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  • नए अवतार में जल्द आ रही है Hyundai Exter Facelift, नेक्स्ट-जेन इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ होगी लॉन्च

    नए अवतार में जल्द आ रही है Hyundai Exter Facelift, नेक्स्ट-जेन इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ होगी लॉन्च

    Hyundai इंडिया अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ा अपडेट लेकर आ रही है. कंपनी ने पुष्टि की है कि जल्द आने वाली Hyundai Exter फेसलिफ्ट में उसका नेक्स्ट-जेनरेशन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया जाएगा. ये अपडेटेड मॉडल साल 2027 की शुरुआत में भारतीय बाजार में पेश किया जाएगा. इस फेसलिफ्ट वर्जन में न केवल तकनीकी बदलाव किए जाएंगे, बल्कि कार के अंदरूनी फीचर्स और यूजर एक्सपीरियंस को भी पूरी तरह से नया रूप दिया जाएगा.

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  • विधानसभा चुनाव 2025: बिहार का सबसे अमीर प्रत्याशी कौन? तेजस्वी यादव या सम्राट चौधरी दूर-दूर तक नहीं

    विधानसभा चुनाव 2025: बिहार का सबसे अमीर प्रत्याशी कौन? तेजस्वी यादव या सम्राट चौधरी दूर-दूर तक नहीं

    बिहार चुनाव (2025) के पहले चरण में 121 विधानसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन की आज (शुक्रवार) अंतिम तारीख है. कल (18 अक्टूबर, 2025) नामांकन की जांच होगी. इस बीच प्रत्याशियों की ओर से दायर हलफनामे से बिहार के सबसे अमीर कैंडिडेट का पता चला है. सबसे अमीर प्रत्याशियों में लालू के बेटे तेजस्वी यादव या फिर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जैसे नेताओं का नाम नहीं है.

    दरअसल बिहार चुनाव में नामांकन के साथ नेताओं की संपत्ति और मुकदमों की जानकारी लगातार सामने आ रही है. पटना की मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार के पास 23.36 करोड़ की संपत्ति है और वे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. सम्राट चौधरी तारापुर विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में कुल 11.31 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है. 

    लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. बीते पांच साल में उनकी संपत्ति में मामूली वृद्धि हुई है. आरजेडी से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप ने हाल ही में जनशक्ति जनता दल नामक नया राजनीतिक दल बनाया है. नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने बताया कि उनके पास 91.65 लाख रुपये की चल संपत्ति है, जो वर्ष 2020 में घोषित 1.22 करोड़ रुपये से कम है. उनकी अचल संपत्ति 1.96 करोड़ रुपये है, जो पांच वर्ष पहले 1.6 करोड़ रुपये थी.

    तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके पास करीब 8.1 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति है. शपथपत्र के अनुसार, तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव के पास 1.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है. तेजस्वी के पास 6.12 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 1.88 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. उनकी पत्नी राजश्री के पास 59.69 लाख रुपये मूल्य की अचल संपत्ति है. तेजस्वी के पास 1.5 लाख रुपये नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास एक लाख रुपये नकद हैं.

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  • In Pics: हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात कर भावुक हुए राहुल गांधी, सामने आईं तस्वीरें

    In Pics: हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मुलाकात कर भावुक हुए राहुल गांधी, सामने आईं तस्वीरें

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  • Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में किसे मिलेंगी कितनी सीटें, PK ने कर दी भविष्यवाणी, समझाई कैलकुलेशन

    Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में किसे मिलेंगी कितनी सीटें, PK ने कर दी भविष्यवाणी, समझाई कैलकुलेशन

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब महीने भर से भी कम समय बचा है. बिहार चुनाव को लेकर अभी तक कई सर्वे सामने आ चुके हैं, जिनमें एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.  एक न्यूज चैनल संग बातचीत में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इन सर्वे को लेकर कहा कि 10 लोगों में से बिहार को बदलने के लिए 3-4 लोग ही चाहिए. ऐसा उन्होंने इस आधार पर कहा कि 10 में 3-4 लोग हमें समर्थन कर रहे हैं. 3-4 लोग कह रहे होंगे कि अभी 5 साल बाद देखेंगे. बाकी बचे लोगों का कहना होगा कि हमें इससे मतलब नहीं. ऐसे में जो 3-4 लोग हमें समर्थन कर रहे हैं वहीं बिहार को बदलने का काम करेंगे. 
     
