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  • आखिर भारत की जगह लंदन में क्यों रह रहे हैं विराट कोहली? ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खुद किया खुलासा

    आखिर भारत की जगह लंदन में क्यों रह रहे हैं विराट कोहली? ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खुद किया खुलासा

    Virat Kohli In IND vs AUS: विराट कोहली ने सात महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में विराट जीरो (0) पर आउट हो गए. कोहली काफी समय से अपने देश से दूर लंदन में रह रहे थे. विराट के साथ उनकी वाइफ अनुष्का शर्मा और बच्चे वामिका और अकाय भी लंदन में ही रहने चले गए. विराट टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए अब वे कम ही मुकाबले खेलते नजर आते हैं. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बातचीत के दौरान अपनी लंदन जाने की वजह के बारे में बताया है.

    विराट कोहली एक पब्लिक फिगर हैं, लेकिन वे काफी समय से अपने परिवार के साथ विदेश में रह रहे हैं. आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिताब जीतने के बाद विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ इंग्लैंड चले गए. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कमेंटेटर एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री को दिए इंटरव्यू में विराट कोहली ने बताया कि टेस्ट से संन्यास के बाद उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला और अपनी पर्सनल लाइफ में भी वो वक्त बिता पाए. विराट ने ये भी कहा कि वो पिछले 15 साल में वे क्रिकेट खेलने के दौरान पूरी तरह ब्रेक नहीं ले पाए थे.

    भारत के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली ने फॉक्स क्रिकेट पर बात करते हुए कहा कि ‘हां, मुझे टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हुए काफी टाइम हो गया है. मैं अब अपने जीवन से जुड़ पा रहा हूं, जो कि मैं काफी लंबे समय से नहीं कर पा रहा था. अपने बच्चों और परिवार के साथ घर पर समय बिताना बहुत सुंदर है, जिसमें मुझे बहुत मजा आ रहा है’.

    विराट कोहली ने आगे कहा कि मैं ईमानदारी से कहूं तो मैं पिछले 15 से 20 सालों में जितना भी क्रिकेट खेला है, मैंने मुश्किल से ही कोई ब्रेक लिया होगा. अगर आप इंटरनेशनल क्रिकेट और आईपीएल को मिलाकर देखें तो मैंने पिछले 15 सालों में किसी और प्लेयर की तुलना में ज्यादा ही मैच खेले होंगे. इसी वजह से अब वापस आना मेरे लिए बहुत रिफ्रेशिंग है.

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  • Diwali 2025 Toran: दिवाली पर 1-2 नहीं इन 3 पत्तों का लगाएं तोरण, मां लक्ष्मी जरूर आएंगी आपके द्वार

    Diwali 2025 Toran: दिवाली पर 1-2 नहीं इन 3 पत्तों का लगाएं तोरण, मां लक्ष्मी जरूर आएंगी आपके द्वार

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  • दशहरे के 20 दिनों बाद ही क्यों मनाई जाती है दिवाली? जानें इसके पीछे की वजह

    दशहरे के 20 दिनों बाद ही क्यों मनाई जाती है दिवाली? जानें इसके पीछे की वजह

    भारत में हर साल दिवाली को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. ये सनातन धर्म का एक एहम त्योहार है. दिवाली हर साल दशहरे के 20 या 21 दिन बाद आती है. ऐसे में इस साल ये दशहरे के ठीक 20 दिन बाद यानी 20 अक्टूबर, 2025 को आ रही है. 

    लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल दशहरे के 20 दिन बाद ही क्यों मनाई जाती है दिवाली? दरअसल इसके पीछे एक बेहद रोचक वजह है और ज्यादातर लोगों को इस बारे में नहीं पता होता है. आइए जानते हैं इस बारे में.

