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  • इन 5 बल्लेबाजों ने डेब्यू वनडे में ठोकी फिफ्टी, लेकिन फिर भी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला

    इन 5 बल्लेबाजों ने डेब्यू वनडे में ठोकी फिफ्टी, लेकिन फिर भी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला

    क्रिकेट की दुनिया में डेब्यू मैच में शानदार प्रदर्शन करने का सपना हर खिलाड़ी का होता है. अगर कोई खिलाड़ी अपने पहले ही वनडे मैच में अर्धशतक ठोक दे, तो उसे लगता है कि उसका करियर अब आगे बढ़ेगा, लेकिन कई ऐसे उदाहरण भी हैं, जहां खिलाड़ियों ने अपने डेब्यू मैच में कमाल का प्रदर्शन किया, पर उन्हें फिर कभी दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला. उनकी एक पारी बेहतरीन होने के बावजूद उन्हें दोबारा टीम में शामिल नहीं किया गया, और वे गुमनामी की दुनिया में खो गए. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 दुर्भाग्यशाली बल्लेबाजों के बारे में, जिन्होंने वनडे डेब्यू में फिफ्टी तो लगाई, लेकिन उसके बाद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर थम गया.

    वनडे डेब्यू में फिफ्टी जड़ने वाले 5 बल्लेबाज

    1. किम बार्नेट – 84 रन 

    इंग्लैंड के बल्लेबाज किम बार्नेट के नाम एक वनडे मैच खेलने वाले बल्लेबाजों में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड है. बार्नेट ने 1988 में श्रीलंका के खिलाफ 84 रनों की शानदार पारी खेली थी. उन्होंने इस पारी में एक भी बाउंड्री नहीं लगाई थी. वह इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे. हालांकि, वह दोबारा कभी वनडे क्रिकेट नहीं खेले.

    2. बेन फॉक्स – 61 रन  

    इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज बेन फॉक्स का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. हालांकि फॉक्स ने इंग्लैंड के लिए 25 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन वनडे करियर का सफर केवल एक मैच तक ही सीमित रहा. फॉक्स ने 2019 में आयरलैंड के खिलाफ अपने एकमात्र वनडे मैच में 61 रनों की नाबाद पारी खेली थी.

    3. जुबैर हमजा – 56 रन 

    दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज जुबैर हमजा भी एकमात्र वनडे मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. साल 2021 में हमजा ने अपने डेब्यू वनडे मैच में 56 रनों की लाजवाब पारी खेली थी. हमजा 2021 में डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए थे, जिसके बाद उनपर बैन लग गया था. लेकिन वह अब क्रिकेट में वापसी कर चुके हैं. वापसी के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट मैच भी खेला.

    4. फैज फजल- 55 रन

    भारत के बल्लेबाज फैज फजल ने भी केवल एक वनडे मैच खेला है. फजल ने 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने 55 रनों की नाबाद पारी खेली थी. फैज के करियर का ये आखिरी मैच साबित हुआ और वह अब क्रिकेट से संन्यास भी ले चुके हैं.

    5. एशले वुडकॉक- 53 रन

    ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज एशले वुडकॉक का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है. वुडकॉक ने 1974 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला और आखिरी वनडे मैच क्राइस्टचर्च में खेला था, जिसमें उन्होंने 53 रनों की पारी खेली थी. 

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  • बिहार चुनाव: बीजेपी मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी से मिला चुनाव प्रचार का जखीरा, जब्त हुई कार

    बिहार चुनाव: बीजेपी मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी से मिला चुनाव प्रचार का जखीरा, जब्त हुई कार

    बिहार विधानसभा चुनाव के बीच दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. इस बीच एक नया और बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया है. बीजेपी के मंत्री और जाले विधानसभा के प्रत्याशी जीवेश मिश्रा के नाम से एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली है, जिसमें से भारी मात्रा में चुनावी प्रचार सामग्री बरामद हुई. इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

    सूचना के अनुसार, मस्का बाजार के पास धनकौल जाने वाली सड़क पर स्थानीय लोगों ने गाड़ी को रोका. गाड़ी में भारी संख्या में बीजेपी चिन्ह वाली घड़ियां, पंपलेट और अन्य प्रचार सामग्री मिली. आरोप था कि इन घड़ियों और प्रचार सामग्री को मतदाताओं में बांटकर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी.

