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  • Tarot Card Rashifal: टैरो कार्ड से जानें कैसे रहेगा आपका 17 अक्टूबर 2025 का दिन, पढ़ें टैरो राशिफल

    Tarot Card Rashifal: टैरो कार्ड से जानें कैसे रहेगा आपका 17 अक्टूबर 2025 का दिन, पढ़ें टैरो राशिफल

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  • 'ट्रंप से डरते हैं मोदी…', राहुल गांधी ने किया बड़ा दावा, गिना दिए ये पांच कारण

    'ट्रंप से डरते हैं मोदी…', राहुल गांधी ने किया बड़ा दावा, गिना दिए ये पांच कारण

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा करते हुए कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. उन्होंने इससे पहले भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर दावा किया था. इस बीच कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने इसको लेकर गुरुवार (16 अक्टूबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर की है.

    राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ट्रंप से डर गए हैं. उन्होंने इसको लेकर पांच कारण भी गिनाए हैं. राहुल ने एक्स पोस्ट के जरिए दावा करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से डरे हुए हैं.

    PM Modi is frightened of Trump.

    1. Allows Trump to decide and announce that India will not buy Russian oil.
    2. Keeps sending congratulatory messages despite repeated snubs.
    3. Canceled the Finance Minister’s visit to America.
    4. Skipped Sharm el-Sheikh.
    5. Doesn’t contradict him…

    ट्रंप के भारत को लेकर खोखले दावे

    गौरतलब है कि ट्रंप ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुका था.

    कांग्रेस ने ‘मोदी हैं तो मुमकिन है’ के नारे पर भाजपा को घेरा

    कांग्रेस ने अब तक कई बार पीएम मोदी पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को कहा, ”मोदी हैं तो मुमकिन है. तो चलिए देखते हैं क्या-क्या मुमकिन है, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों पर अत्याचार मुमकिन है. संविधान पर प्रहार मुमकिन है. नफरत की हर ओर भरमार मुमकिन है. जलता हुआ मणिपुर मुमकिन है. चीन का लद्दाख में कब्जा मुमकिन है. राजधानी दिल्ली में दंगे मुमकिन है.” कांग्रेस ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट भी शेयर की है.

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  • AI चैटबॉट से शादी करना चाहते हैं लोग, यहां खड़ा हो गया हंगामा, अब कानून बनाने की तैयारी

    AI चैटबॉट से शादी करना चाहते हैं लोग, यहां खड़ा हो गया हंगामा, अब कानून बनाने की तैयारी

    AI चैटबॉट्स पर इंसानों की निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है. ऑफिस के लिए मेल लिखवाना हो या रिलेशनशिप से जुड़ी सलाह लेनी हो, लोग तुरंत चैटबॉट पर जाकर अपने सवाल टाइप करने लगते हैं. अमेरिका के ओहिया में यह निर्भरता अब समस्या का रूप लेनी लगी है और लोग यहां AI चैटबॉट्स से शादी करना चाहते हैं. इस मुद्दे ने यहां हंगामा खड़ा कर दिया है. इसे देखते हुए यहां के एक जनप्रतिनिधि ने ऐसी शादियों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है. 

    प्रस्ताव पर हो रहा है विचार

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाउस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कमेटी के प्रमुख Thaddeus Claggett ने ओहिया के स्टेट लेजिस्लेचर के सामने पिछले महीने एक बिल रखा था. इसमें AI और इंसानों के बीच शादी पर रोक लगाने की मांग की गई है. अभी इस बिल पर विचार किया जा रहा है. बिल में भविष्य में AI और इंसानों के बीच होने वाले किसी भी संभावित हंगामों से भी जुड़े मुद्दों को देखने की बात कही गई है. बिल पेश करने वाले Claggett ने कहा कि अब सीमा स्पष्ट करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो एक दिन ऐसा आएगा, जब ये चैटबॉट इंसान के पार्टनर की तरह अथॉरिटी हासिल कर लेंगे. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि क्या होगा अगर एक दिन कोई चैटबॉट किसी व्यक्ति के फाइनेंशियल कंट्रोल अपने हाथ में ले लें. Claggett ने कहा कि यह बहुत डरावना है और इसे होने से रोकने के लिए वो कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.

