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  • Bihar Chunav: विधायक बनने की रेस में पूर्व सांसद! बिहार के चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे 14 Ex-MP; किस दल ने कितनों को दिया टिकट?

    Bihar Chunav: विधायक बनने की रेस में पूर्व सांसद! बिहार के चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे 14 Ex-MP; किस दल ने कितनों को दिया टिकट?

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एक ओर युवा नेताओं और नए चेहरों को जगह देने की बात चल रही थी, वहीं कई पुराने और अनुभवी नेता फिर से सक्रिय हो गए हैं. इस बार 14 पूर्व सांसद चुनावी मैदान में अलग-अलग दलों की टिकट पर उतरे हुए हैं. इसने पूरे चुनावी माहौल को और रोमांचक बना दिया है. JDU ने सबसे ज्यादा 5, RJD ने 4, BJP और जनसुराज ने दो-दो, जबकि AIMIM ने एक पूर्व सांसद पर भरोसा जताया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार दलों ने अनुभव और जनाधार को सबसे बड़ी पूंजी के रूप में देखा है.

    भाजपा ने अपने दो पूर्व सांसदों को फिर से चुनावी रण में भेजा है. दानापुर से रामकृपाल यादव मैदान में हैं, जो पहले पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. पार्टी को उम्मीद है कि उनकी लोकप्रियता इस बार विधानसभा में जीत का रास्ता खोलेगी. दूसरी ओर, सीतामढ़ी से सुनील पिंटू को उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने पहले जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में भाजपा से जुड़ गए. अब वही सीट उनके राजनीतिक भविष्य का नया परीक्षण बन गई है.

    JDU की रणनीति में अनुभव सबसे आगे

    नीतीश कुमार की अगुवाई वाली JDU ने इस बार सबसे अधिक पूर्व सांसदों पर भरोसा जताया है. पार्टी के लिए यह चुनाव संगठन की मजबूती और जनाधार के विस्तार का अवसर माना जा रहा है. जहानाबाद, गोपालपुर, काराकाट, कदवा और समस्तीपुर से उतारे गए उम्मीदवारों का अतीत सशक्त राजनीतिक अनुभव से भरा है. इन नामों के जरिये JDU यह संदेश देना चाहती है कि उसकी राजनीति सिर्फ गठबंधन पर नहीं, बल्कि स्थानीय जनसंपर्क और भरोसे पर आधारित है.

    RJD ने पूर्व सांसदों को दिया मौका

    राष्ट्रीय जनता दल ने भी अपने पुराने दिग्गजों पर भरोसा दोहराया है. झाझा, मोकामा, बिहारीगंज और धमदाहा से उतारे गए उम्मीदवार पहले संसद में रह चुके हैं और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन चेहरों के अनुभव और स्थानीय प्रभाव से संगठन को स्थायित्व मिलेगा. इस बार राजद की रणनीति साफ है परंपरा और लोकप्रियता के सहारे सत्ता में वापसी का रास्ता बनाना.

    जनसुराज और AIMIM की अलग राह

    बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा के साथ उभर रही जनसुराज पार्टी ने भी पूर्व सांसदों पर दांव लगाया है. अररिया से सरफराज आलम और गया टाउन से धीरेंद्र अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है. गया में मुकाबला दिलचस्प हो गया है क्योंकि भाजपा के प्रेम कुमार और जनसुराज के अग्रवाल के बीच सीधा संघर्ष दिख रहा है. AIMIM ने मुंगेर से मोनाजिर हसन को टिकट दिया है, जो पहले वहां के सांसद रह चुके हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत प्रभाव रखते हैं.

    पुराना अनुभव बनाम नया जोश

    बिहार चुनाव 2025 में इस बार का मुख्य प्रश्न यही है कि जनता अनुभव पर भरोसा करेगी या नए चेहरों को मौका देगी. सभी दलों ने इस बार युवाओं और दिग्गजों का मिश्रण तैयार किया है. पुराने सांसद अपने अनुभव को पूंजी मानते हैं, जबकि नए उम्मीदवार जनता से बदलाव की अपील कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की जनता इस बार सिर्फ वादों से नहीं, बल्कि काम के रिकॉर्ड पर अपना निर्णय करेगी.