    कांग्रेस के प्रत्याशी ऋषि मिश्रा मौके पर पहुंचे और खुद गाड़ी की जांच कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि इन घड़ियों और प्रचार सामग्री को मतदाताओं में बांटकर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. उनकी इस शिकायत के बाद जाले पुलिस मौके पर पहुंची और गाड़ी को जब्त कर थाने ले गई. पुलिस ने बरामद सामग्री की जांच शुरू कर दी है.

    बीजेपी प्रत्याशी और बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने कहा कि गाड़ी में मिली सामग्री पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त और बिल के साथ खरीदी गई प्रचार सामग्री है. उनका कहना है कि कांग्रेस और राजद गठबंधन जनता में कमजोर पड़ चुके हैं, इसलिए अब ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

    चुनाव के आखिरी दौर में ऐसे आरोप और विवाद आम हैं और अक्सर इसका असर मतदाताओं के मनोवृत्ति पर पड़ता है. जाले विधानसभा में यह घटना राजनीतिक माहौल को और गरमा गई है.

    स्थानीय लोगों का कहना है कि गाड़ी रोकने और जांच कराने का कदम सही था क्योंकि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि चुनाव में कानून और नियमों का पालन हो. पुलिस ने गाड़ी और बरामद सामग्री की जांच में कई घंटों तक काम किया और मामले के साक्ष्य जुटाए.

    इस घटना के बाद जाले विधानसभा क्षेत्र में चुनावी गतिविधियां और अधिक सक्रिय हो गई हैं. दोनों पक्ष अब जनता के बीच अपने संदेश और प्रचार को तेज कर रहे हैं. यह देखना बाकी है कि इस मामले का चुनाव परिणाम पर क्या असर पड़ता है.

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  • इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले 7 कप्तान, टेस्ट-वनडे-टी20 में 'डेब्यू' फेल

    इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले 7 कप्तान, टेस्ट-वनडे-टी20 में 'डेब्यू' फेल

    Captains Who Lost Their First Match In Tests, ODIs and T20Is: किसी भी खिलाड़ी के लिए बतौर कप्तान पहला मैच बहुत खास होता है. हर कप्तान अपना पहला मैच जीत के साथ शुरू करना चाहता है, लेकिन कुछ ऐसे कप्तान हैं, जिनकी कप्तानी की शुरुआत हार के साथ हुई है. जब ये हार तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल) में हो, तब ये एक अनचाहा रिकॉर्ड बन जाता है. हाल ही में भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल भी इस अनचाही लिस्ट में शामिल हो गए हैं. गिल से पहले इस लिस्ट में कई दिग्गज खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं. यहां हम आपको ऐसे ही 7 कप्तानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने कप्तानी करियर की शुरुआत हार के साथ की थी. 

    इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले 7 कप्तान

    1. विराट कोहली (भारत)

    भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले पहले भारतीय कप्तान हैं.

    टेस्ट: 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपने पहले टेस्ट में कोहली की कप्तानी में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

    वनडे: 2013 में श्रीलंका के खिलाफ किंग्सटन में पहले वनडे मैच में भारत हार गया था.

    टी20: 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर में अपने पहले टी20 मैच में भी कोहली की टीम को हार मिली थी.

    2. शुभमन गिल (भारत)

    भारत के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले दूसरे भारतीय कप्तान हैं.

    टी20: 6 जुलाई 2024 को जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेले गए टी20 मैच में शुभमन गिल ने पहली बार टी20 टीम की कप्तानी की, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

    टेस्ट: गिल की कप्तानी में 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में अपने पहले टेस्ट में भारत को हार मिली थी.

    वनडे: 19 अक्टूबर 2025 को पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले वनडे में भी गिल की कप्तानी में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

    3. स्टीफन फ्लेमिंग (न्यूजीलैंड)

    इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले स्टीफन फ्लेमिंग पहले न्यूजीलैंड के कप्तान हैं.

    टेस्ट: 1997 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में फ्लेमिंग की कप्तानी में न्यूजीलैंड को हार मिली थी.

    वनडे: 1997 में श्रीलंका के खिलाफ अपने पहले वनडे मैच में भी टीम को हार का सामना करना पड़ा था.

