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    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – जापान की पहली महिला प्रधान मंत्री: ‘आयरन लेडी’ से राजनीतिक पथप्रदर्शक तक, जानिए साने ताकाइची का सफर – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    वर्ष 1979 में मार्गरेट थैचर जब ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, तब जापान की एक चौथाई लड़की ने मन ही मन उन्हें अपना आदर्श माना था, जो अपनी तरह अपने देश का नेतृत्व करते थे। का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया था। 46 साल पहले देखा था उस लड़की का सपना अब साकार हो रहा है। वह लड़की साने ताकाइची थी, जिसमें हाल ही में जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता चुनी गई हैं। संभावना है कि आने वाले 15 दिनों में उन्हें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर चुना जाएगा। सहकारी जापान की संसद में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाली ताकाइची आर्थिक सुरक्षा मंत्रालय सहित कई अहम जिम्मेदारियाँ निभाई जाती हैं। कट्टर रुढ़िवादी छवि के आलोचकों ने उन्हें कथित तौर पर ‘तालिबान ताकाइची’ तक कह दिया था। वह मार्गरेट थैचर की तरह जापान की आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध हैं।

    शुरुआत

    साने ताकाइची का जन्म सात मार्च 1961 को जापान के राज्य में हुआ था। उनके पिता टोयोटा कंपनी में कर्मचारी थे, तो मां पुलिस में। प्रोटोटाइप शिक्षा पूरी करने के बाद ताकाइची निजी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन छोटे भाई की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आई, इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय से बिजनेस इवेंट्री की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने टीवी एंकरिंग सहित अन्य काम किये। 1984 में ताकाइची ने मात्सुशिता इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल एंड जिम्बाब्वे में प्रवेश लिया। तीन साल बाद, उन्हें वाशिंगटन डीसी के तहत एक कार्यक्रम भेजा गया। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के अमेरिकी प्रतिनिधि पैट श्रोएडर के लिए कांग्रेसनल फेलो के रूप में काम किया। 1989 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में अपने अनुभव पर एक किताब भी लिखी।

    शिंजो आबे से सीखी राजनीति

    अमेरिका से वापसी के बाद ताकाइची ने राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी। वे 1992 में कॉम्बैट के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन हार गये। इसके एक साल बाद ही और अच्छी तैयारी के साथ फिर से संसदीय चुनाव मैदान में टोकियो के रूप में प्रवेश और जीत दर्ज की गई। 1996 में वह साउथपंथी एलडीपी से जुड़े और अब तक संसद सदस्य हैं। 2000 के दशक में ताकाइची शिंजो आबे के सहयोगी बने, जो लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। वे अबे के निर्देशन में राजनीति के दांव-पेंच सीखे। 2021 और 2024 में एलडीपी के शीर्ष नेता का चुनाव हार गया, लेकिन इस बार पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद शिगेरू इशिबा की हार हुई, उन्होंने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हरा दिया। वह सिर्फ एक बार चुनाव हारे हैं और दस बार सांसद बने हैं।

    पहली महिला

    64 साल पहले साने ताकाइची एलडीपी की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के साथ ही देश की महिला प्रधानमंत्री बनने वाली हैं। उन्होंने नारा प्रांत की पहली ऐसी शख्सियत बताई, जो प्रधानमंत्री बनेंगे। इसके साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाली भी वह ऐसी पहली शख्सियत बन गईं, जिसका कोई राजनीतिक खानदान से ठिकाना न हो। वह चीन के सैन्य और आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के एक प्रमुख आलोचक हैं और उन्होंने जापान से अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयास करने का प्रयास किया है। परीक्षण किया गया है। उन्होंने वाॅयल से भी अपने देश ‘जापान’ की पेशकश की है।