    नीतीश की जदयू को कितनी सीटें मिलेंगी ?
    जदयू को लेकर पीके ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में 42 सीटें मिली थीं, जबकि वो अभी के मुकाबले पिछली बार ज्यादा एक्टिव और सचेत थे. वो तब ज्यादा बेहतर स्थिति में थे, लेकिन अब तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि चिराग पासवान की पार्टी ने बिना किसी तैयारी के जदूय की 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे तो नीतीश की पार्टी 42 सीटों पर आ गई. 

    प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बार उन 110 सीटों पर हमारी पार्टी जन सुराज ने पूरी तैयारी के साथ उम्मीदवार उतारे हैं. नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक तौर पर पहले से कमजोर हैं और इसके अलावा 5 साल की एंटी इनकंबेंसी भी है. ऐसे में जाहिर है कि इस बार उन्हें 42 सीटें भी नहीं मिलेंगी. उनकी पार्टी की सीटें इस बार और भी कम होंगी. 

    बिहार चुनाव में कौन होगा विजयी ?
    बिहार चुनाव में सीटों के अनुमान को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं एनडीए की सीटों का अनुमान नहीं लगा सकता हूं, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि नीतीश की पार्टी 25 से ज्यादा सीटें नहीं जीतेगी. बीजेपी को पिछली बार मिली 74-75 सीटों से इस बार कम ही मिलेंगी. मतलब साफ है कि बीजेपी को भी नुकसान होने जा रहा है. 

    तेजस्वी यादव की राजद को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बार अगर चिराग पासवान वाला फैक्टर छोड़ दें तो राजद मात्र 25 से 35 सीटों के बीच ही सिमट जाएगी. 

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  • कौन थे प्रेमानंद महाराज के गुरु, जिनके बारे में इंटरनेट पर खोज रहे लोग?

    कौन थे प्रेमानंद महाराज के गुरु, जिनके बारे में इंटरनेट पर खोज रहे लोग?

    मथुरा-वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज की इन दिनों तबीयत को लेकर काफी खबरें सामने रही है. उनकी तबीयत को लेकर पूरे सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है. इसी बीच हाल ही में एक बहुत ही इमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज एक अन्य संत के चरणों में झुकते हुए देखे जा रहे हैं. यह वीडियो देखने के बाद हजारों लोग यह जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं कि आखिर वो संत कौन हैं, जिनके प्रति प्रेमानंद महाराज इतना आदर और समर्पण दिखा रहे हैं. 

    दरअसल, जिन संत को देखकर प्रेमानंद महाराज अपनी खराब तबीयत के बाद भी खड़े हो गए, दंडवत प्रणाम किया और अपने हाथों से उनके पैर धोकर, उन्हें अपनी गद्दी पर बैठाया,  वो प्रेमानंद जी के आध्यात्मिक गुरु हैं. अपनी खराब तबीयत के बाद भी उन्होंने न सिर्फ चरण वंदना की, बल्कि अपने गुरु को पूरे सम्मान के साथ अपनी गद्दी पर भी बिठाया. यह देखकर कई लोग इमोशनल हो गए और इंटरनेट पर गुरु जी के बारे में जानने की कोशिश करने लगे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि  प्रेमानंद महाराज के गुरु कौन थे, जिनके बारे में लोग इंटरनेट पर खोज रहे हैं. 

    इमोशनल मुलाकात का वीडियो हुआ वायरल

    इस वीडियो में देखा गया कि गुरु शरणानंद महाराज, जो रमणरेती महावन, वृंदावन के प्रमुख संत हैं, प्रेमानंद जी का हालचाल लेने केली कुंज आश्रम पहुंचे थे. जैसे ही प्रेमानंद जी ने अपने गुरु को देखा, उन्होंने तुरंत उठकर साष्टांग दंडवत प्रणाम किया. इसके बाद उन्होंने उन्हें अपनी गद्दी पर बैठाया, उनके चरणों को धोया, अपने दुपट्टे से पोछा और आरती उतारी. इस दौरान दोनों संतों की आंखों में आंसू थे, और ये मिलन देखकर आश्रम में मौजूद सभी श्रद्धालु भी इमोशनल हो गए. 