    टी20: 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टी20 मैच में फ्लेमिंग की कप्तानी में भी न्यूजीलैंड को हार मिली थी.

    4. ब्रेंडन मैकुलम (न्यूजीलैंड)

    इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले ब्रेंडन मैकुलम दूसरे न्यूजीलैंड के कप्तान हैं.

    टेस्ट: 2013 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में मैकुलम की कप्तानी में न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा था.

    वनडे: 2009 में भारत के खिलाफ अपने पहले वनडे में भी न्यूजीलैंड टीम को हार मिली थी.

    टी20: 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टी20 मैच में भी मैकुलम की कप्तानी में टीम को हार का सामना करना पड़ा था.

    5. मोहम्मद रिजवान (पाकिस्तान)

    पाकिस्तान के विकेटकीपर-बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले इकलौते पाकिस्तानी कप्तान हैं.

    टेस्ट: 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था.

    वनडे: 2021 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले वनडे में भी पाकिस्तान टीम को हार मिली थी.

    टी20: 2020 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले टी20 में रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था.

    6. जेसन होल्डर (वेस्टइंडीज)

    वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर जेसन होल्डर इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले इकलौते वेस्टइंडीज के कप्तान हैं.

    टेस्ट: 2015 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में होल्डर की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हार का सामना करना पड़ा था.

    वनडे: 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले वनडे में भी वेस्टइंडीज टीम को हार मिली थी.

    टी20: 2021 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले टी20 में होल्डर की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हार का सामना करना पड़ा था.

    7. तिलकरत्ने दिलशान (श्रीलंका)

    श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पहला मैच हारने वाले इकलौते श्रीलंकाई कप्तान हैं.

    टेस्ट: 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में दिलशान की कप्तानी में श्रीलंका को हार का सामना करना पड़ा था.

    वनडे: 2010 में भारत के खिलाफ अपने पहले वनडे में भी श्रीलंकाई टीम को हार मिली थी.

    टी20: 2008 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले टी20 में दिलशान की कप्तानी में श्रीलंका को हार का सामना करना पड़ा था.

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  • आगरा की इन चीजों से कम पैसों में शुरू हो जाएगा कारोबार, रोजाना होगा 5 गुना मुनाफा

    आगरा की इन चीजों से कम पैसों में शुरू हो जाएगा कारोबार, रोजाना होगा 5 गुना मुनाफा

    ताजमहल के नाम से जाना जाने वाला आगरा हमेशा से टूरिस्ट हॉटस्पॉट रहा है. यहां के कल्चर की ब्यूटी और यहां का ट्रेडिशन लोगों को अट्रैक्ट करता रहा है. इसके अलावा आगरा ट्रेड और क्राफ्ट्समैनशिप का भी हब है. दरअसल, आगरा के कई छोटे कारीगर इन्हीं डिफरेंट कामों को करके अपना गुजारा करते हैं. 

    ऐसे में आगरा बिजनेस के नजरिए से एक बेहतरीन जगह है. यह आपको छोटा कारोबार शुरू करने के लिए एक से एक यूनिक आइडियाज और चीज मिल जाएंगी फिर चाहे वो मार्बल का काम हो, हैंडीक्राफ्ट का या फिर यह की फेमस मिठाइयों का. आइए जानते हैं आगरा की ऐसी चीजों के बारे में, जिनसे आप भी कम पैसों में अपना छोटा बिजनेस शुरू कर सकते हैं और अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.

    आगरा अपने लेदर इंडस्ट्री के लिए काफी मशहूर है. यह मिलने वाले हाइ क्वालिटी लेदर से कई तरह के लेदर गुड्स बनाए जाते हैं. ऐसे में आप भी लेदर हैंडक्राफ्टेड प्रोडक्ट्स का बिजनेस कर सकते हैं. इसमें लेदर बैग्स, वॉलेट, बेल्ट्स सभी का अच्छा बिजनेस किया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को आजकल यूनिक और लक्जरी आइटम्स बेहद पसंद आते हैं और इनकी डिमांड भी काफी ज्यादा होती है. इसे आप कम पैसों में भी शुरू कर सकते हैं और अच्छा खासा काम सकते हैं.

