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वर्ष 1979 में मार्गरेट थैचर जब ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, तब जापान की एक चौथाई लड़की ने मन ही मन उन्हें अपना आदर्श माना था, जो अपनी तरह अपने देश का नेतृत्व करते थे। का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया था। 46 साल पहले देखा था उस लड़की का सपना अब साकार हो रहा है। वह लड़की साने ताकाइची थी, जिसमें हाल ही में जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता चुनी गई हैं। संभावना है कि आने वाले 15 दिनों में उन्हें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर चुना जाएगा। सहकारी जापान की संसद में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाली ताकाइची आर्थिक सुरक्षा मंत्रालय सहित कई अहम जिम्मेदारियाँ निभाई जाती हैं। कट्टर रुढ़िवादी छवि के आलोचकों ने उन्हें कथित तौर पर ‘तालिबान ताकाइची’ तक कह दिया था। वह मार्गरेट थैचर की तरह जापान की आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध हैं।
शुरुआत
साने ताकाइची का जन्म सात मार्च 1961 को जापान के राज्य में हुआ था। उनके पिता टोयोटा कंपनी में कर्मचारी थे, तो मां पुलिस में। प्रोटोटाइप शिक्षा पूरी करने के बाद ताकाइची निजी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन छोटे भाई की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आई, इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय से बिजनेस इवेंट्री की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने टीवी एंकरिंग सहित अन्य काम किये। 1984 में ताकाइची ने मात्सुशिता इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल एंड जिम्बाब्वे में प्रवेश लिया। तीन साल बाद, उन्हें वाशिंगटन डीसी के तहत एक कार्यक्रम भेजा गया। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के अमेरिकी प्रतिनिधि पैट श्रोएडर के लिए कांग्रेसनल फेलो के रूप में काम किया। 1989 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में अपने अनुभव पर एक किताब भी लिखी।
शिंजो आबे से सीखी राजनीति
अमेरिका से वापसी के बाद ताकाइची ने राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी। वे 1992 में कॉम्बैट के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन हार गये। इसके एक साल बाद ही और अच्छी तैयारी के साथ फिर से संसदीय चुनाव मैदान में टोकियो के रूप में प्रवेश और जीत दर्ज की गई। 1996 में वह साउथपंथी एलडीपी से जुड़े और अब तक संसद सदस्य हैं। 2000 के दशक में ताकाइची शिंजो आबे के सहयोगी बने, जो लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। वे अबे के निर्देशन में राजनीति के दांव-पेंच सीखे। 2021 और 2024 में एलडीपी के शीर्ष नेता का चुनाव हार गया, लेकिन इस बार पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद शिगेरू इशिबा की हार हुई, उन्होंने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हरा दिया। वह सिर्फ एक बार चुनाव हारे हैं और दस बार सांसद बने हैं।
पहली महिला
64 साल पहले साने ताकाइची एलडीपी की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के साथ ही देश की महिला प्रधानमंत्री बनने वाली हैं। उन्होंने नारा प्रांत की पहली ऐसी शख्सियत बताई, जो प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाली भी वह ऐसी पहली शख्सियत बन गईं, जिसका कोई राजनीतिक खानदान से ठिकाना न हो। वह चीन के सैन्य और आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के एक प्रमुख आलोचक हैं और उन्होंने जापान से अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयास करने का प्रयास किया है। परीक्षण किया गया है। उन्होंने वाॅयल से भी अपने देश ‘जापान’ की पेशकश की है।
ड्रम वादक और कार चालक
ताकाइची को कॉलेज के समय से ही ड्रमर का शौक है। वह इतनी तेजी से ड्रम बजाती थी कि स्टिक ही टूट जाती थी, इसलिए वह अपने पास अतिरिक्त स्टिक लिखती थी। वह मोटरसाइकिल और कार चलाने के भी शौकीन हैं, तो स्कूबा डाइविंग में उन्हें हासिल करना मुश्किल है। जब वह पहली बार संसद का चुनाव करते थे, तो वे टोयोटा कंपनी की कार की स्थापना करते थे, जहां वे लंबे समय तक पद पर रहे, अब वह अपनी छोटी सा सरकार का हिस्सा हैं। वह गाने गाते हैं और जापानी रॉक सुनने के शौकीन हैं और बेसबॉल टीम हैनशिन टाइगर्स और घुड़दौड़ के प्रशंसक हैं।
कट्टर, फिर भी प्रगतिशील
ताकाइची महिला लामबंदी की हिमायती हैं, लेकिन कुछ मामलों में वह कट्टर परंपरावादी हैं। उनका मानना है कि जापान के शाही परिवार का उत्तराधिकारी पुरुष ही होना चाहिए, इसलिए वह समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं। वह शादी के बाद फूफू बेसेई या वेयरहाउस के लिए अलग-अलग एनालॉग के विचारों का विरोध करता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह परंपरा के खिलाफ है। वह जापानी मुद्रा संरक्षण के जोरशोर पर हैं।
एक ही पति से दो बार शादी
साने ताकाइची ने अपने सहयोगी सांसद ताकू यामामोटो के साथ 2004 में शादी की थी और जुलाई 2017 में उनका तलाक हो गया था, लेकिन दिसंबर 2021 में दोनों ने फिर शादी कर ली। ताकाइची की कोई संत नहीं है, लेकिन यामामोटो की पहली शादी के तीन बच्चों को वह संत है। सौतेले बच्चों से उन्हें चार पॉट-पोटियां मिलती हैं।
फोटो मुसीबत में डाला गया
वर्ष 2011 में ताकाइची ने नेशनल सोशलिस्ट जापानीज वर्कर्स पार्टी के प्रमुख काजुनारी यामादा के साथ फोटो खानदानवाई थी। बाद में यामाडा ने एडॉल्फ हिटलर के समर्थकों पर एक ब्लॉग लिखा और 11 सितंबर 2001 को आतंकवादी हमलों को सही ठहराया, जिसके कारण वह आलोचकों की दृढ़ता पर अड़े रहे। इसके बाद ताकाइची के कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा कि तस्वीर असली थी, लेकिन उस समय उन्हें यामादा के अतिवादी विचार के बारे में पता नहीं था।