    ड्रम वादक और कार चालक

    ताकाइची को कॉलेज के समय से ही ड्रमर का शौक है। वह इतनी तेजी से ड्रम बजाती थी कि स्टिक ही टूट जाती थी, इसलिए वह अपने पास अतिरिक्त स्टिक लिखती थी। वह मोटरसाइकिल और कार चलाने के भी शौकीन हैं, तो स्कूबा डाइविंग में उन्हें हासिल करना मुश्किल है। जब वह पहली बार संसद का चुनाव करते थे, तो वे टोयोटा कंपनी की कार की स्थापना करते थे, जहां वे लंबे समय तक पद पर रहे, अब वह अपनी छोटी सा सरकार का हिस्सा हैं। वह गाने गाते हैं और जापानी रॉक सुनने के शौकीन हैं और बेसबॉल टीम हैनशिन टाइगर्स और घुड़दौड़ के प्रशंसक हैं।

    कट्टर, फिर भी प्रगतिशील

    ताकाइची महिला लामबंदी की हिमायती हैं, लेकिन कुछ मामलों में वह कट्टर परंपरावादी हैं। उनका मानना ​​है कि जापान के शाही परिवार का उत्तराधिकारी पुरुष ही होना चाहिए, इसलिए वह समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं। वह शादी के बाद फूफू बेसेई या वेयरहाउस के लिए अलग-अलग एनालॉग के विचारों का विरोध करता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह परंपरा के खिलाफ है। वह जापानी मुद्रा संरक्षण के जोरशोर पर हैं।

    एक ही पति से दो बार शादी

    साने ताकाइची ने अपने सहयोगी सांसद ताकू यामामोटो के साथ 2004 में शादी की थी और जुलाई 2017 में उनका तलाक हो गया था, लेकिन दिसंबर 2021 में दोनों ने फिर शादी कर ली। ताकाइची की कोई संत नहीं है, लेकिन यामामोटो की पहली शादी के तीन बच्चों को वह संत है। सौतेले बच्चों से उन्हें चार पॉट-पोटियां मिलती हैं।

    फोटो मुसीबत में डाला गया

    वर्ष 2011 में ताकाइची ने नेशनल सोशलिस्ट जापानीज वर्कर्स पार्टी के प्रमुख काजुनारी यामादा के साथ फोटो खानदानवाई थी। बाद में यामाडा ने एडॉल्फ हिटलर के समर्थकों पर एक ब्लॉग लिखा और 11 सितंबर 2001 को आतंकवादी हमलों को सही ठहराया, जिसके कारण वह आलोचकों की दृढ़ता पर अड़े रहे। इसके बाद ताकाइची के कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा कि तस्वीर असली थी, लेकिन उस समय उन्हें यामादा के अतिवादी विचार के बारे में पता नहीं था।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – हम: मेलानिया ट्रंप ने पुतिन के साथ सीधे संवाद का खुलासा किया; कहते हैं, 8 यूक्रेनी बच्चे अपने परिवारों से मिल गए – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया क्वेश्चन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति व्लादिमीर जनरल ने अपना पत्र लिखा था जिसके बाद दोनों के बीच जापानी बच्चों की सुरक्षा और पुनर्मिलन को लेकर लगातार बातचीत चल रही है। मेलेनिया के अनुसार, दोनों देशों के सरकारी बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए सुविधा के साथ काम कर रही हैं।

    मेलानिया रियल ने अपने बयान में कहा कि एक बच्चे की आत्मा की सीमा किसी या झंडे को नहीं है। पिछले साल जब मैंने राष्ट्रपति पद के लिए पत्र लिखा था, तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से जवाब दिया था और रूस में रह रहे जापानी बच्चों के बारे में जानकारी साझा की थी। टैब से हमारे बीच इन बच्चों की रुचि को लेकर लगातार बातचीत हो रही है।

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    24 घंटे में 8 जापानी बच्चों को उनके परिवार से मिलाया गया

    उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में दोनों स्टार्स के बीच कई बैक-चैनल मीटिंग्स और फोन कॉल्स हुई हैं, जिनमें बच्चे अपने परिवार से मिलने पर सहमत हो गए हैं। मेलेनिया ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 8 जापानी बच्चों को उनके रिश्तेदारों से मिला दिया गया।