    आगरा का कपड़ा भी काफी फेमस है. यह का लोकल टेक्सटाइल और फैब्रिक यहां रहने वाले लेकल्स और घूमने आने टूरिस्ट दोनों की पहली पसंद है. ऐसे में आप कम पैसों में यहां से कपड़ा खरीदकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं. आप चाहे तो इसके लिए डायरेक्ट विवर्स और कपड़ा बनाने वालों से भी कॉन्टैक्ट करके इसे खरीद सकते है जिससे ये आपको और सस्ता पड़ेगा और इससे आने वाले पैसे आपको अच्छा खासा प्रॉफिट कमाने में मदद करेंगे.

    आगरा की शान पेठा पूरे भारत में मशहूर है. ऐसे में पैठे और यह की कई और फेमस मिठाइयों का बिजनेस भी काफी प्रॉफिटेबल है. यहां पर आने वाले टूरिस्ट के साथ साथ लोकल्स भी इसकी डिमांड करते हैं. इसमें अलावा इसका होलसेल का काम भी बेहद प्रॉफिटेबल है और इसे सस्ते दामों में शुरू किया जा सकता है.

    आगरा का वुडन हैंडीक्राफ्ट भी काफी बेहतरीन और यूनिक है. ऐसे में आप इसका बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं. आप ये हैंडीक्राफ्ट बनाने वालों से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट कर सकते हैं और उनसे बल्क में ये सामान खरीद सकते हैं. मार्केट में इसकी अच्छी डिमांड होती है क्योंकि इसमें घर की सजावट के लिए यूनिक आइटम्स होते हैं जो खरीदारों को काफी पसंद आते है. इसमें आप कम इन्वेस्टमेंट से अच्छा बिजनेस कर सकते हैं. 

    आगरा में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी अच्छा स्कोप है. यहां पर मिलने वाले स्पेयर पार्ट्स से भी अच्छा बिजनेस शुरू किया जा सकता है. इनमें आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है और बिजनेस भी बिजनेस चलेगा.

    इसे भी पढ़ें: इस राज्य में बंद हो गए मैनुअल स्टाम्प, अब खुद जनरेट कर सकते हैं ई-स्टाम्प; जानें पूरी प्रक्रिया

    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • अद्भुत… अलौकिक… आश्चर्य… हिंदू भजन पर लड़की ने किया जोरदार नृत्य, वीडियो देख आप भी करेंगे नमन

    अद्भुत… अलौकिक… आश्चर्य… हिंदू भजन पर लड़की ने किया जोरदार नृत्य, वीडियो देख आप भी करेंगे नमन

    सोशल मीडिया की इस दुनिया में हर दिन नए-नए वीडियो सामने आते हैं. कुछ हंसाते हैं, कुछ रुलाते हैं और कुछ सीधे दिल को छू जाते हैं. हाल ही में एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर लोग न सिर्फ तारीफ कर रहे हैं बल्कि इमोशनल भी हो रहे हैं. ये वीडियो खास है, क्योंकि इसमें एक युवा लड़की बेहद सुंदर तरीके से एक भक्ति गीत, यानी एक हिंदू भजन की धुन पर नृत्य कर रही है. उसका नृत्य सिर्फ एक परफॉर्मेंस नहीं है, बल्कि वह हर एक मूवमेंट के साथ जैसे भगवान को याद कर रही हो, यही वजह है कि यह वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया है और लाखों लोग इसे देख चुके हैं. 

    क्या है इस वायरल वीडियो में खास?

    इस वीडियो में एक लड़की को गणेश जी के भजन की धुन पर पारंपरिक भारतीय नृत्य करते हुए देखा जा सकता है. उसकी हर एक पोजीशन, उसका कॉन्फिडेंस और क्लासिकल डांस ने लोगों का दिल जीत लिया है. ये डांस किसी आम रील की तरह नहीं है, जहां सिर्फ स्टाइल दिखाया जाए, इसमें भावना है, भक्ति है और भारतीय संस्कृति की झलक है. ऐसा लग रहा है जैसे उसके नृत्य के हर कदम में एक प्रार्थना छुपी हो. 

