेना में शामिल हुए और एथलेटिक्स में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया. उसके 3 साल बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स में मेंस जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस एक जीत से उन्होंने भारत के लाखों युवाओं को प्रेरित किया और 2021 में उन्हें खेल रत्न से सम्मानित किया गया था.

    नीरज चोपड़ा का भारतीय एथलेटिक्स में योगदान अतुलनीय रहा है. साल 2022 आया तब उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक मिला, जो भारतीय सेना द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च शांतिकालीन सम्मान है. इन सभी उपलब्धियों के बीच नीरज चोपड़ा के कारण भारत में एथलेटिक्स और जेवलिन थ्रो की एक लहर छा गई थी.

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • इन 5 बल्लेबाजों ने डेब्यू वनडे में ठोकी फिफ्टी, लेकिन फिर भी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला

    इन 5 बल्लेबाजों ने डेब्यू वनडे में ठोकी फिफ्टी, लेकिन फिर भी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला

    क्रिकेट की दुनिया में डेब्यू मैच में शानदार प्रदर्शन करने का सपना हर खिलाड़ी का होता है. अगर कोई खिलाड़ी अपने पहले ही वनडे मैच में अर्धशतक ठोक दे, तो उसे लगता है कि उसका करियर अब आगे बढ़ेगा, लेकिन कई ऐसे उदाहरण भी हैं, जहां खिलाड़ियों ने अपने डेब्यू मैच में कमाल का प्रदर्शन किया, पर उन्हें फिर कभी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला. उनकी एक पारी बेहतरीन होने के बावजूद उन्हें दोबारा टीम में शामिल नहीं किया गया, और वे गुमनामी की दुनिया में खो गए. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 दुर्भाग्यशाली बल्लेबाजों के बारे में, जिन्होंने वनडे डेब्यू में फिफ्टी तो लगाई, लेकिन उसके बाद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर थम गया.

    वनडे डेब्यू में फिफ्टी जड़ने वाले 5 बल्लेबाज

    1. किम बार्नेट – 84 रन 

    इंग्लैंड के बल्लेबाज किम बार्नेट के नाम एक वनडे मैच खेलने वाले बल्लेबाजों में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड है. बार्नेट ने 1988 में श्रीलंका के खिलाफ 84 रनों की शानदार पारी खेली थी. उन्होंने इस पारी में एक भी बाउंड्री नहीं लगाई थी. वह इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे. हालांकि, वह दोबारा कभी वनडे क्रिकेट नहीं खेले.

    2. बेन फॉक्स – 61 रन  

    इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज बेन फॉक्स का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. हालांकि फॉक्स ने इंग्लैंड के लिए 25 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन वनडे करियर का सफर केवल एक मैच तक ही सीमित रहा. फॉक्स ने 2019 में आयरलैंड के खिलाफ अपने एकमात्र वनडे मैच में 61 रनों की नाबाद पारी खेली थी.

    3. जुबैर हमजा – 56 रन 

    दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज जुबैर हमजा भी एकमात्र वनडे मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. साल 2021 में हमजा ने अपने डेब्यू वनडे मैच में 56 रनों की लाजवाब पारी खेली थी. हमजा 2021 में डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए थे, जिसके बाद उनपर बैन लग गया था. लेकिन वह अब क्रिकेट में वापसी कर चुके हैं. वापसी के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट मैच भी खेला.

    4. फैज फजल- 55 रन

    भारत के बल्लेबाज फैज फजल ने भी केवल एक वनडे मैच खेला है. फजल ने 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने 55 रनों की नाबाद पारी खेली थी. फैज के करियर का ये आखिरी मैच साबित हुआ और वह अब क्रिकेट से संन्यास भी ले चुके हैं.

    5. एशले वुडकॉक- 53 रन

    ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज एशले वुडकॉक का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है. वुडकॉक ने 1974 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला और आखिरी वनडे मैच क्राइस्टचर्च में खेला था, जिसमें उन्होंने 53 रनों की पारी खेली थी. 

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.

  • बिहार चुनाव: बीजेपी मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी से मिला चुनाव प्रचार का जखीरा, जब्त हुई कार

    बिहार चुनाव: बीजेपी मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी से मिला चुनाव प्रचार का जखीरा, जब्त हुई कार

    बिहार विधानसभा चुनाव के बीच दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. इस बीच एक नया और बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया है. बीजेपी के मंत्री और जाले विधानसभा के प्रत्याशी जीवेश मिश्रा के नाम से एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली है, जिसमें से भारी मात्रा में चुनावी प्रचार सामग्री बरामद हुई. इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

    सूचना के अनुसार, मस्का बाजार के पास धनकौल जाने वाली सड़क पर स्थानीय लोगों ने गाड़ी को रोका. गाड़ी में भारी संख्या में बीजेपी चिन्ह वाली घड़ियां, पंपलेट और अन्य प्रचार सामग्री मिली. आरोप था कि इन घड़ियों और प्रचार सामग्री को मतदाताओं में बांटकर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी.

    कांग्रेस के प्रत्याशी ऋषि मिश्रा मौके पर पहुंचे और खुद गाड़ी की जांच कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि इन घड़ियों और प्रचार सामग्री को मतदाताओं में बांटकर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. उनकी इस शिकायत के बाद जाले पुलिस मौके पर पहुंची और गाड़ी को जब्त कर थाने ले गई. पुलिस ने बरामद सामग्री की जांच शुरू कर दी है.

    बीजेपी प्रत्याशी और बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने कहा कि गाड़ी में मिली सामग्री पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त और बिल के साथ खरीदी गई प्रचार सामग्री है. उनका कहना है कि कांग्रेस और राजद गठबंधन जनता में कमजोर पड़ चुके हैं, इसलिए अब ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

    चुनाव के आखिरी दौर में ऐसे आरोप और विवाद आम हैं और अक्सर इसका असर मतदाताओं के मनोवृत्ति पर पड़ता है. जाले विधानसभा में यह घटना राजनीतिक माहौल को और गरमा गई है.

    स्थानीय लोगों का कहना है कि गाड़ी रोकने और जांच कराने का कदम सही था क्योंकि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि चुनाव में कानून और नियमों का पालन हो. पुलिस ने गाड़ी और बरामद सामग्री की जांच में कई घंटों तक काम किया और मामले के साक्ष्य जुटाए.

    इस घटना के बाद जाले विधानसभा क्षेत्र में चुनावी गतिविधियां और अधिक सक्रिय हो गई हैं. दोनों पक्ष अब जनता के बीच अपने संदेश और प्रचार को तेज कर रहे हैं. यह देखना बाकी है कि इस मामले का चुनाव परिणाम पर क्या असर पड़ता है.

    We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.