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  • Bhediya 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का होगा क्लैश? जान लीजिए पूरा अपडेट

    Bhediya 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का होगा क्लैश? जान लीजिए पूरा अपडेट

    आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना ने दिवाली पर धमाल मचा दिया है. उनकी फिल्म ‘थामा’ सिनेमाघरों पर रिलीज हुई है और आते ही हर जगह छा गई है. ‘थामा’ में आयुष्मान और रश्मिका के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी, परेश रावल भी अहम किरदार निभाते नजर आए हैं. ये मैडॉक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स की फिल्म है. फिल्म में एक सीन ऐसा दिखाया गया है जिसे देखकर लोग कह रहे हैं कि वरुण धवन की भेड़िया 2 में आयुष्मान खुराना भी नजर आने वाले हैं.

    वरुण धवन की भेड़िया साल 2022 में आई थी. जिसमें वो एक भेड़िया बने थे. वेयरवोल्फ आयुष्मान खुराना यानि आलोक से ‘थामा’ में लड़ाई करता है, जो एक पिशाच जैसा प्राणी है और बेताल के नाम से जाना जाता है.

    ये होगा ट्विस्ट
    बता दें वरुण धवन स्त्री 2 में भी नजर आए थे. स्त्री 2 में ही जना यानी अभिषेक बनर्जी ने बताया था कि वरुण को जो चोट लगी है उसकी वजह से उसने वेयरवोल्फ में बदलने की क्षमता खो दी है. अपनी ताकत वापस पाने के लिए उसे बेताल के खून की ज़रूरत है. आलोक का खून भास्कर की क्षमताओं को बढ़ाता है, जिससे एक ज़ोरदार टकराव होता है. 

    ‘थामा’ में कही गई ये बात
    ‘थामा’ के आखिर में बेताल ग्रुप का एक शख्स आलोक से कहता है कि अगर उसे यक्षसन से युद्ध लड़ना है तो उसे पहले वेयरवोल्फ का खून प्राप्त करना होग जिसे सरकटा द्वारा शापित गुफा से बचाया जाता है. इतने सारे हिंट के बाद ये लगने लगा है कि भेड़िया 2 में आयुष्मान खुराना और वरुण धवन का क्लैश होता नजर आएगा.भेड़िया 2 में वेयरवोल्फ और बेताल का क्लैश लोगों को खूब हंसाने वाला भी है.

    ‘थामा’ के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने पहले दिन ही 24 करोड़ का कलेक्शन करके कई फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ‘थामा’ लोगों को खूब एंटरटेन कर रही है.

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  • न कोई एयरपोर्ट और न नोट छापने की मशीन… फिर कैसे दुनिया के अमीर देशों में शामिल है 40 हजार की आबादी वाला देश?

    न कोई एयरपोर्ट और न नोट छापने की मशीन… फिर कैसे दुनिया के अमीर देशों में शामिल है 40 हजार की आबादी वाला देश?

    किसी देश की सफलता का पैमाना अकसर उसकी सेना की ताकत, भूभाग के विस्तार या आर्थिक स्वतंत्रता से लगाया जाता है, लेकिन यूरोप का छोटा-सा देश लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) इस सोच को पूरी तरह पलट देता है. यह देश न केवल अपने सीमित संसाधनों के बावजूद समृद्ध है, बल्कि दुनिया के सबसे स्थिर और अमीर देशों में गिना जाता है. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक अद्भुत हकीकत है. एक ऐसा देश जो न अपनी मुद्रा छापता है न उसके पास कोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, फिर भी उसकी प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) दुनिया में सबसे ऊंची है. लिकटेंस्टीन की सफलता का रहस्य यह नहीं कि उसने सब कुछ बनाया, बल्कि यह कि उसने जो कुछ था, उसका सबसे अच्छा उपयोग किया.

    ज्यादातर देश अपनी संप्रभुता के प्रतीकों मुद्रा, भाषा और राष्ट्रीय एयरलाइन को बड़ी सावधानी से बचाते हैं, लेकिन लिकटेंस्टीन ने इसके उलट रास्ता अपनाया. इसने अपने पड़ोसी स्विट्जरलैंड की ओर देखा और एक बेहद व्यावहारिक फैसला लिया अगर किसी चीज को उधार लेकर बेहतर चलाया जा सकता है तो क्यों नहीं?” देश ने अपनी करेंसी बनाने के बजाय स्विस फ्रैंक (Swiss Franc) को अपनाया, जिससे उसे एक मजबूत और स्थिर आर्थिक ढांचा मिला. इस कदम से लिकटेंस्टीन को न तो महंगे केंद्रीय बैंक की जरूरत पड़ी और न ही मुद्रा प्रबंधन का बोझ उठाना पड़ा. इसी तरह, हवाई अड्डा बनाने के बजाय उसने स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया के परिवहन नेटवर्क का उपयोग किया, जिससे अरबों डॉलर की बचत हुई.