    शायद आप भी ये बात नहीं जानते होंगे कि दशहरे के 20 या 21 दिन बाद दिवाली मनाने के पीछे आखिर क्या कारण है. दरअसल, इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है, जिसके बारे में महर्षि वाल्मीकि ने अपनी लिखी हुई रामायण में बताया है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने लंकापति रावण का वद्ध कर सोने की लंका उसके छोटे भाई विभीषण को सौंप दी थी और इसके बाद प्रभु श्रीराम अयोध्या लौट आए थे. इस दौरान उन्हें वापस अयोध्या लौटने में पूरे 20 दिन का समय लग गया था. इसके बाद भगवान राम के आते ही सभी अयोध्या नगर के वासियों ने उनके स्वागत में दिए जलाए थे. उसी दिन से इस त्योहार को दिवाली के तौर पर मनाया जाने लगा और ये हर साल दशहरे के 20 या 21 दिन बाद आने लगी.

    दिवाली को 20 दिन बाद मनाने को लेकर अगर एनालिसिस किया जाए तो कई इंटरेस्टिंग बाते सामने आती हैं और आप इसे कई तरहों से चेक कर सकते हैं. जैसे कि प्रभु श्रीराम ने श्री लंका से भारत तक का सफर तय किया था तो ऐसे में आज का गूगल मैप दोनों लोकेशन के बीच के ट्रैवलिंग डिस्टेंस को आसानी से कैलकुलेट करके बता सकता है. इसके लिए आपको अपने फोन का गूगल मैप खोलना है. इसके बाद इसमें स्टार्ट पॉइंट में जाकर श्रीलंका सलेक्ट करना है और डेस्टिनेशन में अयोध्या, उत्तर प्रदेश सलेक्ट करना है. इसके बाद इसे सर्च करने पर आप देखेंगे कि इसके बीच की कुल दूरी 3127 किमी है. फिर जैसे ही आप वॉकिंग डिस्टेंस आइकन पर क्लिक करेंगे तो देखेंगे कि टोटल टाइम 491 घंटे शो करेगा यानी साढ़े 20 दिन. इस कारण दिवाली कभी दशहरे के 20 दिन बाद तो कभी 21 दिन बाद मनाई जाती है.

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    Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • UPSC Success Story: गरीबी से गौरव तक, पढ़ें चाय बेचते-बेचते IAS बने हिमांशु की मेहनत और जूनून की कहानी  

    UPSC Success Story: गरीबी से गौरव तक, पढ़ें चाय बेचते-बेचते IAS बने हिमांशु की मेहनत और जूनून की कहानी  

    कभी बरेली की एक छोटी चाय की दुकान पर काम करने वाला हिमांशु गुप्ता आज यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस अधिकारी बन चुका है. हिमांशु की कहानी संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है. उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और 2019 में 304वीं रैंक हासिल की.

    हिमांशु का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ. उनके पिता के पास एक छोटी सी चाय की दुकान थी, जहां हिमांशु बचपन में चाय परोसते थे और परिवार की मदद करते थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान भी पिता की दुकान में काम किया और खाली समय में अखबार पढ़कर सामान्य ज्ञान बढ़ाया.

    हिमांशु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. कॉलेज में एडमिशन मिलने के बाद उन्हें रहने और पढ़ाई के खर्चों के लिए ट्यूशन पढ़ाना पड़ा. इसके अलावा हिमांशु ने पेड ब्लॉग्स लिखकर अपनी आर्थिक स्थिति संभाली. उनका कहना है कि यह उनके लिए पहला मौका था जब वे मेट्रो शहर गए और बड़े शहर में अपनी पढ़ाई के साथ-साथ काम करने का अनुभव मिला.

    ग्रेजुएशन के बाद लिया फैसला

    ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमांशु को एक अच्छी नौकरी का अवसर मिला. लेकिन उनकी इच्छा थी कि वे देश की सेवा करें. उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने रिसर्च स्कॉलर के रूप में एक सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया और एनवायरमेंटल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की. हिमांशु अपने बैच के टॉपर रहे. विदेश से पीएचडी का अवसर मिलने के बावजूद उन्होंने सिविल सर्विसेज का रास्ता चुना. उनका मानना था कि देश की सेवा करना उनके लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

    पहले अटेम्प में आईआरटीएस  

    पहले ही प्रयास में हिमांशु ने यूपीएससी परीक्षा पास की, लेकिन रैंक कम आने के कारण उन्हें आईआरटीएस (Indian Railway Traffic Service) में चयन मिला. इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का फैसला किया. लगातार प्रयास और मेहनत के बाद हिमांशु ने सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बनकर अपने परिवार और समाज के लिए एक उदाहरण स्थापित किया.