    इस इमोशनल कर देने वाले वीडियो को Arpit Gupta, यूजरनेम @ag_arpit1 ने एक्स पर शेयर किया है. उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए एक बहुत ही सुंदर लाइन लिखी कि She dances with the soul of a Sanatani bhajan, each move a silent prayer, eclipsing the trivial dance of reels. यह कैप्शन खुद इस वीडियो की गहराई को दिखाता है. 

    She dances with the soul of a Sanatani bhajan, each move a silent prayer, eclipsing the trivial dance of reels. 🔥 pic.twitter.com/vqUge3qRpL

    लोगों ने किए जबरदस्त कमेंट्स 

    इस वीडियो को देखते ही सोशल मीडिया पर जैसे तारीफों की बाढ़ लग गई. यूजर्स ने इसे आध्यात्मिक, भावनात्मक, पवित्र और कलात्मक कहा है. कई लोगों ने लिखा कि लड़की का नृत्य देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए. कुछ ने यह भी कहा कि यह डांस की तरह सोशल मीडिया पर भी कुछ सच्चे और मोटिवेशनल कंटेंट देखे जा सकते हैं. एक यूजर्स ने कमेंट किया कि इतना सुंदर डांस बहुत कम देखने को मिलता है, तो दूसरे यूजर ने लिखा कि ये सिर्फ डांस नहीं, एक आराधना है. वहीं कुछ यूजर कमेंट कर रहे हैं कि आजकल के रील्स में भक्ति और क्लासिकल टच की कमी होती है, लेकिन इस लड़की ने दिल जीत लिया. 

    यह भी पढ़ें: हम आपके हैं कौन’ गाने पर नन्हीं बच्चियों ने मेट्रो में किया डांस! यूजर्स बोले, इससे प्यारा कुछ नहीं- वीडियो वायरल

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  • Bihar Chunav: विधायक बनने की रेस में पूर्व सांसद! बिहार के चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे 14 Ex-MP; किस दल ने कितनों को दिया टिकट?

    Bihar Chunav: विधायक बनने की रेस में पूर्व सांसद! बिहार के चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे 14 Ex-MP; किस दल ने कितनों को दिया टिकट?

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एक ओर युवा नेताओं और नए चेहरों को जगह देने की बात चल रही थी, वहीं कई पुराने और अनुभवी नेता फिर से सक्रिय हो गए हैं. इस बार 14 पूर्व सांसद चुनावी मैदान में अलग-अलग दलों की टिकट पर उतरे हुए हैं. इसने पूरे चुनावी माहौल को और रोमांचक बना दिया है. JDU ने सबसे ज्यादा 5, RJD ने 4, BJP और जनसुराज ने दो-दो, जबकि AIMIM ने एक पूर्व सांसद पर भरोसा जताया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार दलों ने अनुभव और जनाधार को सबसे बड़ी पूंजी के रूप में देखा है.

    भाजपा ने अपने दो पूर्व सांसदों को फिर से चुनावी रण में भेजा है. दानापुर से रामकृपाल यादव मैदान में हैं, जो पहले पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. पार्टी को उम्मीद है कि उनकी लोकप्रियता इस बार विधानसभा में जीत का रास्ता खोलेगी. दूसरी ओर, सीतामढ़ी से सुनील पिंटू को उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने पहले जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में भाजपा से जुड़ गए. अब वही सीट उनके राजनीतिक भविष्य का नया परीक्षण बन गई है.

    JDU की रणनीति में अनुभव सबसे आगे

    नीतीश कुमार की अगुवाई वाली JDU ने इस बार सबसे अधिक पूर्व सांसदों पर भरोसा जताया है. पार्टी के लिए यह चुनाव संगठन की मजबूती और जनाधार के विस्तार का अवसर माना जा रहा है. जहानाबाद, गोपालपुर, काराकाट, कदवा और समस्तीपुर से उतारे गए उम्मीदवारों का अतीत सशक्त राजनीतिक अनुभव से भरा है. इन नामों के जरिये JDU यह संदेश देना चाहती है कि उसकी राजनीति सिर्फ गठबंधन पर नहीं, बल्कि स्थानीय जनसंपर्क और भरोसे पर आधारित है.