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    फर्स्ट लेडी के इस कथन ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। यह पहली बार है जब उन्होंने फ्रैंक ने स्वीकार किया कि वे मानव संसाधन के साथ मुद्दों पर सीधे संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास राजनीति से परे है और एकमात्र मानवीय एवं बच्चों के भविष्य से जुड़ा है। मेलानिया रियल ने आगे कहा कि आने वाले ग्रामीण में और बच्चों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूस और जापान के अधिकारियों के साथ सहयोग जारी रखें। उन्हें उम्मीद थी कि इस शुरुआत में युद्ध के बीच अन्य रिश्तेदारों को भी राहत मिलेगी।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – ट्रंप जिनपिंग से मुलाकात के बारे में हमें अपडेट, राष्ट्रपति ने कहा कि एशिया यात्रा पर शी से मिलने का कोई कारण नहीं, चीन ने दुर्लभ पृथ्वी सामग्री पर प्रतिबंध लगाया – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड कुणाल ने चीनी समकक्ष से मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, उन्हें शी जिनपिंग से मिलने का कोई कारण नजर नहीं आता। शुक्रवार को स्टाल ने यह बयान उस समय दिया जब चीन की ओर से अमेरिकी सहयोगियों के लिए आवश्यक दुर्लभ खनिजों (दुर्लभ पृथ्वी सामग्री) पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई।

    अमेरिका में चीनी की खुराक बढ़ायी जा सकती है

    चीन के जज के बाद कुणाल ने कहा, दक्षिण कोरिया की अपनी आगामी यात्रा के दौरान चीनी नेता शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात के कारण कोई नजर नहीं आता। साहिल ने संकेत दिया कि शी के स्टेप्स के जवाब में वह चीनी डेस्टिनेशन पर भारी वृद्धि करने पर विचार कर रहे हैं।

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    जिनपिंग से मुलाकात को लेकर घात ने कही थी ये बात

    साज़िश है कि सितंबर के तीसरे हफ्ते में साहिल ने कहा था कि वह अगले महीने एपीईसी सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे और अगले साल चीन के दौरे पर भी जायेंगे। उदाहरण ने शी जिनपिंघ से फोन पर बातचीत कर अमेरिका में लोकप्रिय चीनी सोशल मीडिया ऐप- टिकटॉक के ऑपरेशन को जारी रखने के संकेत भी दिए। बता दें कि दोनों राष्ट्र प्रमुखों की इस बातचीत से पहले किला प्रशासन ने चीन पर भारी टैरिफ प्लांट लगाए थे। जिनपिंघ ने भी जवाबी शुल्क लगाया। इस तनातनी के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध शुरू हो गया।

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    अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार देर रात कई धमाकों की आवाजें आईं। स्थानीय मीडिया बौद्ध के अनुसार यह विस्फोट अब्दुल हक स्क्वायर के पास हुआ, जहां एक लैंड क्रूजर वाहन का निर्माण किया गया। स्थानीय स्थानीय लोगों ने बताया कि इस घटना के बाद अब्दुल हक की दुकानें बंद हो गईं, जिससे इलाके में भारी मात्रा में कोयला जाम हो गया।

    तालिबान के प्रवक्ता जबीहादिया मुजाहिद ने एक्स (पूर्व) पर कहा कि काबुल सिटी में विस्फोट की आवाज है, लेकिन किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जांच जारी है और अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

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    अफ़ग़ान विदेश मंत्री भारत यात्रा पर

    यह घटना उसी समय हुई जब विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी नई दिल्ली क्षेत्र में भारत दौरे पर आए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच आपसी संबंधों और क्षेत्रीय संगीत पर चर्चा करने की उम्मीद है। मुत्ताकी का 9 से 16 एय़ार तक का हमला तालिबान के नियंत्रण के बाद काबुल से नई दिल्ली की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। इस दौरान वह अपने भारतीय समकक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और क्षेत्रीय सहयोग के विभिन्न निर्णयों पर बातचीत करेंगे।