    गुरु शरणानंद कौन हैं?

    गुरु शरणानंद जी वृंदावन के रमणरेती महावन स्थित आश्रम के प्रमुख संत हैं. वे अत्यंत विनम्र, तपस्वी और गहराई से अध्यात्म में रमे हुए संत माने जाते हैं. उन्होंने कई वर्षों तक साधना की है और उनके प्रवचन भी श्रद्धालुओं के बीच खूब लोकप्रिय हैं. प्रेमानंद महाराज के जीवन में उनका विशेष स्थान है. वे सिर्फ गुरु नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पथ-प्रदर्शक और मार्गदर्शक हैं. प्रेमानंद महाराज हमेशा अपने उपदेशों में अपने गुरु का उल्लेख करते हैं और यह स्वीकारते हैं. प्रेमानंद महाराज आज के समय में सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले संतों में से एक हैं. उनके प्रवचन करोड़ों लोग सोशल मीडिया पर सुनते हैं. लेकिन इस वीडियो ने दिखाया कि वे अपने गुरु के सामने कितने विनम्र हैं. उनके चेहरे पर भक्ति और समर्पण की भावना साफ दिखाई दी. 

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  • क्या दिवाली से पहले जारी होगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जान लें किस्त को लेकर लेटेस्ट अपडेट

    क्या दिवाली से पहले जारी होगी पीएम किसान की 21वीं किस्त? जान लें किस्त को लेकर लेटेस्ट अपडेट

    PM Kisan Yojana 21st Installment:  केंद्र सरकार देश के लोगों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाती है. इनमें अलग-अलग तबकों से आने वाले लोगों के लिए सरकार अलग-अलग योजना चलाती है . देश की अच्छी खासी आबादी किसानों की है. जिनमें से बहुत से किसान खेती के जरिए ज्यादा पैसे नहीं कमा पाते. इन किसानों को सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत साला 6000 रुपये दिए जाते हैं. 

    जो साल में तीन किस्तों में दिए जाते हैं. अब तक इसकी कुल 20 किस्तें भेजी जा चुकी है. अब किसानों को 21वीं किस्त का इंतजार है. कई लोग यह कयास लगा रहे हैं कि दिवाली के आसपास सरकार इस किस्त को जारी कर सकती है. चलिए आपको बताते हैं क्या है इसे लेकर लेटेस्ट अपडेट.  

    सरकार की ओर साल भर में चार महीनों के अंतराल पर तीन किस्तें दी जाती है. पिछली यानी 20वीं किस्त अगस्त के महीने में जारी की गई थी. इस हिसाब से देखा जाए तो 21वीं किस्त नवंबर के आसपास भेजी जा सकती है. क्योंकि अब दिवाली बेहद करीब है. तो ऐसे में किसान यह सोच रहे हैं शायद भारत सरकार किसानों को दिवाली का तोहफा देते हुए इस किस्त को दिवाली के आसपास जारी कर दे. आपको बता दें सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित राज्यों में 21वीं किस्त भेजी जा चुकी है.

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    लेकिन बाकी राज्यों के लिए 21वीं किस्त को लेकर फिलहाल सरकार की ओर से इसे लेकर कोई नई जानकारी जारी नहीं की गई है. आपको बता दें सामान्य तौर पर किस्त जारी होने से पहले ही उसके बारे में सूचना दे दी जाती हैं.  अभी की स्थिति देखें तो किस्त फिलहाल जारी होती हुई नजर नहीं आ रही है. किसानों को पीएम किसान योजना के अधिकारिक वेबसाइट पर किस्त की अपडेट चेक करने के लिए नजर बनाए रखनी जरूरी है. 

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    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभ लेने वाले सभी किसानों को पहले ही इस बारे में हिदायत दे दी गई है कि उन्हें कुछ काम पूरे करवाने होंगे जिनमें ई-केवाईसी, भू-सत्यापन जैसे काम बेहद जरूरी है, इसके अलावा किसानों को यह भी चेक करना होगा कि उनके योजना से जुड़े बैंक खाते में कोई जानकारी गलत दर्ज तो नहीं है. अगर ऐसा होता है तो किस्त रुक सकती है. इसलिए इन सभी कामों को भी जल्द से जल्द पूरा करवाना जरूरी है.  