    क्या है लिकटेंस्टीन की असली ताकत?

    लिकटेंस्टीन को यूरोप का अमीर देश कहा जाता है तो लोगों के मन में अकसर सिक्रेट बैंक अकाउंट्स की छवि आती है, लेकिन लिकटेंस्टीन की असली संपत्ति उद्योग और नवाचार में है. यह देश सटीक इंजीनियरिंग (Precision Engineering) में दुनिया का अग्रणी है. यहां दांत चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले सूक्ष्म ड्रिल से लेकर अंतरिक्ष तकनीक और ऑटोमोबाइल पार्ट्स तक बनाए जाते हैं. यहीं से जन्मी कंपनी Hilti, जो निर्माण उपकरणों में वैश्विक नेता है लिकटेंस्टीन के औद्योगिक सामर्थ्य का सबसे बड़ा प्रतीक है. यहां इतनी कंपनियां हैं कि जनसंख्या से ज़्यादा पंजीकृत फर्में मौजूद हैं. परिणामस्वरूप, यहाँ बेरोजगारी लगभग शून्य है और नागरिकों की आमदनी लगातार बढ़ रही है.

    कर्ज-मुक्त देश और अपराध-रहित समाज

    लिकटेंस्टीन केवल आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बेहद स्थिर है. देश पर लगभग कोई कर्ज नहीं है और यहां की सरकार राजस्व अधिशेष (Surplus Budget) चलाती है. सबसे दिलचस्प तथ्य है कि पूरे देश में मुश्किल से कुछ ही कैदी हैं. लोगों के बीच इतना विश्वास है कि यहां के नागरिक रात में अपने घरों के दरवाजे बंद नहीं करते. यह सिर्फ धन का प्रतीक नहीं, बल्कि सुरक्षा और शांति का चरम स्तर है. जहां बाकी दुनिया अपराध और असुरक्षा से जूझ रही है, लिकटेंस्टीन ने दिखाया है कि असली संपन्नता डर से मुक्त जीवन में है.

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  • एयरपोर्ट पर बैग से Laptop निकालने को क्यों कहा जाता है? जानिए इसके पीछे की असली वजह

    एयरपोर्ट पर बैग से Laptop निकालने को क्यों कहा जाता है? जानिए इसके पीछे की असली वजह

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  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025: RJD के एक और प्रत्याशी का नामांकन रद्द! रोने लगीं श्वेता सुमन

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: RJD के एक और प्रत्याशी का नामांकन रद्द! रोने लगीं श्वेता सुमन

    कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सिंह ने दावा किया है कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. हालांकि अभी तक इस पर आधिकारिक रूप से जानकारी सामने नहीं आई है. उधर नामांकन रद्द की जानकारी चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने दी तो कार्यालय से बाहर निकलने के बाद श्वेता सुमन रोने लगीं.

    कहा जा रहा है कि बीजेपी द्वारा शिकायत के बाद जांच के आधार पर आयोग की ओर से यह कार्रवाई की गई है. शिकायत में दावा किया गया था कि श्वेता सुमन ने 2020 में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले का पता दाखिल किया था जबकि इस बार अपना पता बिहार दिखाया है. निर्वाचन अधिकारियों ने उपलब्ध दस्तावेजों और पिछले नामांकन रिकॉर्ड की पड़ताल कर यह फैसला लिया है.

    श्वेता सुमन ने कहा, “कल (मंगलवार) हम स्क्रूटनी में आए थे तो आज (बुधवार) का डेट दिया गया था जाति प्रमाण पत्र को लेकर, जम हम आज गए तो सबसे पहले ये कहा गया कि हमने आपका नामांकन रद्द कर दिया है और कुछ नहीं कर सकते. फिर भी मेरे वकील ने कहा कि जब आपने समय दिया है तो आपको सुनना होगा. जिस सीओ ने उसे (जाति प्रमाण पत्र) प्रमाणित किया था उसी ने सीओ ने रिजेक्ट कर दिया. अधिकारियों ने एक बात नहीं सुनी. कहा कि आप कोर्ट में जाइए.”

