डॉक्टर बनने का सपना हर छात्र देखता है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अगर मेडिकल की पढ़ाई करनी है, तो भारत में या विदेश में? खासकर कनाडा और भारत के टॉप मेडिकल संस्थानों में फीस और खर्च में कितना फर्क है. आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं.
हायर एजुकेशन के लिए जब भी किसी पॉपुलर देश की बात होती है, तो उसमें कनाडा का नाम जरूर आता है. यहां चार लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. ज्यादातर भारतीय छात्र यहां इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और कंप्यूटर साइंस के कोर्सेज में एडमिशन लेते हैं. लेकिन कनाडा मेडिकल पढ़ाई के लिए भी पॉपुलर है, क्योंकि यहां की कई टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटी दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं.
भारत में भी मेडिकल पढ़ाई बहुत पॉपुलर है. हर साल हजारों छात्र MBBS करने विदेश जाते हैं. लेकिन अब सवाल उठता है कि कहां पढ़ाई महंगी है और कहां सस्ती, और डॉक्टर बनने के बाद सैलरी का फर्क कितना है.
भारत बनाम कनाडा
भारत में, 12वीं के बाद सीधे MBBS में एडमिशन लिया जा सकता है. इस कोर्स की अवधि 5.5 साल होती है, जिसमें एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल है. कनाडा में डॉक्टर बनने के लिए पहले 12वीं के बाद चार साल की ग्रेजुएशन करनी होती है. इसके बाद MCAT एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है. सफल होने पर MD (Doctor of Medicine) कोर्स में दाखिला मिलता है, जो चार साल का होता है. कुल मिलाकर भारत की MBBS और कनाडा की MD डिग्री लगभग समान होती है.
टॉप मेडिकल संस्थान
कनाडा में टोरंटो यूनिवर्सिटी को मेडिकल पढ़ाई के लिए नंबर वन माना गया है. वहीं भारत में AIIMS दिल्ली की पढ़ाई देश में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है.
फीस की तुलना
कनाडा में टोरंटो यूनिवर्सिटी के MD कोर्स के लिए सालाना फीस लगभग 1 लाख कनाडाई डॉलर है, जो रुपये में लगभग 63.5 लाख रुपए होती है. इसमें हेल्थ इंश्योरेंस भी शामिल है. किताबों और रिसोर्स के लिए सालाना लगभग 6.3 लाख रुपये और रहने-खाने का खर्च लगभग 11 लाख रुपये होगा. ऐसे में एक साल का कुल खर्च लगभग 81 लाख रुपये आता है. MD कोर्स चार साल का होने के कारण, डॉक्टर बनने के लिए कुल खर्च लगभग 3.24 करोड़ रुपये होगा.
भारत में AIIMS दिल्ली में MBBS की फीस बहुत कम है. अकेडमिक फीस में रजिस्ट्रेशन फीस 25 रुपये, कॉशन मनी 100 रुपये, ट्यूशन फीस 1350 रुपये, लैब चार्ज 90 रुपये और स्टूडेंट यूनियन फीस 63 रुपये होती है. हॉस्टल और अन्य खर्च मिलाकर कुल फीस लगभग 4228 रुपये होती है. देखा जाए तो भारत में पढ़ाई कनाडा की तुलना में बेहद किफायती है.
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सैलरी में अंतर
कनाडा में डॉक्टरों की औसत सालाना सैलरी लगभग 1.43 करोड़ रुपये है. एंट्री लेवल वाले डॉक्टर हर साल करीब 54 लाख रुपये कमाते हैं, जबकि अनुभवी डॉक्टर 2.77 करोड़ रुपये सालाना कमा सकते हैं.
भारत में एंट्री लेवल MBBS ग्रेजुएट्स को 25 हजार से 70 हजार रुपये महीने की सैलरी मिलती है. अनुभवी डॉक्टर 1.5 लाख रुपये महीने तक और सीनियर डॉक्टर 3 लाख रुपये प्रति माह तक कमा सकते हैं. यानी कनाडा में शुरुआती डॉक्टर की सैलरी भारत की तुलना में कई गुना ज्यादा है.
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रजनी उपाध्याय बीते करीब छह वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली रजनी ने आगरा विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. बचपन से ही पढ़ने-लिखने में गहरी रुचि थी और यही रुचि उन्हें मीडिया की दुनिया तक ले आई.
अपने छह साल के पत्रकारिता सफर में रजनी ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया. उन्होंने न्यूज, एंटरटेनमेंट और एजुकेशन जैसे प्रमुख वर्टिकल्स में अपनी पहचान बनाई. हर विषय में गहराई से उतरना और तथ्यों के साथ-साथ भावनाओं को भी समझना, उनकी पत्रकारिता की खासियत रही है. उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ खबरें लिखना नहीं, बल्कि समाज की धड़कन को शब्दों में ढालने की एक कला है.
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