कई छोटी दिखने वाली बीमारियां अक्सर फेफड़ों के लिए खतरनाक साबित हो जाती है. ऐसे ही सर्दियों का मौसम शुरू होते ही खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां भी आम हो जाती है. लेकिन इनके बीच सबसे खतरनाक बीमारी निमोनिया होती है, जो सीधे फेफड़ों पर असर डालती है. यह एक ऐसी वायरल बीमारी है जो बच्चों और बड़ों में तेजी से फैलती है. वहीं अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. हालांकि कुछ घरेलू नुस्खे और सही खानपान की मदद से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कौन से घरेलू नुस्खे अपनाने से निमोनिया कोसों दूर रहता है.
क्या है निमोनिया और कैसे फैलता है यह वायरल?
निमोनिया फेफड़ों का वायरल है जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से होता है. जब कोई व्यक्ति इस संक्रमण की चपेट में आता है, तो उसके फेफड़ों में पस और तरल पदार्थ भर जाते हैं. जिससे सांस लेने में दिक्कत, खांसी और सीने में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है. वहीं बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते हैं. इसके अलावा यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में भी फेल सकती है. इस बीमारी से संक्रमित इंसान के खांसने या छिंकने से निकलने वाले बैक्टीरिया फैलते हैं, जिससे दूसरा इंसान भी इस बीमारी के चपेट में आ सकता है.
क्या होते हैं निमोनिया के लक्षण?
निमोनिया के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह बैक्टीरिया से हुआ है या वायरस से. बैक्टीरियल निमोनिया में आमतौर पर तेज बुखार, खांसी, भूख न लगना, उल्टी, दस्त और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. वहीं वायरल निमोनिया में इन लक्षणों के अलावा सांस फूलना, सिर दर्द, ठंड लगना और बेचैनी भी हो सकती है.
इन घरेलू नुस्खे से कोसों दूर रहेगा निमोनिया
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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कविता गाडरी बीते कुछ साल से डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता की दुनिया से जुड़ी हुई है. राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाली कविता ने अपनी पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी में मास्टर्स और अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में की है.
पत्रकारिता में अपना सफर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से शुरू किया जहां उन्होंने नेशनल एडिशन और सप्लीमेंट्स जैसे करियर की उड़ान और शी न्यूज के लिए बाय लाइन स्टोरी लिखी. इसी दौरान उन्हें हेलो डॉक्टर शो पर काम करने का मौका मिला. जिसने उन्हें न्यूज़ प्रोडक्शन के लिए नए अनुभव दिए.
इसके बाद उन्होंने एबीपी नेटवर्क नोएडा का रुख किया. यहां बतौर कंटेंट राइटर उन्होंने लाइफस्टाइल, करंट अफेयर्स और ट्रेडिंग विषयों पर स्टोरीज लिखी. साथ ही वह कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगातार सक्रिय रही. कविता गाडरी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दक्ष हैं. न्यूज़ राइटिंग रिसर्च बेस्ड स्टोरीटेलिंग और मल्टीमीडिया कंटेंट क्रिएशन उनकी खासियत है. वर्तमान में वह एबीपी लाइव से जुड़ी है जहां विभिन्न विषयों पर ऐसी स्टोरीज लिखती है जो पाठकों को नई जानकारी देती है और उनके रोजमर्रा के जीवन से सीधे जुड़ती है.
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