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  • दाल को प्रोटीन का सोर्स समझते हैं तो गलत हैं आप, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताया सच

    दाल को प्रोटीन का सोर्स समझते हैं तो गलत हैं आप, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने बताया सच

    हेल्दी और फिट बॉडी के लिए बैलेंस डायट बेहद जरूरी होती है. इसमें प्रोटीन विटामिन, कार्ब्स, फैट्स और मिनरल्स सभी चीजें सही मात्रा में होनी चाहिए. ऐसे में शरीर में मौजूद सेल्स और टिशूज को रिपेयर करने में लिए प्रोटीन का रोल काफी इंपोर्टेंट होता है. इसी लिए लोग अपनी डायट में सबसे ज्यादा ध्यान प्रोटीन का रखते हैं. 

    ऐसे में आमतौर पर लोग प्रोटीन के लिए नॉन वेज खाना प्रेफर करते हैं पर जो नॉन वेज नहीं खाते उनमें से अधिकतर दाल को प्रोटीन का अच्छा सोर्स मानते हैं. लेकिन हाल ही में फोर्टिस की गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट ने बताया है कि दाल प्रोटीन का अच्छा सोर्स नहीं होती हैं और जो ऐसा समझकर इसे खाते हैं वह बिल्कुल गलत सोचते हैं. आइए जानते हैं कि क्या दाल सच में प्रोटीन का बेहतर सोर्स नहीं होती है ?

    दाल क्यों नहीं है प्रोटीन का अच्छा सोर्स?

    वसंत कुंज के फोर्टिस हॉस्पिटल की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट, डॉ. शुभम वत्स्य जो डाइट और फूड की एक्सपर्ट हैं, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि दाल प्रोटीन का अच्छा सोर्स नहीं है. वह कहती हैं कि “यदि आप दाल को प्रोटीन से भरपूर स्रोत मानते हैं, तो आप गलत हैं” क्योंकि दाल में जरूरी एमिनो एसिड्स नहीं होते हैं. इसलिए यह शरीर की प्रोटीन की जरूरत को पूरा नहीं कर पाती है. 

    दाल में कितना होता है प्रोटीन?

    डॉ. वत्स्य बताती हैं कि दाल में थोड़ा प्रोटीन होता है लेकिन वह शरीर के लिए पर्याप्त नहीं होता है. 100 ग्राम कच्ची दाल में 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, जो 100 ग्राम चिकन में पाए जाने वाले प्रोटीन से भी कम है. वहीं अगर बात करें पकी हुई दाल की तो एक कटोरी पकी हुई दाल में 5 ग्राम प्रोटीन होता है और 100 ग्राम कच्ची दाल से 4 से 5 कटोरी दाल बनती है. ऐसे में आपको 25 ग्राम प्रोटीन के लिए 5 कटोरी दाल खानी पड़ेगी, जो आमतौर पर नामुमकिन सी बात है. 

    दाल की जगह क्या है बेहतर ऑप्शन?

    शरीर में मौजूद सेल्स को रिपेयर होने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है. ऐसे में आप दाल के बजाय कई और प्रोटीन रिच चीजें खा सकते हैं. नॉन वेजिटेरियन लोग फिश , एग और चिकन खा सकते हैं जबकि वेजिटेरियन को प्रोटीन के लिए दूध, दही और पनीर जैसी चीजें ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए.

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    आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं. 

    दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की. 

    साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं. 

    घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.

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  • दिवाली 2025: ये टिप्स यूज कर लीं तो ले सकेंगे एकदम प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी फोटोज, इन बातों का रखें ध्यान

    दिवाली 2025: ये टिप्स यूज कर लीं तो ले सकेंगे एकदम प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी फोटोज, इन बातों का रखें ध्यान

    दिवाली में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और चारों और इसकी धूम दिखने लगी है. घरों-घरों के साथ बाजार भी सज चुके हैं. रोशनी और खुशियों से भरा इस त्योहार की लोग यादें समेटकर रखना चाहते हैं. इस त्योहार पर लोग नए कपड़े पहनकर तैयार होते हैं और रोशनी से सजे अपने घर में तस्वीरें लेते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप इस दिवाली प्रोफेशनल फोटोग्राफर जैसी तस्वीरें ले पाएंगे. 