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  • इतने में घर आ जाएगा! ये है दुनिया का सबसे महंगा बर्गर, कीमत जान उड़े यूजर्स के होश

    इतने में घर आ जाएगा! ये है दुनिया का सबसे महंगा बर्गर, कीमत जान उड़े यूजर्स के होश

    आमतौर पर आपने बर्गर कितने का खाया होगा? बाजार में 20 रुपये से लेकर 400 रुपये तक के बर्गर मौजूद हैं. हद से महंगा भी हम सोचें तो 1000 रुपये से ज्यादा नहीं सोच सकते. लेकिन जरा सोचिए, एक बर्गर जिसकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएं. जी हां, बस $11,000! (9 लाख 68 हजार रुपये के करीब) जी हां, सही पढ़ा आपने, अमेरिका या यूरोप के किसी लग्जरी रेस्टोरेंट का नहीं, बल्कि स्पेन के कैटेलोनिया के एक छोटे से रेस्टोरेंट का ये बर्गर है. इस बर्गर को आम लोग नहीं खा सकते, इसे सिर्फ रेस्टोरेंट की ओर से चुने गए लोग ही चख सकते हैं. ये कोई साधारण बर्गर नहीं है, ये बर्गर तो लग्जरी का असली मतलब दिखाता है. सोचो, एक बर्गर जो सिर्फ आमंत्रण पर मिलता है और इसे खाने का अनुभव आम खाने से बिल्कुल अलग है.

    स्पेन के कैबरेरा डेल मार में असाडोर औपा नाम का एक रेस्टोरेंट है, जहां के शेफ्स ने दुनिया का सबसे महंगा बर्गर बनाया है. इसकी कीमत €9,450 यानी $11,000 है. भारतीय रुपयों में ये कीमत साढ़े 9 लाख रुपये से ज्यादा है. इस बर्गर को बनाने में कथित तौर पर आठ साल का शोध और प्रयोग लगा है. लेकिन मजे की बात ये है कि इस बर्गर की असली सामग्री क्या है, यह आज भी एक रहस्य है. इस बर्गर की खासियत सिर्फ महंगी चीज़ों में नहीं है. इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता वाली है और इसे खाने का अनुभव बहुत ही अनोखा है. रेस्टोरेंट के मालिक बोस्को जिमेनेज, जिन्हें बीडेविकिंगो भी कहते हैं के अनुसार इस बर्गर का मकसद विलासिता दिखाना नहीं, बल्कि इसे अप्राप्य बनाना है. मतलब, यह हर कोई नहीं खा सकता.

    रेस्टोरेंट की वेबसाइट पर लिखा है कि यह अनुभव केवल आमंत्रण पर ही मिलता है. इसे मेन्यू में नहीं डाला गया है और इसके लिए कोई रिजर्व ऑप्शन भी नहीं है. जो लोग इसे चखना चाहते हैं, वे अनुरोध कर सकते हैं, लेकिन इस पर कार्रवाई रेस्टोरेंट के हिसाब से होती है. अगर आप चुने जाते हैं, तो आपको एक निजी कमरे में बुलाया जाएगा और वहां आपको कुछ और भाग्यशाली ग्राहकों के साथ बैठाया जाएगा. इस बर्गर में दुनिया के तीन सबसे बेहतरीन मीट, यूरोप के सबसे खास चीज और एक खास सॉस शामिल होता है. इसे खाने का अनुभव इतना अनोखा है कि इसे सिर्फ चुने हुए लोग ही महसूस कर सकते हैं.

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    सोशल मीडिया पर जैसे ही ये मामला वायरल हुआ वैसे ही इंटरनेट के गलियारों में हलचल मच गई. यूजर्स इस बर्गर को लेकर तरह तरह की बातें करने लगे और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ये सबसे गर्म मुद्दा बन गया. एक यूजर ने लिखा…मैं पूरी जिंदगी कमाऊं फिर भी इसे नहीं खरीद पाऊंगा. एक और यूजर ने लिखा…भाई जन्नत से खरीदकर लाए हो क्या? तो वहीं एक और यूजर ने लिखा…ये सब चर्चा में आने के लिए है, फालतू पैसा कोई खर्च नहीं करेगा.

