गुजरात के अहमदाबाद में AI-171 विमान हादसे में मारे गए पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने जांच में पारदर्शिता और विश्वसनीयता की कमी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने मांग की है कि इस मामले की न्यायिक निगरानी में स्वतंत्र जांच करवाई जाए.
प्रारंभिक जांच पर आपत्ति
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हादसे की प्रारंभिक जांच गंभीर रूप से खामियों से भरा है और ध्यान मुख्य रूप से उन पायलटों पर केंद्रित है, जो अब अपना बचाव नहीं कर सकते. याचिका पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स की ओर से दायर की गई है. AAIB की रिपोर्ट में मानवीय खामी को हादसे का कारण बताया गया था, लेकिन परिजनों और पायलट संगठनों का कहना है कि जांच में तकनीकी और प्रक्रियागत पहलुओं को ठीक से नहीं परखा गया.
जांच टीम की निष्पक्षता पर सवाल
याचिका में जांच समिति की स्ट्रक्चर पर भी आपत्ति जताई गई है. इसमें अधिकतर सदस्य डीजीसीए और राज्य विमानन अधिकारियों से जुड़े हुए हैं, वही संस्थाएं जिनकी प्रक्रियाएं और निगरानी इस हादसे में सवालों के घेरे में हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जांच एजेंसियां खुद अपनी जांच कर रही हैं, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है.
पायलट का रिकॉर्ड
कैप्टन सुमीत सभरवाल का 30 साल का बेदाग करियर रहा था, जिसमें 15,638 घंटे की सुरक्षित उड़ान शामिल है. वह बोइंग 787-8 विमान पर 8,596 घंटे तक बिना किसी अनहोनी के उड़ान भर चुके थे. याचिका में मांग की गई है कि हादसे की जांच सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से कराई जाए, ताकि असली कारणों की पारदर्शी जांच हो सके और भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों.
कैसे हुआ था हादसा?
12 जून, 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया फ्लाइट 171 उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसमें 12 क्रू मेंबर और 229 यात्री मारे गए, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया था. विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, जिसमें 19 लोगों की जान गई.
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