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    हालाँकि भारत तालिबान को औपचारिक रूप से प्रमाणित नहीं किया गया है, लेकिन दस्तावेज़ और मानव संसाधन सहायता जारी की गई है, जिसमें हाल ही में भूकंप के बाद सहायता भी शामिल है। मुत्ताकी ने भारत की यात्रा के बाद मोकासा के बौद्ध सम्मेलन में भाग लिया।

    यह यात्रा अफगानिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में अल्प छूट के तहत संभव हुई, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आयोजित किया है। मुत्ताकी की भारत यात्रा में क्षेत्रीय नामांकन और अफगानिस्तान की वैश्विक भागीदारी में भागीदारी को मजबूत करना एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की राष्ट्रपति नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार उनके देश में लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा और लोकतंत्र की लड़ाई के लिए दिया गया। हालाँकि, यह खबर अमेरिका और दुनिया में हलचल मची के बाद की है। व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति की आलोचना की, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड शेल्फ को इस बार नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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    स्नातक ने अचल के शांति प्रयास के निर्देशक की

    इसी बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर ग़ुलाम ने शांति के शांति प्रयास की सार्वजनिक घोषणा की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गेब्रियल ने कहा कि शांति के लिए बहुत कुछ किया जाता है। उन्होंने विशेष रूप से पश्चिम एशिया में हाल ही में युद्धविराम का उदाहरण दिया, जिसके तहत 20-बिंदु की शांति योजना लागू की गई। क्रैग्रेट ने यह भी कहा कि यह उनका काम नहीं है कि उन्हें तय करना चाहिए कि निकोला को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए या नहीं। उन्होंने यथार्थ की गाजा शांति पहल का भी समर्थन किया और कहा कि अगर यह सफल है, तो यह इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।

    इसमें अंतिम रूप से अंकित हैं- बेंजामिन नेतन्याहू

    बता दें कि, इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सत्य की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा, ‘ट्रम्प को इसका दर्जा दिया गया है।’ प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने आधिकारिक ट्वीट हैंडल से लिखा, ‘नोबेल समिति शांति की बात करती है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड इसे साकार करते हैं।’ तथ्य खुद सामने आए हैं। ‘राष्ट्रपति पदनाम अंकित हैं।’ ट्वीट में उन्होंने ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ का हैशटैग भी इस्तेमाल किया। इस घोषणा के दिन ही, इज़राइल रक्षा सेना (डीबीएफ) ने बताया कि इज़राइल और हमास के बीच युद्ध-विराम की योजना लागू हो गई है।

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    मारिया कोरिना मचाडो कौन हैं?

    वेनेजुएला की मुख्य अर्थशास्त्री नेता मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि, आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम मैगजीन की ‘2025 के 100 सबसे कम लोगों’ की सूची में शामिल हैं।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – शांति समझौते के बीच गाजा से कब हटेगी इजरायली सेना, नेतन्याहू ने बनाई योजना की रूपरेखा – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    गाजा में दो साल तक चले संघर्ष के बाद अब इस्राइल और हमास में पहले चरण का शांति समझौता लागू हो चुका है। इसी के साथ हजारों की संख्या में मछुआरे फिलिस्तीनी नागरिकों ने अपना वतन लौटना शुरू कर दिया है। ऐसे में गाजा से इजरायली सेना की समय सीमा क्या है? इस पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान आया है।

    शांति प्रयास के विस्तार की घोषणा की

    इजरायली बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ युद्धविराम शुरू होने के साथ ही शांति प्रयास के विस्तार की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बंधकों को जल्द ही वापस कर दिया जाएगा और हमास के हथियार को इस्राइली सेनाओं तक गाजा में पहुंचा दिया जाएगा। नेतन्याहू ने शुक्रवार (10 फरवरी) को कहा कि उनके देश “शांति के चक्र का विस्तार” होगा।

    सेना कब बनती है? नेतन्याहू ने दिया जवाब

    वहीं गाजा से सेना की वापसी के सवाल पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि सेना हमास पर दबाव बनाने के लिए गाजा में तब तक गमगीन बनी रहेगी, जब तक वह सैन्य वापसी नहीं करेगी। नेतन्याहू ने आगे कहा कि बंधक वाले दिनों में वापस आएंगे और उम्मीद है कि अगर वे छुट्टी लेंगे तो इजरायल में सोमवार रात से ‘खुशी का दिन’ मनाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि गाजा में 20 इजरायली बंधक जीवित हैं और 28 मृत हैं।