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  • 54 साल बाद खुला बांके बिहारी का 'खजाना', अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर किया तंज- 'इतना लालच ठीक नहीं'

    54 साल बाद खुला बांके बिहारी का 'खजाना', अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर किया तंज- 'इतना लालच ठीक नहीं'

    उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में स्थिति बांके बिहारी मंदिर फिर चर्चा के केंद्र में है. दरअसल इस बार 54 साल के बाद मंदिर का खजाना खोले जाने पर सियासत शुरू हो गयी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट से तंज कसते हुए कहा कि इतना लालच ठीक नहीं है.

    आज रविवार को भी बांके बिहारी मंदिर का खजाना जांच के लिए तहखाना खोला जाएगा. तकरीबन पांच घंटे तक जांच चलेगी.

    सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह… कम-से-कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दें. इतना भी लालच अच्छा नहीं. दुर्भाग्यपूर्ण!” मंदिर के खजाने के बहाने अखिलेश यादव भाजपा और सरकार की मंशा पर शक जता रहे हैं. वैसे भी बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं. जिसका समर्थन अखिलेश यादव ने भी किया है.

    बता दें कि मंदिर के तहखाना और खजाने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार 18 अक्टूबर से ये कार्रवाई शुरू हुई है. मथुरा सर्कल अधिकारी संदीप सिंह के मुताबिक खजाने में बहुमूल्य और ऐतिहासिक वस्तुएं होने की सम्भावना है. पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जा रही है. इसमें फायर और ASI की टीमें भी लगीं हैं.ये पहली बार है जब मंदिर का खजाना सार्वजनिक रूप से खोला गया है.

    खजाने की जांच के लिए तहखाना रविवार को भी खुलेगा. जिसमें टीमें पांच घंटे से अधिक समय तक उसमें रखे सामान को चेक करेंगी. जिसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. अभी तक कोई भी गड़बड़ी की सूचना नहीं है .

    बता दें कि बांके बिहारी मंदिर में रोजाना हजारों लोग पहुंचते हैं और त्योहारों पर ये संख्या बढ़ जाती है.

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  • नासिक में बड़ा हादसा, छठ के लिए घर जा रहे तीन यवक ट्रेन से गिरे, दो की मौत, एक गंभीर

    नासिक में बड़ा हादसा, छठ के लिए घर जा रहे तीन यवक ट्रेन से गिरे, दो की मौत, एक गंभीर

    महाराष्ट्र के नासिक रोड रेलवे स्टेशन के पास शनिवार (18 अक्टूबर) देर रात एक बड़ा हादसा हो गया. छठ पूजा के लिए घर जा रहे तीन यात्री ट्रेन से नीचे गिर गए. हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. घायल शख्स को तुरंत एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा है. 

    शनिवार रात ट्रेन लोकमान्य तिलक टर्मिनस से रक्सौल (बिहार) के लिए नासिक रोड रेलवे स्टेशन पर रुके बिना ही आगे बढ़ गई. इसके बाद ओढ़ा रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक आकाश ने नासिक रोड रेलवे विभाग से संपर्क कर बताया कि ट्रेन छूटने के कुछ देर बाद जेल रोड हनुमान मंदिर के पास ढिकले नगर इलाके में तीन युवक ट्रेन के नीचे गिर गए.

    घटना की सूचना मिलने पर नासिक रोड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जितेंद्र सपकाले के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक माली, पुलिस कांस्टेबल भोले और एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. भुसावल की ओर जाने वाले ट्रैक पर किमी 190/1 और 190/3 के बीच 30 से 35 वर्ष की आयु के दो युवक मृत पाए गए. एक युवक गंभीर रूप से घायल पाया गया.

