स्कूल और कॉलेज के दिन सभी के लिए वो गोल्डन टाइम पीरियड होता है, जो जीवन भर याद रहता है और उन पलों को याद करते ही मन खुश हो जाता है. इस बात का अंदाजा आप श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या को देखकर भी लगाया जा सकता है.
दरअसल, श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या पद संभालने के बाद अपने पहले भारत दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अपने काम के साथ साथ अपने उस जगह के लिए भी समय निकाला जहां उन्होंने अपने जीवन के जरूरी साल गुजारे. ऐसे में उन्होंने अपने कॉलेज में भी विजिट किया और सभी मोमेंट्स को रिलीव किया. ऐसे में आइए जानते हैं कि दिल्ली के किस कॉलेज से पढ़ी है श्रीलंका की पीएम.
कई साल बाद क्लासरूम पहुंचीं डॉ. हरिनी
श्रीलंका की पीएम डॉ. हरिनी अमरसूर्या दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से पढ़ी हैं. यह बात 31 साल पुरानी है, जब हरिनी हिन्दू कॉलेज से समाजशास्त्र में अपनी ग्रेजुएशन कर रही थी. आज इतने सालों बाद भारत आके उन्होंने अपने बिजी शेड्यूल में से कुछ समय हिन्दू कॉलेज के लिए भी निकाला और अपने क्लासरूम गई. इतना ही नहीं उन्होंने कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ गप्पे भी लड़ाए और इस बेंच पर भी बैठी कहा बैठकर वो अक्सर नोट्स बनाया करती थी.
हिंदू कॉलेज का इतिहास
डीयू का हिन्दू कॉलेज काफी पुराना है. ये कॉलेज स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा हुआ है. दरअसल, 1899 में स्थापित ये कॉलेज आजादी के आंदोलन में नेशनलिस्ट का गढ़ माना जाता रहा है. इस कॉलेज ने समय समय पर देश को एक से एक बड़े नेता दिए है. इस कॉलेज की खास बात ये है कि यहां स्टूडेंट्स पार्लियामेंट भी है, जो साल 1935 में बनी थी.
कैसे ले सकते हैं हिन्दू कॉलेज में एडमिशन?
हिंदू कॉलेज भारत के टॉप कॉलेज में से एक है. ऐसे में इसमें एडमिशन मिलना काफी मुश्किल होता है क्योंकि कंपटीशन काफी ज्यादा होता है. इसमें एडमिशन के लिए सबसे पहले स्टूडेंट्स को सीयूईटी का एग्जाम देना होता है. इसके बाद उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉमन सीट एलोकेशन के लिए प्राथमिकताएं भरनी होती है. यहां एडमिशन आपके सीयूईटी स्कोर, आपके चुने हुए कोर्स और सीटों की उपलब्धता के आधार पर मिलता है.
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आंखों में सपने लिए, घर से हम चल तो दिए, जानें ये राहें अब ले जाएंगी कहां… कहने को तो ये सिंगर शान के गाने तन्हा दिल की शुरुआती लाइनें हैं, लेकिन दीपाली की जिंदगी पर बखूबी लागू होती हैं. पूरा नाम दीपाली बिष्ट, जो पहाड़ की खूबसूरत दुनिया से ताल्लुक रखती हैं. किसी जमाने में दीपाली के लिए पत्रकारिता का मतलब सिर्फ कंधे पर झोला टांगकर और हाथों में अखबार लेकर घूमने वाले लोग होते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आंखों में इसी दुनिया का सितारा बनने के सपने पनपने लगे और वह भी पत्रकारिता की दुनिया में आ गईं. उन्होंने अपने इस सफर का पहला पड़ाव एबीपी न्यूज में डाला है, जहां वह ब्रेकिंग, जीके और यूटिलिटी के अलावा लाइफस्टाइल की खबरों से रोजाना रूबरू होती हैं.
दिल्ली में स्कूलिंग करने वाली दीपाली ने 12वीं खत्म करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया और सत्यवती कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के दौरान वह विश्वविद्यालय की डिबेटिंग सोसायटी का हिस्सा बनीं और अपनी काबिलियत दिखाते हुए कई डिबेट कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की.
साल 2024 में दीपाली की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उन्होंने गुलशन कुमार फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (नोएडा) से टीवी जर्नलिज्म में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. उस दौरान उन्होंने रिपोर्टिंग, एडिटिंग, कंटेंट राइटिंग, रिसर्च और एंकरिंग की बारीकियां सीखीं. कॉलेज खत्म करने के बाद वह एबीपी नेटवर्क में बतौर कॉपीराइटर इंटर्न पत्रकारिता की दुनिया को करीब से समझ रही हैं.
घर-परिवार और जॉब की तेज रफ्तार जिंदगी में अपने लिए सुकून के पल ढूंढना दीपाली को बेहद पसंद है. इन पलों में वह पोएट्री लिखकर, उपन्यास पढ़कर और पुराने गाने सुनकर जिंदगी की रूमानियत को महसूस करती हैं. इसके अलावा अपनी मां के साथ मिलकर कोरियन सीरीज देखना उनका शगल है. मस्ती करने में माहिर दीपाली को घुमक्कड़ी का भी शौक है और वह आपको दिल्ली के रंग-बिरंगे बाजारों में शॉपिंग करती नजर आ सकती हैं.
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