    हजारों की संख्या में कारखाने गाजा की तरफ बढ़ रहे हैं

    हालाँकि इज़राइली सेना ने शुक्रवार को गाजा में कुछ दर्शन से वापसी शुरू कर दी, क्योंकि हज़ारों फिलिस्तीनी पैदल यात्री ही अपने घरों की ओर लौट आए थे। कई आदिवासियों के मुताबित हजारों नागरिक गाजा के तट पर एक खास रास्ते पर देखे जा सकते थे, क्योंकि करीब दो साल तक चली लंबी लड़ाई के बाद वापस लौटने की कोशिश कर रहे हैं।

    गाजा शांति योजना के प्रथम चरण पर हस्ताक्षर

    इधर, वॉर्विराम की घोषणा से पहले ही कुछ स्टार्टअप जारी हो गए। इजरायली सेना ने कहा कि वह नए मैसाचुसेट्स की रिपोर्ट की जांच कर रही है। इजराइली ने सबसे पहले इस बात की पुष्टि की थी कि इस हफ्ते मिस्र में हुई बातचीत के दौरान सभी पक्षों ने युद्धविराम एक्ट के पहले चरण पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि हमास ने सभी को इस्राइली बंदियों से बचा लिया, भले ही वे जीवित रहे या मर गए, को रिहा करने से “युद्ध का अंत होगा।”

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – हाई-प्रोफाइल नामांकन के बावजूद नोबेल शांति पुरस्कार डोनाल्ड ट्रम्प की खोज अधूरी, जानिए विवरण – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

    Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – हाई-प्रोफाइल नामांकन के बावजूद नोबेल शांति पुरस्कार डोनाल्ड ट्रम्प की खोज अधूरी, जानिए विवरण – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड नॉयल को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला। हालाँकि, उन्होंने इसके लिए स्वयं भी प्रयास किया। उन्हें भी एड़ी-चोटी का जोड़ लगाने के लिए नोबल विशिष्ट जाने के प्रयास में रखा गया, लेकिन हाईप्रोफाइल मीयाद के बदले वेनेजुएला की महिला एक्टिविस्ट मचाडो को नोबल के लिए चुना गया गया। मचाडो को वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए काफी संघर्ष करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने तानाशाही को उखाड़ फेंकने वाले क्रांतिकारी और लोकतांत्रिक लोकतांत्रिक परिवर्तनों का भी उल्लेख करने का प्रयास किया।

    अनौपचारिक रूप से नोबेल के पात्र नहीं बने

    इस बात पर हो रही है चर्चा कि नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में इस बात पर चर्चा हो रही है कि किसी को यह सम्मान नहीं मिला। असल में, अमेरिकी राष्ट्रपति लंबे समय से प्रतिष्ठित पुरस्कार की इच्छा पर बयान देते आए हैं। कथित तौर पर दावा किया जाता है कि उन्होंने दुनिया भर में कई संघर्षों को खत्म कर शांति स्थापित करने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह काम पुरस्कार के लिए नहीं, बल्कि उनका मकसद लोगों की जान बचाना था।’ हालाँकि, नोबेल के लिए नामांकन की प्रक्रिया से लेकर एक तथ्य यह भी है कि उनके समर्थन में अधिकांश नामांकन 2025 पुरस्कार की अंतिम तिथि (1 फरवरी) के बाद आई थी। इस कारण से अप्रचलित रूप से पात्र नहीं बन पाया।

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    रिपब्लिकन रिपब्लिकन वीडियो टेनी नेसॉक की थी