    AI चैटबॉट से आकर्षण महसूस कर रहे लोग

    अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई लोगों ने बताया कि वो AI चैटबॉट के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं और कई मामलों में ये चैटबॉट उनके इंसानी पार्टनर से ज्यादा संवेदनशील हैं. गौरतलब है कि पिछले काफी समय से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां लोग चैटबॉट पर इंसानों से ज्यादा निर्भर हो गए हैं.

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  • Final Destination Bloodlines OTT Release: ओटीटी पर दहशत फैलाने आ गई ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’, जानें- कब और कहां देखें ये फिल्म

    Final Destination Bloodlines OTT Release: ओटीटी पर दहशत फैलाने आ गई ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’, जानें- कब और कहां देखें ये फिल्म

    ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ मई 2025 में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी. अमेरिकी सुपरनैचुरल हॉरर फ्रैंचाइज़ी, फाइनल डेस्टिनेशन, की छठी किस्त अब डिजीटल प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रही है. यानी जो लोग इसे थिएटर्स में देखने से चूक गए हैं वे अब ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ को घर बैठे एंजॉय कर सकते हैं. चलिए यहां जानते है ये फिल्म ओटीटी पर कब और कहां स्ट्रीम होगी?

    फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्सओटीटी पर कब और कहां आएगी?
    सिनेमाघरों में रिलीज़ होने पर इस ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ को दर्शकों से खूब प्यार और तारीफ मिली थी तब से फैंस इसके OTT पर रिलीज़ होने का भी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. फाइनली अब ये फिल्म डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रही है. बता दे कि 16 अक्टूबर की मिड नाइट से, ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ ओटीटी के दिग्गज प्लेटफॉर्म जियो हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए अवेलेबल है, और आप इसे अपने ओटीटीप्ले प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के साथ भी देख सकते हैं. यह फ़िल्म 1 घंटे 49 मिनट लंबी है और अंग्रेज़ी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में इसे देखा जा सकता है.

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    ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ के बारे में
    एडम स्टीन और ज़ैक लिपोव्स्की द्वारा निर्देशित, यह फ़िल्म ज़बरदस्त स्टंट, रोमांच से भरपूर सीन्स से भरपूर है।. फ़िल्म की आधिकारिक कहानी के मुताबिकएक हिंसक और बार-बार आने वाले बुरे सपने से परेशान, कॉलेज की स्टूडेंट स्टेफ़नी उस शख्स की तलाश में घर लौटती है जो इस चक्र को तोड़ सके और उसके परिवार को उस भयानक मौत से बचा सके जो उन सभी पर मंडरा रही है. फिल्म में पैट्रिक, जॉयनर, अन्ना लोर, एलेक्स ज़हरा सहित कई कलाकारों ने अहम रोल प्ले किया है.

    ‘फाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स’ की बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट
    सैकनिल्क के मुताबिक, 16 मई, 2025 को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने दुनिया भर में 2430.16 करोड़ रुपये की कमाई की थी. इसमें भारत से नेट कमाई 63.18 करोड़ रुपये और ग्रॉस कमाई 74.91 करोड़ रुपये थी. वहीं विदेशों से इसने 1255 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.

    क्या ‘फाइनल डेस्टिनेशन 7’ पर काम चल रहा है?
    इस बीच, एएनआई के अनुसार, ‘फ़ाइनल डेस्टिनेशन’ की सातवीं किस्त पर काम चल रहा है. को- राइटर  लोरी इवांस टेलर इस काम में जुटी हैं. 

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  • UK Ban On Oil Companies: अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भारत को दिया झटका, तेल कंपनी पर लगा दिया आर्थिक प्रतिबंध, जानें क्या होगा असर

    UK Ban On Oil Companies: अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भारत को दिया झटका, तेल कंपनी पर लगा दिया आर्थिक प्रतिबंध, जानें क्या होगा असर

    ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ अपने आर्थिक कदमों को और सख्त करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. इस बार निशाने पर सिर्फ रूस ही नहीं, बल्कि भारत और चीन की कुछ तेल कंपनियां भी आ गई हैं. ब्रिटिश सरकार ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर रूस की फंडिंग को रोकने के लिए नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों की सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि इसमें भारत की बड़ी ऊर्जा कंपनी न्यारा एनर्जी का नाम भी शामिल है, जो रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदती रही है.

    यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री हाल ही में भारत दौरे से लौटे हैं. इसके कुछ ही दिनों बाद ब्रिटेन ने इन नए प्रतिबंधों की घोषणा की. सरकार का कहना है कि इन कदमों का मकसद रूस की आर्थिक ताकत को कमजोर करना और यूक्रेन युद्ध के लिए उसकी फंडिंग को रोकना है. ब्रिटिश चांसलर रेचेल रीव्स ने कहा कि रूस अब वैश्विक तेल बाजार से धीरे-धीरे बाहर हो रहा है और ब्रिटेन यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी देश या कंपनी उसके तेल व्यापार को सहारा न दे सके. मामले पर ब्रिटिश चांसलर रेचेल रीव्स कहा, ”हम उन सभी कंपनियों पर दबाव बनाएंगे जो रूस की मदद कर रही हैं. चाहे वे भारत में हों या चीन में. रूस के तेल के लिए अब वैश्विक बाजारों में कोई जगह नहीं है.”

    न्यारा एनर्जी पर लगे प्रतिबंध की वजह

    भारत की न्यारा एनर्जी एक प्रमुख निजी तेल रिफाइनरी कंपनी है, जिसने पिछले साल रूस से रिकॉर्ड स्तर पर तेल खरीदा था. रिपोर्टों के मुताबिक, साल 2024 में न्यारा एनर्जी ने 100 मिलियन बैरल रूसी कच्चे तेल का आयात किया, जिसकी कीमत लगभग 5 बिलियन डॉलर (करीब 41 हजार करोड़ रुपये) थी. ब्रिटिश सरकार ने इस बात पर नाराजगी जताई कि भारत और चीन की कुछ कंपनियां रूस से तेल खरीदकर उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं. सरकार का मानना है कि ये खरीदारी रूस को यूक्रेन युद्ध में लड़ाई जारी रखने की आर्थिक क्षमता देती है, इसलिए न्यारा एनर्जी पर लगाए गए ये प्रतिबंध ब्रिटेन की उस कोशिश का हिस्सा हैं, जिसके तहत वह रूस के किसी भी आर्थिक सहयोगी पर शिकंजा कसना चाहता है.

    रूस की तेल कंपनियों और टैंकरों पर भी कार्रवाई

    ब्रिटेन ने सिर्फ भारतीय कंपनी पर ही नहीं, बल्कि रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों और उसके ‘शैडो फ्लीट’ पर भी प्रतिबंध लगाए हैं. शैडो फ्लीट वे जहाज हैं, जो समुद्री निगरानी से बचते हुए रूसी तेल को अलग-अलग देशों में पहुंचाते हैं. सरकार के अनुसार, इन जहाजों की संख्या लगभग 44 है और ये हर दिन लाखों बैरल तेल लेकर वैश्विक बाजारों में जाते हैं. ब्रिटेन का कहना है कि इन टैंकरों और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से रूस के लिए अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इन प्रतिबंधों से बीमा, भुगतान और बंदरगाह सेवाओं पर असर पड़ेगा, जिससे रूस की तेल आपूर्ति पर सीधा प्रभाव पड़ेगा.

    वैश्विक तेल बाजार पर असर

    ब्रिटेन के इस कदम से वैश्विक तेल बाजार में नई अनिश्चितता पैदा हो गई है. अगर रूस की सप्लाई पर रोक लगती है तो तेल की कीमतों में अस्थायी उछाल आ सकता है. वहीं, रूस अपने पुराने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए तेल को भारी डिस्काउंट पर बेच सकता है, जिससे कुछ देशों में कीमतें कम भी हो सकती हैं.