    RJD ने पूर्व सांसदों को दिया मौका

    राष्ट्रीय जनता दल ने भी अपने पुराने दिग्गजों पर भरोसा दोहराया है. झाझा, मोकामा, बिहारीगंज और धमदाहा से उतारे गए उम्मीदवार पहले संसद में रह चुके हैं और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन चेहरों के अनुभव और स्थानीय प्रभाव से संगठन को स्थायित्व मिलेगा. इस बार राजद की रणनीति साफ है परंपरा और लोकप्रियता के सहारे सत्ता में वापसी का रास्ता बनाना.

    जनसुराज और AIMIM की अलग राह

    बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा के साथ उभर रही जनसुराज पार्टी ने भी पूर्व सांसदों पर दांव लगाया है. अररिया से सरफराज आलम और गया टाउन से धीरेंद्र अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है. गया में मुकाबला दिलचस्प हो गया है क्योंकि भाजपा के प्रेम कुमार और जनसुराज के अग्रवाल के बीच सीधा संघर्ष दिख रहा है. AIMIM ने मुंगेर से मोनाजिर हसन को टिकट दिया है, जो पहले वहां के सांसद रह चुके हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत प्रभाव रखते हैं.

    पुराना अनुभव बनाम नया जोश

    बिहार चुनाव 2025 में इस बार का मुख्य प्रश्न यही है कि जनता अनुभव पर भरोसा करेगी या नए चेहरों को मौका देगी. सभी दलों ने इस बार युवाओं और दिग्गजों का मिश्रण तैयार किया है. पुराने सांसद अपने अनुभव को पूंजी मानते हैं, जबकि नए उम्मीदवार जनता से बदलाव की अपील कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की जनता इस बार सिर्फ वादों से नहीं, बल्कि काम के रिकॉर्ड पर अपना निर्णय करेगी.

    ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में बड़ी चूक! लैंडिंग के वक्त हेलीपैड पर धंसे हेलीकॉप्टर के पहिए, Video

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  • Bhediya 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का होगा क्लैश? जान लीजिए पूरा अपडेट

    Bhediya 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का होगा क्लैश? जान लीजिए पूरा अपडेट

    आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना ने दिवाली पर धमाल मचा दिया है. उनकी फिल्म ‘थामा’ सिनेमाघरों पर रिलीज हुई है और आते ही हर जगह छा गई है. ‘थामा’ में आयुष्मान और रश्मिका के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी, परेश रावल भी अहम किरदार निभाते नजर आए हैं. ये मैडॉक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स की फिल्म है. फिल्म में एक सीन ऐसा दिखाया गया है जिसे देखकर लोग कह रहे हैं कि वरुण धवन की भेड़िया 2 में आयुष्मान खुराना भी नजर आने वाले हैं.

    वरुण धवन की भेड़िया साल 2022 में आई थी. जिसमें वो एक भेड़िया बने थे. वेयरवोल्फ आयुष्मान खुराना यानि आलोक से ‘थामा’ में लड़ाई करता है, जो एक पिशाच जैसा प्राणी है और बेताल के नाम से जाना जाता है.

    ये होगा ट्विस्ट
    बता दें वरुण धवन स्त्री 2 में भी नजर आए थे. स्त्री 2 में ही जना यानी अभिषेक बनर्जी ने बताया था कि वरुण को जो चोट लगी है उसकी वजह से उसने वेयरवोल्फ में बदलने की क्षमता खो दी है. अपनी ताकत वापस पाने के लिए उसे बेताल के खून की ज़रूरत है. आलोक का खून भास्कर की क्षमताओं को बढ़ाता है, जिससे एक ज़ोरदार टकराव होता है. 

    ‘थामा’ में कही गई ये बात
    ‘थामा’ के आखिर में बेताल ग्रुप का एक शख्स आलोक से कहता है कि अगर उसे यक्षसन से युद्ध लड़ना है तो उसे पहले वेयरवोल्फ का खून प्राप्त करना होग जिसे सरकटा द्वारा शापित गुफा से बचाया जाता है. इतने सारे हिंट के बाद ये लगने लगा है कि भेड़िया 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का क्लैश होता नजर आएगा.भेड़िया 2 में वेयरवोल्फ और बेताल का क्लैश लोगों को खूब हंसाने वाला भी है.

    ‘थामा’ के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने पहले दिन ही 24 करोड़ का कलेक्शन करके कई फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ‘थामा’ लोगों को खूब एंटरटेन कर रही है.