    इस पूरे मामले में श्वेता सुमन के वकील ने कहा, “एसडीओ को पावर नहीं है जाति प्रमाण पत्र की वैधता या डुप्लीकेसी की जांच करने का, ये स्क्रीनिंग कमेटी को पावर है. इलेक्शन के फॉर्म को स्वीकार करना चाहिए था. स्क्रीनिंग कमेटी का जो फैसला होता उसके बाद निर्णय होता है. जीता हुआ आदमी क्या कोर्ट में चुनाव नहीं हारता है?”

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  • दिल्ली में दीपावली के बाद मौसम खराब, बारिश से राहत की उम्मीद! जानें- कब तक हो सकती है आर्टिफिशयल रेन?

    दिल्ली में दीपावली के बाद मौसम खराब, बारिश से राहत की उम्मीद! जानें- कब तक हो सकती है आर्टिफिशयल रेन?

    दीपावली के बाद दिल्ली में मौसम का हाल खराब बना हुआ है. लोगों को प्रदूषण और कोहरे से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच दिल्ली सरकार और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण नियंत्रण और मौसम सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

    मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए तीन मुख्य कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा रहा है, निर्माण कार्यों को नियंत्रित किया जा रहा है ताकि पीएम 2.5 प्रदूषण घट सके और दिल्ली के भीतर मौजूदा उद्योगों पर निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग 3 करोड़ लोग रहते हैं और 50 किलोमीटर के दायरे में उनके आसपास के इलाके जैसे नोएडा, गाजियाबाद आदि का प्रदूषण भी राजधानी के वायु गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है.

    #WATCH | Delhi | On future measures being taken for the reduction of pollution, Delhi Environment Minister Manjinder Singh Sirsa says, “There are only three next steps. Vehicle pollution is being controlled. Construction is being controlled so that PM 2.5 can be controlled, and… https://t.co/om3EctNgFf pic.twitter.com/frfpIlvvnR

    मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कम होने पर यह लोगों के लिए बेहतर है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार प्रदूषण कम करने के लिए व्यापक योजना पर काम कर रही है. मंत्री सिरसा ने कहा कि उनका ‘वॉर रूम’ काफी बड़ा है और पूरे दिन इसका लगातार मॉनिटरिंग किया जाता है. हर विवरण को उच्च स्तर पर निगरानी में रखा जाता है ताकि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सही समय पर कार्रवाई की जा सके.

    सिरसा ने बताया कि प्रदूषण कम करने की रणनीतियों में से एक है क्लाउड सीडिंग या आर्टिफिशियल रेन तकनीक. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को लागू करने के बाद इसके परिणाम स्पष्ट होंगे और जब बारिश होगी, तो प्रदूषण में निश्चित रूप से कमी आएगी. उनका विश्वास है कि आकाशीय बारिश से राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी.

    विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली के बाद राजधानी में धुंध और स्मॉग का स्तर हमेशा बढ़ जाता है, इसलिए इस तरह के कदम आवश्यक हैं. दिल्ली सरकार की कोशिश है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ मौसम सुधार के उपायों से लोगों को तुरंत राहत मिले. आने वाले दिनों में क्लाउड सीडिंग और अन्य उपायों के प्रभाव का आम जनता अनुभव कर सकेगी.

    इस बीच नागरिकों से भी अपील की गई है कि वाहन उपयोग और निर्माण कार्यों में सावधानी बरतें और सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देशों का पालन करें, ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव हो सके.

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  • Govardhan Puja 2025: गोवर्धंन पूजा में क्यों लगाया जाता है 56 भोग? जाने धार्मिक रहस्य और अन्नकूट की परंपरा!

    Govardhan Puja 2025: गोवर्धंन पूजा में क्यों लगाया जाता है 56 भोग? जाने धार्मिक रहस्य और अन्नकूट की परंपरा!

    Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा का त्योहार आज हर जगह धूमधाम से मनाया जाएगा. हर साल इसे कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा पर मनाया जाता है. श्री कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की अलौकिक लीला पर ये पर्व समर्पित है.

    भक्त आज के दिन पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा करेंगे. कई जगह लोगों द्वारा श्री कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं की झलकियां भी निकाली जाएगी. पूजा के वक्त पर्वत के समक्ष कई विभिन्न तरह के अनाज जैसे- मिठाई, फल, दालें और सब्जियों से भोग तैयार किया जाता है.