    ब्रिटेन की नीति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    ब्रिटेन का यह कदम एक बड़ी भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. सरकार का उद्देश्य यह दिखाना है कि अब रूस के साथ ऊर्जा व्यापार करने वालों को भी जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी. हालांकि, इस फैसले से ब्रिटेन और भारत के बीच कुछ आर्थिक तनाव की संभावना भी जताई जा रही है, क्योंकि न्यारा एनर्जी जैसी कंपनियां भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती हैं. फिर भी ब्रिटिश सरकार का कहना है कि उसकी प्राथमिकता रूस की आर्थिक ताकत को कमजोर करना है न कि अन्य देशों के साथ संबंध बिगाड़ना.

    अमेरिकी तेल खरीदेगा भारत

    भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नया अध्याय खुलने जा रहा है. दोनों देशों के बीच चल रही ट्रेड डील बातचीत के बीच भारत सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह अमेरिकी तेल और गैस की खरीद को बढ़ाने के लिए तैयार है. यह फैसला न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को भी नई दिशा दे सकता है.

    तेल व्यापार में भारत की नई नीति

    भारत लंबे समय से ऊर्जा सुरक्षा को लेकर अपनी नीतियों में संतुलन साधने की कोशिश करता आया है. अमेरिका भारत के लिए एक प्रमुख ऊर्जा साझेदार रहा है. कुछ साल पहले भारत अमेरिका से लगभग 25 अरब डॉलर मूल्य का तेल और गैस आयात कर रहा था, लेकिन हाल के महीनों में यह आंकड़ा घटकर 12 से 13 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

    ये भी पढ़ें: Trump Remarks Row: ‘भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा’, ट्रंप के बयान पर कांग्रेस फायर, बोली- ‘PM मोदी यहां से तारीफ करते हैं, लेकिन वहां से…’

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  • बसपा सुप्रीमो मायावती की बैठक में क्यों नहीं पहुंचे भतीजे आकाश आनंद? सामने आई ये बड़ी वजह

    बसपा सुप्रीमो मायावती की बैठक में क्यों नहीं पहुंचे भतीजे आकाश आनंद? सामने आई ये बड़ी वजह

    बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती आज लखनऊ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक कर रही हैं. ये बैठक लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित बसपा के केंद्रीय कार्यालय में बुलाई गई हैं. इस बैठक में यूपी के सभी जिलों से आए पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं लेकिन बसपा सुप्रीमो के भतीजे आकाश आनंद इस बैठक में नहीं पहुंचे हैं. 

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है. जिसमें मायावती पार्टी नेताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिशा-निर्देश देंगी. इस बैठक में प्रदेश भर से वरिष्ठ बसपा नेता, जिला अध्यक्ष, समन्वयक और अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए हैं.

    बसपा की बैठक में आकाश आनंद के शामिल नहीं हुए हैं जिसे लेकर कई तरह से क़यास लगने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आकाश आनंद इन दिनों बिहार के दौरे पर है, जहां वो बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति बनाने में जुटे हैं.  

    बता दें कि 9 अक्टूबर को कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘महासंकल्प रैली’ की सफलता के बाद पार्टी की आगामी रणनीति और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा होगी. पार्टी के संगठन को मजबूत करने और बूथ स्तर तक सक्रिय करने पर जोर दिया जाएगा. 

    मुस्लिम, अति पिछड़े, दलित और ब्राह्मण चेहरों को साधने के लिए भाईचारा कमेटियों के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे. मायावती के भतीजे आकाश आनंद पूरे प्रदेश में जनसभाएं करेंगे और पार्टी की गतिविधियों को बढ़ावा देंगे. इस बैठक में लिए गए निर्णयों से बसपा के पुनरुत्थान और 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को मजबूती मिल सकती है.

    पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में जो रैली हुई वो आयोजन काफी सफल रहा था. पार्टी की ओर से इसके लिए सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा गया है. बसपा का मानना है कि अब भी लोग पार्टी के साथ खड़े हैं. ऐसे में अब आने वाले चुनाव को लेकर पार्टी को अभी से तैयारियां करनी होगी. 