    सबसे पहले लेंस करें साफ

    दिवाली हो या कोई और मौका, हमेशा फोटो लेने से पहले कैमरा लेंस को साफ करना न भूलें. लेंस पर फिंगरप्रिंट या कई बार धूल के कारण अच्छी फोटो नहीं आ पाती. इसलिए चाहे आप कैमरे से फोटो ले रहे हैं या मोबाइल से, फोटोग्राफी शुरू करने से पहले लेंस को माइक्रोफाइबर कपड़े से साफ कर लें.

    लाइटिंग का रखें ध्यान

    फोटोग्राफी में लाइटिंग का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर सही लाइटिंग और एंगल से फोटो ली जाए तो शानदार तस्वीर निकलकर सामने आती है. दिवाली पर हर तरफ लाइटें लगी होती हैं. इसलिए फोटो लेते समय यह ध्यान रखें कि सब्जेक्ट पर पूरी लाइट हो, लेकिन सब्जेक्ट के बैकग्राउंड से ज्यादा लाइट कैमरा में न आ रही हो.

    सही फ्रेम का करें चुनाव

    फोटोग्राफी करते समय फ्रेम सेट करना भी जरूरी होता है. दिवाली पर रंग-बिरंगी लाइट्स और दीयों को अपने फ्रेम में लेकर अच्छी तस्वीरें क्लिक की जा सकती है. इसलिए फोटो लेने से पहले दिमाग में एक फ्रेम सेट कर लें और उसी हिसाब से सब्जेक्ट को प्लेस करें. 

    अलग-अलग मोड्स में लें तस्वीरें

    दिवाली के मौके पर कोई भी फोटो लेते समय अलग-अलग मोड्स का इस्तेमाल करें. मोड्स की मदद से आप कई शानदार तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं. रात में फोटोग्राफी के लिए नाइट मोड का इस्तेमाल बेहतर रहता है. प्रोफेशनल कैमरे जैसे इफेक्ट के लिए पोर्ट्रेट या प्रो मोड से तस्वीरें लें. 

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  • 2.88 करोड़ रुपये के मालिक और 8 FIR हैं दर्ज, लालू-राबड़ी के 'तेज' के हलफनामें में कई खुलासे

    2.88 करोड़ रुपये के मालिक और 8 FIR हैं दर्ज, लालू-राबड़ी के 'तेज' के हलफनामें में कई खुलासे

    बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निष्कासन के बाद अब उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है. इस दौरान दाखिल किए गए हलफनामे में तेज प्रताप ने अपनी संपत्ति और आपराधिक मामलों का खुलासा किया है.

    हलफनामे के अनुसार, तेज प्रताप यादव के पास कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इसमें 91.65 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2020 में उन्होंने 1.22 करोड़ रुपये की चल और 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की थी. यानी पिछले पांच साल में उनकी अचल संपत्ति में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन चल संपत्ति में कमी आई है.

    चुनावी हलफनामे में तेज प्रताप ने यह भी खुलासा किया कि उन पर 8 आपराधिक मामले लंबित हैं. इनमें आईपीसी धाराओं में 324,302,120B, 341 जैसे गंभीर श्रेणी के मामले हैं. वहीँ 498 दहेज़ उत्पीडन व एससी/एसटी एक्ट के साथ ही आर्म्स एक्ट के भी मामले हैं. इनमें से किसी भी मामले में उन्हें अब तक दोषी नहीं ठहराया गया है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय का विवरण हलफनामे में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि तलाक का मामला अभी पटना की पारिवारिक अदालत में विचाराधीन है.

    तेज प्रताप यादव को मई 2025 में उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. कारण बताया गया- ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’. निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई और अब वे उसी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने नामांकन के समय अपनी दिवंगत दादी की तस्वीर साथ रखकर भावनात्मक संदेश देने की कोशिश की.

    तेज प्रताप यादव की राजनीति हमेशा विवादों से घिरी रही है. कभी उनकी बयानबाजी, कभी निजी जीवन को लेकर विवाद, तो कभी पार्टी नेतृत्व से मतभेद, इन सबने उन्हें लगातार सुर्खियों में बनाए रखा. कुछ महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर यह दावा किया था कि वे एक महिला के साथ रिश्ते में हैं, जिसके बाद पार्टी ने कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया. बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था.