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  • न कोई एयरपोर्ट और न नोट छापने की मशीन… फिर कैसे दुनिया के अमीर देशों में शामिल है 40 हजार की आबादी वाला देश?

    न कोई एयरपोर्ट और न नोट छापने की मशीन… फिर कैसे दुनिया के अमीर देशों में शामिल है 40 हजार की आबादी वाला देश?

    किसी देश की सफलता का पैमाना अकसर उसकी सेना की ताकत, भूभाग के विस्तार या आर्थिक स्वतंत्रता से लगाया जाता है, लेकिन यूरोप का छोटा-सा देश लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) इस सोच को पूरी तरह पलट देता है. यह देश न केवल अपने सीमित संसाधनों के बावजूद समृद्ध है, बल्कि दुनिया के सबसे स्थिर और अमीर देशों में गिना जाता है. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक अद्भुत हकीकत है. एक ऐसा देश जो न अपनी मुद्रा छापता है न उसके पास कोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, फिर भी उसकी प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) दुनिया में सबसे ऊंची है. लिकटेंस्टीन की सफलता का रहस्य यह नहीं कि उसने सब कुछ बनाया, बल्कि यह कि उसने जो कुछ था, उसका सबसे अच्छा उपयोग किया.

    ज्यादातर देश अपनी संप्रभुता के प्रतीकों मुद्रा, भाषा और राष्ट्रीय एयरलाइन को बड़ी सावधानी से बचाते हैं, लेकिन लिकटेंस्टीन ने इसके उलट रास्ता अपनाया. इसने अपने पड़ोसी स्विट्जरलैंड की ओर देखा और एक बेहद व्यावहारिक फैसला लिया अगर किसी चीज को उधार लेकर बेहतर चलाया जा सकता है तो क्यों नहीं?” देश ने अपनी करेंसी बनाने के बजाय स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) को अपनाया, जिससे उसे एक मजबूत और स्थिर आर्थिक ढांचा मिला. इस कदम से लिकटेंस्टीन को न तो महंगे केंद्रीय बैंक की जरूरत पड़ी और न ही मुद्रा प्रबंधन का बोझ उठाना पड़ा. इसी तरह, हवाई अड्डा बनाने के बजाय उसने स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया के परिवहन नेटवर्क का उपयोग किया, जिससे अरबों डॉलर की बचत हुई.

    क्या है लिकटेंस्टीन की असली ताकत?

    लिकटेंस्टीन को यूरोप का अमीर देश कहा जाता है तो लोगों के मन में अकसर सिक्रेट बैंक अकाउंट्स की छवि आती है, लेकिन लिकटेंस्टीन की असली संपत्ति उद्योग और नवाचार में है. यह देश सटीक इंजीनियरिंग (Precision Engineering) में दुनिया का अग्रणी है. यहां दांत चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले सूक्ष्म ड्रिल से लेकर अंतरिक्ष तकनीक और ऑटोमोबाइल पार्ट्स तक बनाए जाते हैं. यहीं से जन्मी कंपनी Hilti, जो निर्माण उपकरणों में वैश्विक नेता है लिकटेंस्टीन के औद्योगिक सामर्थ्य का सबसे बड़ा प्रतीक है. यहां इतनी कंपनियां हैं कि जनसंख्या से ज़्यादा पंजीकृत फर्में मौजूद हैं. परिणामस्वरूप, यहाँ बेरोजगारी लगभग शून्य है और नागरिकों की आमदनी लगातार बढ़ रही है.

    कर्ज-मुक्त देश और अपराध-रहित समाज

    लिकटेंस्टीन केवल आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बेहद स्थिर है. देश पर लगभग कोई कर्ज नहीं है और यहां की सरकार राजस्व अधिशेष (Surplus Budget) चलाती है. सबसे दिलचस्प तथ्य है कि पूरे देश में मुश्किल से कुछ ही कैदी हैं. लोगों के बीच इतना विश्वास है कि यहां के नागरिक रात में अपने घरों के दरवाजे बंद नहीं करते. यह सिर्फ धन का प्रतीक नहीं, बल्कि सुरक्षा और शांति का चरम स्तर है. जहां बाकी दुनिया अपराध और असुरक्षा से जूझ रही है, लिकटेंस्टीन ने दिखाया है कि असली संपन्नता डर से मुक्त जीवन में है.

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