    नोबेल पुरस्कार की वकालत करने वाले लोगों में अमेरिका के रिपब्लिकन रिपब्लिकन क्लाउडिया टेनी का नाम भी शामिल है। टेनी का कहना है कि नवंबर, 2024 में चुनाव के बाद अख्तर ने दिसंबर में ‘अब्राहम एकॉर्ड’ (अब्राहम समझौते) के तहत 2020 में इस्राइल और कई अरब देशों के बीच संबंध सामान्य बनाने में योगदान दिया। इसके बावजूद, नोबेल समिति ने अंतिम चरण को रद्द कर दिया। नोबेल समिति के निर्णायक को ‘अपमान’ मान रहे हैं। गाजा में युद्धविराम का पहला चरण लागू होने के कुछ ही घंटे बाद नोबेल शांति सम्मान की घोषणा हुई। इसे लेकर अंतिम के शॉट में इज़ाफ़ा है।

    अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल


    बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना 1901 में हुई थी। यह उन लोगों को दिया जाता है जो राष्ट्रों के बीच भाईचारा को बढ़ाते हैं, सेना के उपयोग में कमी लाते हैं या शांति के प्रयास को बढ़ावा देने में विशेष योगदान देते हैं। अब तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों- थियोडोर रूजवेल्ट (1906), वुडरो विल्सन (1919) और बराक ओबामा (2009) को नोबेल शांति सम्मान दिया जा चुका है।

    सात युद्ध ख़त्म होने का दावा, कई प्रसंगों में योगदान सिद्धांतों…


    नोबेल से लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता कलाकार ने कहा कि उन्हें बिना कुछ बताए ही पुरस्कार दे दिया गया। समर्थकों का दावा है कि वे सात युद्ध में ख़त्म हुए तकनीशियन हैं, हालाँकि कई मामलों में उनका योगदान भी आ रहा है। तीन साल से ज्यादा समय की रिलीज रूस-यूक्रेन वॉर (फरवरी, 2022 से) पर रियाल ने कहा कि वह इसे ‘एक दिन में खत्म कर सकती हैं।’ हालाँकि, अभी तक दोनों देशों का दुश्मन नहीं था। यूक्रेन के अविश्वास प्रस्ताव पर स्टालिन ने शांति के प्रयास को बाधित करने के आरोप लगाए थे।

    कई आंतरिक औषधियों से भी भरा हुआ प्रशासन


    नोबेल को लेकर हो रही रही बयानबाजी और व्हाइट हाउस की ओर से यह विवाद जारी बयान से इतर अंतिम प्रशासन अमेरिका में कई आंतरिक बसों से भी पकड़ा गया है। बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सरकारी और कानूनी समर्थकों का उपयोग और नेशनल गार्ड्स के संगीत जैसे छात्रों पर उनकी आलोचना झेलनी पड़ रही है। स्केल ने पेरिस क्लाइस्टिक एक्स्ट्रीम से अमेरिका को बाहर निकलने का मौका दिया, इसके अलावा कई देशों के साथ व्यापार युद्ध भी शुरू हो गया। अपनी तीसरी नीति के कारण भी कट्टर आलोचक के प्रतिद्वंद्वी हैं।

    इस्राइल, कंबोडिया और पाकिस्तान ने किश्तों का समर्थन किया


    हालांकि यह भी दिलचस्प है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत और पाकिस्तान सरकार के समर्थकों को नोबेल का समर्थन कर चुके हैं। हालाँकि, यह प्रस्ताव देर से आया और इसी कारण इस वर्ष की नोबेल नामांकन सूची पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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    वेनेजुएला की ‘आयरन लेडी’ मचाडो को 2025 का नोबेल मिला