    तेज प्रताप यादव वर्ष 2020 में महुआ विधानसभा सीट से राजद विधायक चुने गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें हसनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था. राजनीति में अपने उतार-चढ़ाव भरे सफर के बावजूद तेज प्रताप अब भी बिहार के चर्चित चेहरों में से एक हैं.

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. राज्य में दो चरणों में मतदान होगा- पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को. मतगणना 14 नवंबर को होगी. ऐसे में महुआ सीट पर तेज प्रताप यादव की नई पारी और जनशक्ति जनता दल की परीक्षा दोनों का परिणाम भी उसी दिन सामने आएगा.

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  • कितने पढ़े-लिखे हैं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इस सब्जेक्ट में ली थी डिग्री

    कितने पढ़े-लिखे हैं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इस सब्जेक्ट में ली थी डिग्री

    बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जीवन संघर्ष, समर्पण और शिक्षा से प्रेरणा लेने का उदाहरण है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीतीश कुमार ने किस विषय में पढ़ाई की है और उन्होंने अपनी पढ़ाई कहां से पूरी की? आइए जानते हैं…

    नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था. उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम से गहराई से जुड़ा हुआ था. उनके पिता, कविराज राम लखन सिंह, एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे और आजादी की लड़ाई में भी सक्रिय रहे थे. नीतीश की मां, परमेश्वरी देवी, गृहिणी थीं. घर में शिक्षा और समाजसेवा का माहौल था, जिसने नीतीश के व्यक्तित्व को दिशा दी.

    बख्तियारपुर से शुरू हुआ शिक्षा का सफर

    नीतीश कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बख्तियारपुर के एक स्थानीय स्कूल से हुई. बचपन से ही वे पढ़ाई में काफी तेज थे. उनके शिक्षक उन्हें एक अनुशासित और होशियार छात्र के रूप में याद करते हैं. उन्होंने पढ़ाई में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया और विज्ञान व गणित जैसे विषयों में उनकी विशेष रुचि थी.

    श्री गणेश हाई स्कूल के होनहार छात्र

    अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के श्री गणेश हाई स्कूल से पढ़ाई की. यह स्कूल उस समय अपने उत्कृष्ट शिक्षा वातावरण के लिए जाना जाता था. यहां नीतीश न केवल पढ़ाई में बल्कि स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी आगे रहते थे. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें राज्य स्तर पर पहचान दिलाई.

    पटना साइंस कॉलेज से आगे की पढ़ाई

    स्कूल के बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज में दाखिला लिया, जो बिहार के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है. यहां उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (PUC) किया और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की. इसी दौरान उनकी तार्किक सोच और समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित हुई, जो आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन में बेहद काम आई.

    इंजीनियरिंग की पढ़ाई NIT पटना से

    नीतीश कुमार ने उच्च शिक्षा के लिए बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना (जो अब NIT पटना कहलाता है) में दाखिला लिया. साल 1972 में उन्होंने यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की.

    कॉलेज के दिनों में वे एक सक्रिय छात्र रहे और विभिन्न तकनीकी क्लबों से जुड़े रहे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई ने उनके जीवन में अनुशासन, तकनीकी दृष्टिकोण और व्यावहारिक सोच को मजबूत किया. यही गुण बाद में उन्हें राजनीति में योजनाबद्ध और विकास-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने में मददगार साबित हुए.

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    रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.

    अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.

    रजनी का मानना है कि एक अच्छी स्टोरी सिर्फ हेडलाइन नहीं बनाती, बल्कि पाठकों के दिलों को छूती है. वर्तमान में वे एबीपी लाइव में कार्यरत हैं, जहां वे एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स को कवर कर रही हैं.

    दोनों ही क्षेत्र समाज की बुनियादी जरूरतों से जुड़े हैं और रजनी इन्हें बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संभालती हैं. खाली समय में रजनी को संगीत सुनना और किताबें पढ़ना पसंद है. ये न केवल उन्हें मानसिक सुकून देते हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी ऊर्जा प्रदान करते हैं.

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