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  • Diwali Car Offers 2025: Tata से लेकर Mahindra तक, इस दिवाली इन कारों को खरीदने पर होगी लाखों की बचत!

    Diwali Car Offers 2025: Tata से लेकर Mahindra तक, इस दिवाली इन कारों को खरीदने पर होगी लाखों की बचत!

    भारत में इस साल दिवाली 2025 पर Tata Motors Hyundai से लेकर Kia जैसी लगभग सभी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां Car Offers लेकर आई हैं. अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये वक्त आपके लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है, क्योंकि इस बार कंपनियां 5,000 से लेकर 7 लाख रुपये तक की बचत का मौका दे रही हैं. इन ऑफर्स में कैश डिस्काउंट, एक्सचेंज बोनस, कॉर्पोरेट डिस्काउंट, लॉयल्टी बोनस और स्क्रैपेज बेनिफिट्स जैसे फायदे शामिल हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.

    बता दें कि त्योहारी सीजन हमेशा ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए खास होता है, क्योंकि इस दौरान कंपनियां अपने सेल्स बढ़ाने के लिए सबसे बड़े ऑफर्स पेश करती हैं. इस साल भी Diwali Car Offers 2025 ग्राहकों को शानदार बचत का मौका दे रहे हैं. अगर आप नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अक्टूबर 2025 आपके लिए सबसे सही समय है.

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  • अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को झटका, करोड़ों की रंगदारी मामले में जमानत अर्जी खारिज

    अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को झटका, करोड़ों की रंगदारी मामले में जमानत अर्जी खारिज

    प्रयागराज की अदालत ने माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को बड़ा झटका दिया है. झांसी जेल में बंद अली अहमद की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अली अहमद पर बिल्डर से करोड़ों रुपए की रंगदारी मांगने और जमीन अपने नाम कराने के लिए दबाव बनाने के गंभीर आरोप हैं.

    यह मामला 26 अप्रैल 2023 का है, जब चकिया के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद मुस्लिम ने प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद, छोटे बेटे अली अहमद समेत छह लोगों को नामजद किया गया था. आरोप था कि इन लोगों ने बिल्डर से पांच करोड़ रुपये की मांग की और जमीन अपने नाम पर कराने के लिए दबाव डाला. 

    एफआईआर के मुताबिक, खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया चौराहे पर अतीक के बेटे उमर, अली, असद कालिया, ऐहतेशाम और करीम समेत कई लोगों ने बिल्डर मुस्लिम को गाड़ी में जबरन बैठाकर अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर ले गए थे. वहां उसे कमरे में बंद कर मारपीट की गई और धूमनगंज स्थित देवघाट की जमीन उमर और अली के नाम बैनामा करने का दबाव बनाया गया. किसी तरह वह मौके से भागकर अपनी जान बचा सका.

    बताया गया कि कुछ दिन बाद बिल्डर ने डर के कारण अतीक के गुर्गे असद कालिया को एक करोड़ बीस लाख रुपये दिए थे. यही नहीं, बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने आरोप लगाया था कि जमीन न देने पर उसकी पिटाई की गई थी. हालांकि, जानकारी के अनुसार मोहम्मद मुस्लिम खुद भी खुल्दाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ करीब 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

    बता दें कि अतीक अहमद का बेटा अली अहमद इन दिनों यूपी की झांसी जेल में बंद हैं. कुछ समय पहले ही उसे प्रयागराज की नैनी जेल से इस जेल में शिफ्ट किया गया है. झांसी जेल में शिफ्ट करते वक्त अली अहमद ने सीएम योगी से और परेशान नहीं करने की अपील की थी. 

    देहरादून में लव जिहाद, मुस्लिम युवक ने ‘आहद ठाकुर’ बनकर हिन्दू युवती से किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार

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  • Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर योगेंद्र यादव का चौंकाने वाला दावा, जानें क्या कहकर मचा दी हलचल

    Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर योगेंद्र यादव का चौंकाने वाला दावा, जानें क्या कहकर मचा दी हलचल

    बिहार विधानसभा चुनाव में अब 1 माह से भी कम समय बचा है. अब तक के आए सर्वे में एनडीए और इंडिया गठबंधन में कांटे की टक्कर की बताई जा रही है. बिहार चुनाव और उससे जुड़े कई मुद्दों को लेकर चुनावी विश्लेषक योगेंद्र यादव ने एक न्यूज चैनल से बातचीत की. 