    बता दें कि इस साल वेनेजुएला की महिला मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति सम्मान मिला है। वे निरीक्षण अपने ही देश में छिपकर रह रहे हैं। आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम मैगजीन की ‘2025 के 100 सबसे ताकतवर लोगों’ की सूची में शामिल है। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति के अध्यक्ष ने मचाडो की शांति के एक साहसी और समर्थक के रूप में इंजीनियर की, जो बढ़ते ब्लैकआउट के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए लिखे हैं। पुरस्कार की घोषणा के दौरान नोबेल समिति ने कहा कि उन्होंने वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए मचाडो में काफी प्रयास किया। तानाशाही वाली व्यवस्था को तानाशाही लोकतंत्र में न्यायसंगत और मुद्रा परिवर्तन में संघर्ष के लिए प्रतिष्ठित किया गया है। मचाडो का संगठन- सुमाते लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। फ्री और तीरंदाजों की पैरोकार रैली मारिया कोरिना मचाडो ने साल 2024 के चुनाव में नामांकन की तरफ से ताल ठोकी थी। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी वेनेजुएला की सरकार ने रद्द कर दी थी।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – ट्रंप की अनदेखी के बाद नोबेल शांति पुरस्कार व्हाइट हाउस ने पैनल की आलोचना की और कहा कि उसने शांति के बजाय राजनीति को चुना – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    वेनेजुएला की अर्थशास्त्री नेता मारिया कोरिना मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। इसके साथ ही काफी लंबे समय से नोबेल पुरस्कार की मांग कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड डोनाल्ड का सपना टूट गया। अब इस अवॉर्ड को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को वेनेजुएला के नामांकन के नेताओं के बजाय नोबेल पुरस्कार समिति को शांति पुरस्कार देने की आलोचना की। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि, नोबेल पुरस्कार के चयन वाले पैनल ने राजनीति के बजाय शांति को चुना।

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    ‘युद्ध समाप्त करवाते राष्ट्रपति पद छोड़ें’

    हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- राष्ट्रपति अखंड शांति एकाग्रचित्त करते हैं, युद्ध समाप्त कराते हैं और लोगों की जान उत्पादन जारी रखते हैं। उनमें एक मानवतावादी का दिल है और उनका कोई नहीं होगा जो अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से पहाड़ों को भी हिला सके।

    आयरन लेडी के नाम से मशहूर हैं मचाडो

    वेनेजुएला की मुख्य अर्थशास्त्री नेता मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि, आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मचाडो का नाम टाइम मैगजीन की ‘2025 के 100 सबसे विलुप्त लोगों’ की सूची में शामिल है। इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति के अध्यक्ष ने मचाडो की शांति के एक साहसी और समर्थक के रूप में इंजीनियर की, जो बढ़ते ब्लैकआउट के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए लिखे हैं।

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    इस घोषणा के दौरान नोबेल समिति ने कहा कि वह वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए मारिया कोरिना मचाडो के एक न्यायसंगत में लोकतंत्र से काफी काम और तानाशाही करेंगे। तिब्बती परिवर्तनों को संघर्ष के लिए प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रतिष्ठित किया जाता है।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी वाणिज्य दूतावास में दिग्गजों और भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी के भारतीय दूतावास में उद्योगपतियों, पूर्व सैनिकों और भारतीयों से की बात विस्तार से कहा. उन्होंने बताया कि वे हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री, उप-प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री के साथ बातचीत कर चुके हैं और उनके देश के नेताओं ने भारत की तीव्र गति से प्रगति की है। महोबा की। इस दौरान उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिन्दूर का भी ज़िक्र किया।

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    ‘ऑपरेशन सिन्दूर में केवल अंतिम संस्कार को नष्ट किया गया’

    सुरक्षा और उपकरण के सन्दर्भ में रक्षा मंत्री ने एक स्पष्ट और आधुनिक नमूना पेश किया। उन्होंने 22 मई को सबसे पहले उस तूफान के अवशेषों का जिक्र किया था, जहां पर आश्रम के लोग थे और वैज्ञानिकों ने बातचीत की थी। उनका कहना है, इस घटना के बाद 23 तारीख को रक्षा मंत्रालय में सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बैठक में यह निर्देश दिया गया कि पाकिस्तान में मौजूद वैज्ञानिकों और उनके प्रशिक्षण-स्थलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। प्रधानमंत्री के साथ चर्चा के बाद आवश्यक लक्ष्य पहचान कर अभियान चलाया गया- जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई और लक्ष्य था; नागरिक अनुसंधान को नष्ट नहीं किया गया, बल्कि केवल वैज्ञानिक साक्ष्य को नष्ट किया गया।