    गंभीर हालत में युवक को तुरंत एम्बुलेंस से जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यात्रियों की पहचान अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. छठ के चलते उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ होती है. इसलिए प्रारंभिक जानकारी सामने आ रही है कि ट्रेन से गिरने के बाद यह दुर्घटना हुई.

    फिलहाल जीआरपी और नासिक रोड पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है.

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  • 8 रन पर आउट होकर भी 'हिटमैन' रोहित शर्मा ने बनाया 'महारिकॉर्ड', ये कारनामा करने वाले 5वें भारतीय

    8 रन पर आउट होकर भी 'हिटमैन' रोहित शर्मा ने बनाया 'महारिकॉर्ड', ये कारनामा करने वाले 5वें भारतीय

    Rohit Sharma Big Record In IND vs AUS First ODI: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज रविवार, 19 अक्टूबर को पर्थ में पहला वनडे खेला जा रहा है. इस मैच में 10 ओवर पहले ही भारत के धड़ाधड़ 3 विकेट गिर गए. रोहित शर्मा ने केवल 8 रन के स्कोर पर ही अपनी विकेट गंवा दी. मिचेल स्टार्क की गेंद पर विराट कोहली भी बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. कप्तान 10 रन पर शुभमन गिल का विकेट गिरने से पहले वनडे में भारत का टॉप ऑर्डर फ्लॉप साबित हुआ. लेकिन इसके बाद भी रोहित शर्मा ने पर्थ के मैदान पर उतरते ही एक बड़ा रिकॉर्ड कायम कर दिया है. रोहित शर्मा ने आज अपना 500वां इंटरनेशनल मैच खेला.

    भारत के स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में 500वां इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे. रोहित ने अपने करियर में अब तक 67 टेस्ट, 274 वनडे और 159 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल लिए हैं. रोहित शर्मा भारत के लिए 500 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले पांचवें खिलाड़ी बन गए हैं. इनसे पहले केवल चार दिग्गज खिलाड़ियों ने ये मुकाम हासिल किया है.

    सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)

    भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपने इंटरनेशनल करियर में 664 मैच खेले हैं. क्रिकेट से रिटायर होने के करीब 13 साल बाद भी सचिन भारत के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले प्लेयर हैं.

    विराट कोहली (Virat Kohli)

    भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. विराट टीम इंडिया के लिए अब तक 551 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं, जिनमें 123 टेस्ट, 303 वनडे और 125 टी20 इंटरनेशनल मैच शामिल हैं.

    एमएस धोनी (MS Dhoni)

    भारत के लिए 500 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेलने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी शामिल है. धोनी ने अपने करियर में भारत के लिए 538 मैच खेले हैं. टीम के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वालों में एमएस धोनी तीसरे नंबर पर हैं.

    राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid)

    भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. राहुल द्रविड़ ने अपने क्रिकेट करियर में 538 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिनमें 164 टेस्ट, 344 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच शामिल है.

    रोहित शर्मा (Rohit Sharma)

    रोहित शर्मा 500 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले पांचवें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. रोहित 67 मैचों में 40.57 की औसत से 4,301 रन बना चुके हैं. वहीं टी20 इंटरनेशनल में रोहित के 159 मैचों में 4,231 रन हैं. रोहित टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन वनडे में अभी भी खेल रहे हैं. रोहित के 274 वनडे में करीब 49 की औसत से 11,176 रन हैं.

    𝐀 𝐦𝐚𝐣𝐨𝐫 𝐦𝐢𝐥𝐞𝐬𝐭𝐨𝐧𝐞 🙌
    𝐀𝐧 𝐞𝐱𝐜𝐥𝐮𝐬𝐢𝐯𝐞 𝐜𝐥𝐮𝐛 🔝

    Congratulations to Rohit Sharma on becoming just the 5️⃣th Indian player to play 5️⃣0️⃣0️⃣ international matches 🇮🇳#TeamIndia | #AUSvIND | @ImRo45 pic.twitter.com/BSnv15rmeH

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    IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया के पहले वनडे में इन 5 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेंगी नजरें, अकेले पलट सकते हैं मैच का रुख

    साक्षी गुप्ता एबीपी न्यूज़ में 2023 से काम कर रही हैं. साक्षी की खेल और राजनीतिक जगत में काफी दिलचस्पी है. इसके अलावा साक्षी ऑटो सेक्शन से लेकर एंटरटेनमेंट की खबरें लिखने में भी रुचि रखती हैं. खाली समय में साक्षी को पढ़ना और स्पोर्ट्स खेलना काफी पसंद है. साक्षी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से हिन्दी पत्रकारिता में मास्टर्स की डिग्री ली है और डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएट हैं.

