दिवाली का त्योहार इस बार कल यानी 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूरे देश में सभी घरों में दीए जलाए जाते हैं, घर को सजाया जाता है और आतिशबाजी का मजा लिया जाता है. लेकिन इस खुशी के बीच थोड़ी सी लापरवाही बड़ा हादसा बन सकती है. हर साल दिवाली के मौके पर कई जगहों पर पटाखों से आग लगने और चोट लगने के मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में दिवाली पर पटाखे जलाते समय सावधानी रखना काफी जरूरी होता है, ताकि दिवाली की खुशियां बरकरार रहे. अब चलिए आज हम आपको दिवाली पर पटाखे जलाने से पहले कुछ सेफ्टी टिप्स बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप बड़े हाथों से बच सकते हैं.
दिवाली पर पटाखे जलाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
घर पर फर्स्ट एड बॉक्स रखें-त्योहार के मौके पर अक्सर फुलझड़ियां अनार जलाते वक्त छोटी-मोटी चोट लग जाती है, ऐसे में घर पर फर्स्ट एड बॉक्स तैयार रखें. इसमें एंटीसेप्टिक क्रीम, पेन किलर साफ करने वाला लोशन, पट्टी रुई और ग्लव्स जरूर रखें.
कानों पर लगाए इयरप्लग- कई पटाखे की आवाज 100 डेसिबल से ज्यादा होती है, जो कानों के पर्दों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार तेज आवाज से कान सुन्न पड़ सकते हैं. ऐसे में पटाखे चलाते समय इयरप्लग लगाना ज्यादा बेहतर रहता है. वहीं आंखों की सुरक्षा के लिए भी आप जीरो पावर या ट्रांसपेरेंट चश्मा लगा सकते हैं.
कॉटन के कपड़े पहने, सिंथेटिक से बचें- पटाखे चलाते समय कपड़ों का चुनाव भी बहुत मायने रखता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नायलॉन या सिंथेटिक कपड़े बहुत जल्दी आग पकड़ लेते हैं और स्किन से चिपक जाते हैं. इसलिए आतिशबाजी करते समय हमेशा कॉटन के थोड़े फिटिंग वाले कपड़े पहनें. ढीले-ढाले कपड़े या दुपट्टा पहनने से बचें
खुले मैदान में ही करें आतिशबाजी- पटाखे हमेशा खुले मैदान में ही जलाए. घर के अंदर या बालकनी जैसी जगहों पर पटाखे जलाना खतरनाक हो सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार बंद जगह पर पटाखे जलाने से दम घुटने और आग फैलने की संभावना रहती है.
हाथ में पकड़कर न जलाएं पटाखे-हाथ में पकड़कर पटाखे जलाने से हाथ में धमाका हो सकता है और साथ ही चेहरा भी जल सकता है. ऐसे में हाथ में पकड़कर पटाखे जलाने से बचें.
पुराने या खराब पटाखे न जलाएं-कई बार पुराने या खराब पटाखे जलाने से धमाका हो सकता है. और इससे भी गंभीर हादसा भी हो सकता है
कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है.
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए.
इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.
We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking “Allow All Cookies”, you agree to our use of cookies.
Leave a Reply