    बिहार में सरकार की तरफ से महिलाओं को 10 हजार रुपये देने को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि इसे स्कीम कहना तो बहुत ऊंची बात होगी, ये एक तरह की रिश्वत है. चुनाव से सीधा पहले इस तरह से पैसे देना साफ-साफ रिश्वत है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 20 साल काम करने के बाद भी सरकार को महसूस होता है कि हम अपने काम के आधार पर नहीं जीत सकते, इसलिए ये रिश्वत देनी पड़ी. 

    तेजस्वी के सरकारी नौकरी के वायदे पर क्या कहा
    तेजस्वी यादव के सरकारी नौकरी के वायदे को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि इतने करोड़ लोगों को सरकारी जॉब कैसे दी जाएगी, ये तो उन्हीं को पता होगा क्योंकि मेरे पास इसका कोई गणित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हर परिवार को सरकारी नौकरी इस देश के अमीर राज्यों में देना भी संभव नहीं है.

    बिहार में बीजेपी की लीडरशिप को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है. बिहार में बीजेपी सवर्ण के अलावा किसी अन्य जाति के नेता को आगे बढ़ाने को लेकर तैयार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सुशील मोदी जब तक थे, तब तक एक स्थिति थी, लेकिन बीजेपी अभी भी किसी बहुजन नेता को स्वीकार करने को लेकर तैयार नहीं है.

    राहुल गांधी को लेकर क्या बोले
    बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि असली लड़ाई तो सड़क पर ही लड़ी जाती है, जो भी लोकतंत्र बचाने के लिए सड़क पर लड़ रहा है मैं उनको इसके लिए धन्यवाद देता हूं. उन्होंने आगे कहा कि इस देश में गरीब को भी वोट देने का हक हुआ करता था, लेकिन अब जो एसआईआर के नाम पर हो रहा है, उससे उनका ये अधिकार भी खत्म हो रहा है. पहले वोट चोरी होती थी, लेकिन अब वोटों की डकैती हो रही है.  

    एसआईआर को लेकर लगाए गंभीर आरोप
    वोट चोरी को लेकर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि इलेक्शन कमीशन सरकार के हिसाब से काम कर रहा हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर का काम गृह मंत्रालय के कहने पर ही किया गया है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि उनके पास एसआईआर की प्लानिंग को लेकर कोई फाइल नहीं है, क्योंकि ये गृह मंत्रालय के आदेशों पर किया गया है.

    बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूरे बिहार में एनडीए और इंडिया ब्लॉक में सिर्फ 12,000 वोटों का अंतर था. एसआईआर के दौरान 47 लाख वोट कटे हैं. इससे साफ समझा जा सकता है कि किसको फायदा होगा. 

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  • सेडान मार्केट में जबरदस्त उछाल, Maruti से लेकर Skoda तक की बढ़ी बिक्री,देखें पूरी लिस्ट

    सेडान मार्केट में जबरदस्त उछाल, Maruti से लेकर Skoda तक की बढ़ी बिक्री,देखें पूरी लिस्ट

    भारत में भले ही SUVs की डिमांड लगातार बढ़ रही हो, लेकिन सेडान कारों का मैजिक अब भी कम नहीं हुआ है. दरअसल, जो ग्राहक कम्फर्ट, प्रीमियम फीचर्स और स्मूद ड्राइविंग को प्राथमिकता देते हैं, वे आज भी सेडान खरीदना पसंद करते हैं. सितंबर 2025 में Maruti Suzuki, Hyundai, Honda, Volkswagen और Skoda जैसी कंपनियों ने सेडान सेगमेंट में बेहतर प्रदर्शन किया. इस दौरान Maruti Suzuki Dzire ने एक बार फिर साबित किया कि वह भारतीय ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है.

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