    इससे ही अन्नकूट कहा जाता है. अन्नकूट का मतलब यानी अन्न का पर्वत. यह पर्वत भक्ति, निष्ठा और समृद्धि का प्रतीक है. 

    गोवर्धन पूजा के दिन पारंपरिक रूप से 56 प्रकार के भोग, भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है. जिससे छप्पन भोग का प्रसाद कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस प्रसाद का विशेष महत्व है, इस भोग को श्री कृष्ण की संपन्नता, उदारता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है.

    यह भोग जीवन में विविधता और संपन्नता लाता है. 56 तरह के भोग को अर्पित करने से सभी देवी-देवताओं की असीम कृपा प्राप्त होती है. जिससे जीवन में सुख-शांति और आर्थिक स्थित भी स्थिर रहती है. 

    56 भोगों की थाली में स्वाद और परंपरा का अद्भुत संगम होता है. इसमें माखन-मिश्री, शुद्ध देसी घी, चावल, गेहूं, मूंग, उड़द, मसूर, चना, राजमा, छोले जैसे अन्न और दालों के साथ-साथ आलू, लौकी, तुरई, भिंडी, गवार फली, करेला, कद्दू, बैंगन और पालक जैसी सब्ज़ियाँ शामिल होती हैं.

    फलों में केला, सेब, अमरूद, संतरा, अंगूर, अनार, पपीता, आम और नारियल का विशेष स्थान होता है. मीठे में खीर, हलवा, लड्डू, पेड़ा, रसगुल्ला, बर्फी, खाजा, मोदक, घेवर और पुरानी पारंपरिक मिठाइयाँ परोसी जाती हैं.

    साथ ही चकली, पूड़ी, पकोड़ा, पकौड़ी, मठरी, उपमा, खिचड़ी, कढ़ी-चावल, दही, चटनी और पापड़ जैसे व्यंजन इस प्रसाद में शामिल होते हैं. 

    आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व से अन्नकूट और 56 भोग की परंपरा बहुत गहरी है. यह सिर्फ खाने-पीने की चीजें नहीं है, जो अर्पित की जाती है, बल्कि इससे घर और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ती होती है.

    यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति केवल मन या वाणी तक सीमित नहीं होती, जब भक्त पूर्ण समर्पण और सेवा भाव से भोग अर्पित करता है, तभी उसकी पूजा पूर्ण मानी जाती है.

    भोग अर्पण की यह क्रिया न केवल देवी-देवताओं को प्रसन्न करती है, बल्कि साधक के जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ाती है.

    Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

    गौरव अग्निहोत्री ज्योतिष और धर्म से जुड़े विषयों में गहरी रुचि रखते हैं. वे abplive.com से जुड़े हैं और विभिन्न धार्मिक व ज्योतिषीय विषयों पर 1 साल से लेखन कर रहे हैं. गौरव का जन्म दिल्ली में हुआ है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है. इन्हें अंक शास्त्र, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और स्वप्न शास्त्र में विशेष दिलचस्पी है. धर्म के अलावा गौरव को क्रिकेट और फिल्में देखना भी पसंद है.

    56 भोग में विभिन्न प्रकार के अन्न, दालें, सब्ज़ियाँ, फल, मिठाइयाँ और नमकीन व्यंजन शामिल होते हैं, जो स्वाद और परंपरा का संगम दर्शाते हैं।

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  • कितनी दौलत के मालिक हैं पाकिस्तान के नए कप्तान शाहीन शाह अफरीदी? टोटल नेटवर्थ उड़ा देगी होश

    कितनी दौलत के मालिक हैं पाकिस्तान के नए कप्तान शाहीन शाह अफरीदी? टोटल नेटवर्थ उड़ा देगी होश

    Pakistan New ODIs Captain: पाकिस्तान क्रिकेट की कप्तानी में एक और नया मोड़ आया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मोहम्मद रिजवान को वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया है और उनकी जगह अब तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को नया वनडे कप्तान बना दिया गया है. अब शाहीन ही अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में टीम की कप्तानी करेंगे. पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीनों वनडे मैच फैसलाबाद में 4, 6, और 8 नवंबर को खेले जाएंगे. जब से शाहीन को कप्तानी मिली है, तब से उनके बारे में लोग खूब सर्च कर रहे हैं और लोग जानना चाह रहे हैं कि अफरीदी कितनी दौलत के मालिक हैं? 