    भारत हिंसा में विश्वास नहीं- राजनाथ सिंह

    राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत में हिंसा पर विश्वास नहीं किया जा सकता, अपनी और नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना संभव है। वे यह संदेश देना चाहते थे कि भारत अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सम्मान और प्रभाव रखता है – न केवल विकास का कारण बल्कि अपनी सुरक्षा क्षमता और सीमित समुदायों के लिए भी।

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    भारत दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था- राजनाथ सिंह

    उन्होंने आर्थिक मामलों पर कहा कि भारत अब ग्लोबल मंच पर एक मजबूत आवाज बनी है। कुछ मुख्य बिंदु उन्होंने अपनी बातें रखी हैं। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले बड़े अर्थतंत्रों में शामिल है। विदेशी मुद्रा भंडार $700 से अधिक है, जो आर्थिक संस्थानों का संकेत है। सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए कई कदम उठाए हैं और चरम गरीबी अब बहुत कम है- केवल लगभग 2% लोग अत्यंत गरीबी रेखा पर हैं। यूनीफ़ाइड पैवेलियन (यू क्रूज़) की सफलता ने दुनिया को चौंका दिया है। डिजिटल भुगतान का यह मंच भारत की आर्थिक आधुनिकता का प्रतीक बन गया है। करीब 140,000 स्ट्रेटेजी अभी भी सक्रिय हैं।

  • Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | – Amar Ujala – फिलीपीन के भूकंपविज्ञानियों ने दक्षिणी क्षेत्र में 6.9 तीव्रता की प्रारंभिक तीव्रता के साथ नए अपतटीय भूकंप की रिपोर्ट दी है – अमर उजाला हिंदी समाचार लाइव

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    फिलिपिंस के दक्षिणी हिस्से में आज दूसरी बार फिर धरती जोर से कांपी है। देश के भूकंप के झटके ने बताया कि शुक्रवार को तट से दूर समुद्र में 6.9 भूकंप का भूकंप आया। यह ऑनलाइन है जहां सुबह 7.6 बजे दर्द का भूकंप आया था। इस बार भी भूकंप का केंद्र समुद्र के दक्षिणी अंदर फिलिपिंस के पास था। बता दें कि फिलीपिंस के ‘पेसिफिक रिंग ऑफ फायर’ पर बसा है, यह ऐसा अलौकिक स्थान है जहां बार-बार विस्फोट और भूकंप आते रहते हैं। इस वजह से देश में भूकंप आना आम बात है, लेकिन 6.9 भूकंप के झटके को गंभीर माना जाता है।

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    नागरिकों से अपील- चिंताएं नहीं, बल्कि चेतावनी बने रहें

    सरकारी एडाप्टेंट ने नागरिकों से अपील की है कि वे चिंतित नहीं हैं, बल्कि हिरासत में हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में सुरक्षा पैनल सक्रिय कर दिए गए हैं। इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग को पुलों, कारखानों और सड़कों की जांच के लिए भेजा गया है ताकि किसी भी नुकसान का जल्द पता चल सके। आपदा प्रबंधन ने लोगों को अपना बैग तैयार रखने और रेडियो या मोबाइल के लिए विरोध प्रदर्शन के लिए आधिकारिक तौर पर टॉयलेट पर ध्यान देने की सलाह दी है।

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    सुबह 7.6 तीव्रता का भूकंप आया

    बता दें कि, इससे पहले फिलिपींस में ही आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। टैब भूकंप के दर्द रिक्टर पैमाने पर 7.6 दर्ज किया गया था। इसके बाद अधिकारियों ने सुनामी की भी चेतावनी जारी की थी। इसके साथ ही ऑफ्टरशॉक्स के लिए नागरिकों को तैयार रहने के लिए कहा गया था। फिलीपींस इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र फिलीपींस के तटीय क्षेत्र में स्थित दवाओ ओरिएंटल प्रांत के मेन टाउन से 62 किमी दूर समुद्र में था। यह भूकंप जमीन से 10 किलोमीटर नीचे फॉल्ट लाइन पर आया था।