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  • दीयों और मोमबत्ती पर पैसा बर्बाद मत करो', अखिलेश यादव के बयान पर भड़की VHP, कहा- खुद को यदुवंशी बताने वाले जिहादियों…

    दीयों और मोमबत्ती पर पैसा बर्बाद मत करो', अखिलेश यादव के बयान पर भड़की VHP, कहा- खुद को यदुवंशी बताने वाले जिहादियों…

    दिवाली को लेकर दिए अखिलेश यादव के बयान पर चौतरफा बवाल मचा है. विश्व हिंदू परिषद ने भी अखिलेश यादव के बयान पर विरोध जताया है. वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री दीपावली पर क्रिसमस के कसीदे पढ़ रहे हैं. दीपमालिका के दीयों ने इनका दिल इतना जलाया कि 100 करोड़ हिंदुओं को नसीहत देकर बोले ‘दीए और मोमबत्ती पर पैसा बर्बाद मत करो क्रिसमस से सीखो.

    विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि स्वयं को यदुवंशी बताने वाले जिहादियों और धर्मांतरणकारी गैंगों के इन कथित मसीहा को हिंदुओं से अधिक ईसाई प्यारे हैं. स्वदेशी से अधिक विदेशी त्योहारों पर बलिहारे हैं. 

    ‘दिवाली के रीति रिवाज के लिए ईसाइयों से सीख लेनी पड़ेगी’ 

    उन्होंने आगे कहा कि जब ईसाइयत का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से मनाई जाने वाली दिवाली के रीति रिवाज व तौर तरीकों के लिए हिंदू समाज को अब ईसाइयों से सीख लेनी पड़ेगी. भगवान राम और श्रीकृष्ण की पावन धरा पर अवैध धर्मांतरण का नंगा नाच ऐसे ही नेताओं के संरक्षण में हुआ, जो अपने कैबिनेट में भी जिहादी और अपराधियों की भरमार रखते थे.

    जरा सुनिए तो…
    यूपी के इन पूर्व मुख्यमंत्री महोदय को.. जो दीपावली पर क्रिसमस के कसीदे पढ़ रहे हैं। दीपमालिका के दियों ने इनका दिल इतना जला कि 100 करोड़ हिंदुओं को नसीहत देकर बोले ‘दीए और मोमबत्ती पर पैसा बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो।’

    स्वयं को यदुवंशी बताने वाले जिहादियों और… pic.twitter.com/QiXsjqQT1Z

    विनोद बंसल ने कहा कि वो कह रहे हैं कि भगवान प्रभु श्री राम के नाम पर एक सुझाव है, दुनिया में इस समय क्रिसमस का समय है पूरी शहर जगमगा जाते हैं और महीनों जगमगाकर रखते हैं, वे लोग. उन्हीं से सीख लो बस. क्यों खर्चा करना बार-बार दियों का मोमबत्ती का और यह दिमाग लगाना.

    अरे कुछ तो शर्म करो टीपू- विनोद बंसल

    विहिप प्रवक्ता ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि दो महीने बाद आने वाला विदेशी मान्यताओं का क्रिसमस तो इन्हें लग रहा है कि आ ही चुका है. पर 2 दिन बाद की दिपावली पर हमारे कुम्हार भाइयों के हाथों से बने दो दीयों की खरीद से PDA के ढकोसलेबाजों को दिवाली पर अपना दिवाला निकलता दिख रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अरे कुछ तो शर्म करो टीपू. अयोध्या की जगमगाहट और हिंदुओं की खुशी से इतनी जलन ठीक नहीं है. 

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