    बता दें कि शाहीन शाह अफरीदी  की 2025 में अनुमानित कुल नेटवर्थ लगभग 58 करोड़ रुपये की है. उनकी कमाई के मुख्य स्त्रोत पीसीबी की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट, पीएसएल, बीबीएल और ब्रांड एंडोर्समेंट है. शाहीन कई फ्रेंचाइजी लीग में भी खेलते हैं. इस बार वह बिग बैश लीग में भी खेलते नजर आएंगे. बीबीएल में ब्रिस्बेन हीट ने शाहीन को करोड़ों रुपये में साइन किया है.

    शाहीन अफरीदी की कमाई के सोर्स

    1. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का कॉन्ट्रैक्ट 

    शाहीन अफरीदी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में ‘A’ कैटेगरी में शामिल हैं. जिससे शाहीन को सालाना 1 करोड़ 14 लाख भारतीय रुपये मिलता है. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के अलावा, शाहीन को हर मैच खेलने के लिए अलग से मैच फीस मिलती है. उन्हें टेस्ट मैच के लिए 50,000, वनडे के लिए 25,000 और टी20 इंटरनेशनल के लिए 15,000 भारतीय रुपये मिलते हैं.

    2. फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग

    शाहीन पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में लाहौर कलंडर्स के कप्तान हैं. उन्हें 2025 पीएसएल सीजन के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपये मिला था. शाहीन 2026 बीबीएल सीजन के लिए ब्रिसबेन हीट के लिए खेलेंगे, जिससे उन्होंने करीब 1.5 से 2 करोड़ भारतीय रुपये मिलेंगे. 

    3. ब्रांड एंडोर्समेंट 

    शाहीन अफरीदी एक बेहद लोकप्रिय खिलाड़ी हैं, जिसके कारण वे कई ब्रांड्स के ब्रांड एंबेसडर हैं. अफरीदी Fashion, Tech, और Accessories के कई कम्पनियों के प्रचार करते हैं, जिससे वे करोड़ों की कमाई करते हैं.

    आपको बता दें कि शाहीन शाह अफरीदी काफी लक्जरी लाइफस्टाइल जीते हैं. शाहीन के पास लंडी कोटल और दूसरा इस्लामाबाद में दो आलीशान घर हैं और उनके पास Audi A4, Toyata Corola और Honda Civic जैसी महेंगी कार भी मौजूद हैं. इस वजह से अफरीदी पाकिस्तान के सबसे अमीर क्रिकेटरों में से एक हैं.

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  • लखनऊ में इंसानियत हुई शर्मसार, शीतला मंदिर में दलित बुजुर्ग के साथ अमानवीय हरकत, आरोपी गिरफ्तार

    लखनऊ में इंसानियत हुई शर्मसार, शीतला मंदिर में दलित बुजुर्ग के साथ अमानवीय हरकत, आरोपी गिरफ्तार

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां के काकोरी थाना क्षेत्र में शीतला माता मंदिर में डाली बुजुर्ग रामपाल से दबंग स्वामीकांत ने पेशाब चटवाई. जिसके बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कम्प मच गया. पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि घटना को लेकर परिजन और ग्रामीणों में बेहद आक्रोश है और वे सख्त सजा की मांग कर रहे हैं.

    इस घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गयी है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही कांग्रेस ने भी प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अत्याचार का मुद्दा उठाया है.

    पीड़ित के पोते मुकेश कुमार ने बताया बाबा को हांफने की समस्या है, खांसी भी आती है. जिसके चलते जब थकान होती है वहीं ठहर जाते हैं. सोमवार 20 अक्टूबर रात भी करीब 8 बजे घर की तरफ आ रहे थे. तभी हांफने लगे और मंदिर के पार्किंग में बैठ गए. तभी उनसे पेशाब हो गई. इस दौरान स्वामीकांत आ गए और बोलने लगे यहां तुमने पेशाब की है. इस पर बाबा घबरा गए तो पहले मना किया हालांकि बाद में मान लिया. इसके बाद उनसे पेशाब चटवाई फिर उनसे साफ करवाया. इसके बाद दोबारा न दिखने की धमकी देकर वहां से भगा दिया. मंगलवार सुबह बाबा ने पूरी घटना की जानकारी दी. इसके बाद हम लोगों ने शिकायत करने का फैसला लिया. अगर वह सिर्फ धुलवा दिए होते तो कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन ऐसी हरकत करना गलत है.

    काकोरी थाना पुलिस ने आरोपी स्वामी कांत खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी), और 352 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान) के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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